rajasthan election
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राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर 199 सीटों पर मतदान प्रक्रिया अभी जारी है. शाम 6 बजे के बाद सभी उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम मशीनों में कैद हो जाएगा. इससे पहले जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा सीट पर समीकरणों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गयी है. बीजेपी ने यहां अपने अनुभवी एवं वरिष्ठ नेता कालीचरण सराफ को ​एक बार फिर मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने उनके सामने महिला चेहरा अर्चना शर्मा पर दांव खेला है. दोनों के बीच तीसरी बार टक्कर हो रही है. पिछले दो चुनावों में सराफ ने अर्चना शर्मा को मात दी है. अबकी बार शर्मा पिछली दो हार का बदला लेना चाह रही है. वहीं बीजेपी लगातार जीत का चौका लगाने की कोशिश में है.

हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के अन्य दावेदार सार्वजनिक तौर पर शांत हैं लेकिन उनके सभी समर्थक अब भी पूरी तरह पार्टी के प्रत्याशियों संग नहीं जुड़ पाए हैं. इससे मामला दोनों के बीच घमासान टक्कर का बताया जा रहा है. पिछली बार इस क्षेत्र में 23 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. इस बार 10 प्रत्याशी मैदान में है लेकिन मुकाबला कालीचरण सराफ बनाम अर्चना शर्मा के बीच ही है.

मालवीय नगर में जातिगत समीकरण

मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटर्स की संख्या 2 लाख 16 हजार 873 है. इनमें से पुरुष 1 लाख 11 हजार 125 और महिला वोटर्स की संख्या 1 लाख 5 हजार 748 है. यह सीट ब्र​ह्ममण, वैश्य, सिंधी व ओबीसी बाहुल्य सीट है जिन पर बीजेपी का सीधा प्रभाव है. यहां सर्वाधिक ब्रह्मण- 52 हजार, अनुसूचित जाति- 29 हजार, अनुसूचित जनजाति-8 हजार, जैन- 27 हजार, सैनी-22 ​हजार, अग्रवाल- 21 हजार, खंडेलवाल-14 हजार, सिंधी-16 हजार, राजपूत- 4 हजार, पंजाबी-सिंधी-14 हजार, ओबीसी- 7 हजार और करीब दो हजार मुस्लिम वोटर्स हैं. 

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यह बीजेपी की ए ग्रेड की सीटों में शामिल है. हालांकि पिछली बार विधानसभा चुनाव में अर्चना ने कालीचरण सराफ को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन 1704 वोटों से हार गयी थी. इस बार 3530 नए वोटर मतदाता सूची में जुड़े हैं. अगर इनका फायदा अर्चना को मिलता है तो परिणाम कांग्रेस के पक्ष में जा सकते हैं.

मालवीय नगर के कुछ बड़े मुद्दे

मालवीय नगर के करतारपुरा नाला लंबे समय से पक्का करने की बात की जा रही है लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है. इस क्षेत्र में सीवर लाइन जर्जन है जिसकी वजह से सुबह कई जगह गंदा पानी ओवरफ्लो होता है. बीच कॉलोनियों में बाजार बढ़ने लगे हैं जिससे लोगों की शांति भंग होने लगी है और लोग परेशान हो रहे है. महेश नगर एवं टोंक फाटक पर जाम के चले अव्यवस्थित यातायात की समस्या इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे है.

दो बार हार से अर्चना को बनाया मजबूत

अर्चना शर्मा दो बार चुनाव हार चुकी है लेकिन क्षेत्र में लगातार सक्रिय रही है. महिला और ब्रह्ममण होने के नाते सहानुभूति की लहर भी उनके पक्ष में है. पिछले 5 सालों में क्षेत्र के करीब करीब हर घर में उनकी टीम ने संपर्क साधा है. इस बार अर्चना ने एक एक घर की महिलाओं से संपर्क किया है. शायद इसलिए अर्चना शर्मा को खुद की जीत की उम्मीद है. अर्चना को उम्मीद है कि वे जीत हार के अंतर को अबकी बार खुद के पक्ष में कर लेंगी. वहीं सत्ता पक्ष के खिलाफ जो एंटी इनकंबेंसी की लहर चल रही है, उससे सीधा नुकसान अर्चना को हो सकता है. कांग्रेस के अन्य टिकट के दावेदार वैश्य व ब्रह्मण वर्ग से जुड़े हैं, वे सभी खुलकर प्रत्याशी के विरोध में है.

सात बार के विधायक हैं सराफ, 41 साल से सक्रिय

बीजेपी के वरिष्ठ नेता कालीचरण सराफ पिछले चार दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं और 7 बार विधायक रहने का अनुभव है. सराफ वैश्य समाज का बड़ा चेहरा हैं जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल रहा है. संघ की पृष्ठ भूमि होने से प्रभावी लोगों तक सीधी पहुंच है. वर्ष 2008 के परिसीमन से अस्तित्व में आई मालवीय नगर पर कालीचरण सराफ लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं. पहले चुनाव में सराफ के सामने राजीव अरोड़ा कांग्रेस प्रत्याशी थे. 2013 व 2018 में अर्चना शर्मा को हार से लगातार दो बार हार मिल चुकी है.

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इस बार महिलाओं एवं ब्रह्मण वोटर्स के बंटने का खतरा हो सकता है. खुद के ही पार्षदों के बीच नाराजगी से नुकसान हो सकता है. मालवीय नगर सीट से बीजेपी के दावेदारों की लंबी सूची से भीतरघात का डर है. हालांकि कालीचरण का सात बार की विधायकी का अनुभव अर्चना शर्मा पर भारी पड़ते दिख रहा है.

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