jagdeep dhankhar biography in hindi
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Jagdeep Dhankhar Latest News – राजस्थान के छोटे से गांव में जन्म लेने वाले जगदीप धनखड़ ने देश के दूसरे सुप्रीम पद ‘उपराष्ट्रपति के पद’ आसीन हैं. शुरूआती दिनों में उन्होंने वकालत में अपना करियर बनाया था और उन्होंने लंबे समय तक वकालत की प्रैक्टिस भी की हैं. हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के वह लॉयर कर चुके हैं. उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट का दर्जा भी प्रदान किया था. वर्ष 1988 तक जगदीप धनखड़ की गिनती देश के प्रतिष्टित वकीलों में होने लगी थी पर बाद में उन्होंने राजनीति में आना उचित समझा. इस लेख में हम आपको भारत के उपराष्टपति व भारतीय जनता पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता श्री जगदीप धनखड़ की जीवनी (Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

जगदीप धनखड़ की जीवनी (Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi)

पूरा नाम जगदीप धनखड़
उम्र 73 साल
जन्म तारीख 18 मई, 1951
जन्म स्थान किठाना, झुंझनू , राजस्थान
शिक्षा एलएलबी
कॉलेज राजस्थान विश्वविद्यालय
वर्तमान पद भारत के 14वें उपराष्ट्रपति
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम मोकल चंद
माता का नाम केसरी देवी
पत्नी का नाम सुदेश धनखड़
बच्चे एक बेटी
बेटें का नाम
बेटी का नाम कामना
स्थाई पता ग्राम एवं पी.ओ. किठाना, जिला झुंझुनू, राजस्थान
वर्तमान पता उपराष्ट्रपति एन्क्लेव, 108, चर्च रोड, नई दिल्ली
फोन नंबर 011-23094953/54
ईमेल vpindia[at]nic[dot]in

जगदीप धनखड़ का जन्म और परिवार (Jagdeep Dhankhar Birth & Family)

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को राजस्थान के झुंझनू जिले के किठाना में हुआ था. उनके पिता का नाम गोकल चंद था और उनकी माँ का नाम केसरी देवी था. जगदीप धनखड़ अपने चार भाई बहनो में दूसरे स्थान पर आते हैं. उनका विवाह 1979 में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है. उनकी एक बेटी है, जिसका नाम कामना है. जगदीप धनखड़ हिन्दू है और जाति से जाट है. उनपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

जगदीप धनखड़ की शिक्षा (Jagdeep Dhankhar Education)

जगदीप धनखड़ की प्राथमिक शिक्षा अपने गांव किठाना के स्कूल से हुई थी. बाद में उन्होंने आगे की स्कूल की शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौरगढ़ से पूरी की थी. बाद में कॉलेज की पढाई उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से ग्रेजुएशन पूरी की. उन्होंने राजस्थान के महाराज कॉलेज, जयपुर में स्नातक की पढाई के लिए दाखिला लिया. यहाँ से उन्होंने भौतिकी विज्ञानं में BSE की ड्रिग्री ली. वर्ष 1978 में जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विश्वविद्यालय, से एलएलबी करने के लिए दाखिला लिया.

जगदीप धनखड़ का शुरूआती जीवन (Jagdeep Dhankhar Early Life)

जगदीप धनखड़ एलएलबी की डिग्री लेने के बाद वकालत को ही अपने पेशे के रूप में चुना था. उन्होंने 1979 में राजस्थान बार काउंसिल की सदस्यता ली. धनखड़ के कई सालो तक वकालत करने के बाद उन्हें वर्ष 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया था. जगदीप धनखड़ को राजस्थान हाई कोर्ट में वरिष्ठता का दर्जा उन्हें 30 जुलाई 2019 तक राज्यपाल बनने तक प्राप्त थी. हालाकिं जगदीप धनखड़ केवल जयपुर तक ही वकालत नहीं की बल्कि वह देश के कई अन्य उच्च न्यायालयों और देश के सबसे बड़े न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस कर चुके है. जगदीप धनखड़ ने 1990 के बाद से मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की थी. राज्यपाल का संवैधानिक पद पाने के बाद जगदीप धनखड़ ने वकालत छोड़ दी.

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर (Jagdeep Dhankhar Political Career)

जगदीप धनखड़ की राजनीतिक यात्रा 1989 से शुरू हुई थी. पहली बार उन्होंने जनता दल के टिकट पर नौवीं लोकसभा के लिए राजस्थान के झुनझुनू से उम्मीदवार बने थे. पहली बार उन्होंने चुनाव लड़ा और उन्हें अपने पहले ही चुनाव में जीत हासिल हुई. जीत के बाद धनखड़ 1990 में चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य मंत्री बनाये गए थे. बाद में उन्होंने केंद्र की राजनीति से दुरी बना ली और राज्य की राजनीति में कदम रखा. जगदीप धनखड़ 1993 से लेकर 1998 तक राजस्थान में विधायक रह चुके हैं.

जगदीप धनखड़ ने अपनी राजनीतिक यात्रा भले ही जनता दल से आरम्भ की थी पर बाद में जब जनता दल का विभाजन हो गया तब वह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के गुट में शामिल हो गए. इसके बाद वह ज्यादा दिनों तक एचडी देवेगौड़ा वाले गुट में भी नहीं रह पाएं और जल्द ही वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. जगदीप धनखड़ कांग्रेस के टिकट पर अजमेर लोकसभा से खड़े भी हुए थे पर इस बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. उसके बाद जिस समय केंद्र में अटल बिहारी बाजपेयी की इंडिया साइन का नारा लग रहा था तभी धनखड़ कांग्रेस छोड़कर वर्ष 2003 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.

जगदीप धनखड़ को भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी अभियान समिति का सदस्य बनाया था जबकि पार्टी ने वर्ष 2016 में उन्हें कानून और क़ानूनी मामलों के विभाग का नेतृत्व का जिम्मा सौपी थी.

जगदीप धनखड़ को 20 जुलाई 2019 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था. बाद में उन्हें 30 जुलाई 2019 को राजभवन में शपथ दिलाई गयी थी. जगदीप धनखड़ जब तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद पर रहे तब तक उनका टकराव वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ चलता रहा था. जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी के मुस्लिम तुस्टीकरण वाले कार्यो से हमेशा असहमत रहे और इस कारण पश्चिम बंगाल के राजभवन और मुख्यमंत्री के बीच नोक-झोक जारी रहा.

जगदीप धनखड़ को 16 जुलाई 2022 को भारतीय जनता पार्टी की प्रभुत्व वाले जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने भारत के उप राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया. उन दिनों भाजपा ने इन्हे किसान के तौर पर पेश किया हालाकिं यह अलग बात हैं कि धनखड़ ने कभी भी खेती-बाड़ी नहीं की हैं. वह ग्रामीण क्षेत्र से जरूर हैं पर उन्होंने शुरू से शहरी जीवन बिताया हैं और हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में अपना जीवन वकालत में बिताया हैं. बाद में धनखड़ की जीत हुई.

6 अगस्त, 2022 को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव सम्पन हुआ और उसी शाम मतों की गिनती भी पूरी कर ली गई. उस चुनाव में जगदीप धनखड़ 710 वैध मतों में से 528 मत प्राप्त करके विजयी हुए जबकि विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 मत मिले. इस चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव में भाग नहीं लिया. इस तरह जगदीप धनखड़ 74.37% वोटों के साथ जीत दर्ज करके 1992 के बाद सबसे ज्यादा मतों से उप राष्ट्रपति पद के लिए जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवार भी बन गए.

वर्तमान में जगदीप धनखड़ भारत के उप राष्ट्रपति के पद पर आसीन हैं.

इस लेख में हमने आपको राजस्थान भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जीवनी (Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

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