इन दिनों राजनीति में पॉडकास्ट का चलन चल रहा है. कांग्रेस के नेता भी इस सीरीज में शामिल हैं जो किसी ऐतिहासिक राजनीतिक घटना से लेकर सत्ताधारी सरकार पर कसीदे कस रही है. इसी कड़ी में पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के साथ एक पॉडकास्ट में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दिए एक बयान पर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने करारा तंज कसा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का ये कहना कि ‘महात्मा गांधी को ‘इंग्लैंड’ में ट्रेन से उतार दिया गया था’, बहुत निराशाजनक है. किसी को भी राहुल गांधी से इतिहास नहीं सीखना चाहिए.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक पोस्ट करते हुए लहर सिंह सिरोया ने कहा, ‘मैंने इस इंटरव्यू को उत्सुकता से देखा, क्योंकि राहुल गांधी अपने परदादा पंडित नेहरू के बारे में बोल रहे थे. हालांकि, जब मैंने उन्हें (2 मिनट 40 सेकंड पर) यह कहते हुए सुना कि महात्मा गांधी को ‘इंग्लैंड’ में ट्रेन से बाहर निकाल गया था, तो मैं बहुत निराश हुआ. मैंने अपने दूसरे फोन पर वीडियो रिकॉर्ड किया, ताकि बाद में इसे एडिट करके छुपाया न जा सके. मैंने YouTube पर ऑटो कैप्शन भी कैप्चर किया है, जो दर्शाता है कि राहुल गांधी वास्तव में क्या कह रहे हैं.
यह भी पढ़ें: शिंदे और ठाकरे साथ-साथ: विसचु में तल्खी के बाद अब कौनसी खिचड़ी पक रही है?
किसी को भी उनसे इतिहास नहीं सीखना चाहिए. यहां तक कि मेरे जैसा व्यक्ति जो बहुत अधिक शिक्षित नहीं है, वह भी जानता है कि गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से बाहर निकाला गया था. दुख की बात है कि नेहरू सेंटर के लोग और सभी बुद्धिमान कांग्रेसी और संदीप दीक्षित जो बहुत अच्छे इंसान हैं, उन्होंने भी वीडियो जारी करने से पहले इस गलती को नहीं देखा.’
बीजेपी सांसद ने अपने दूसरे पोस्ट में कहा, ‘राहुल गांधी वीडियो में यह भी कहते हैं कि उनके परदादा और उनके चचेरे भाई गांधी जी के अपमान का बदला लेने के लिए कुछ अंग्रेजों को प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर निकालने के लिए इलाहाबाद रेलवे स्टेशन जाने की योजना बनाई थी. जून 1893 में जब गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से बाहर निकाला गया था, तब पंडित नेहरू केवल 4 साल के थे. क्या 4 साल का बच्चा विरोध करने के लिए इलाहाबाद रेलवे स्टेशन गया था?’
बता दें कि संदीप दीक्षित के साथ 32 मिनट के पॉडकास्ट में राहुल गांधी ने कई बातों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सच्चाई के लिए खड़े होना गांधी-नेहरू की परंपरा रही है और वो खुद को नेता के रूप में नहीं देखते, बल्कि सत्य का साधक मानते हैं. उन्होंने पॉडकास्ट में नेहरू की राजनीति, आदर्श, विचार और योगदान के बारे बात की. उन्होंने कहा कि भारत को उन स्थितियों का सामना करने की हिम्मत करनी पड़ेगी जो आज उसके सामने है. उन्होंने दावा किया कि आज भयंकर बेरोजगारी है, पूरा आर्थिक तंत्र विफल हो चुका है, देश में सद्भाव का अभाव है, यह सच्चाई है, इसे आपको स्वीकार करना पड़ेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि इस स्थिति से भारत के भविष्य को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि गांधी, नेहरू, आंबेडकर, पटेल और बोस ने वास्तव में यही सिखाया कि डर से दोस्ती कैसे करें. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी एक साम्राज्य के सामने खड़े हुए और उनके पास सच्चाई के अलावा कुछ नहीं था.