केंद्रीय बजट 2025 को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने दी प्रतिक्रिया, कहा- गरीबों को “खपाना” और पूंजीपतियों को “खजाना” देश में पिछले 11 वर्ष से यही हो रहा है, अत्यंत निराशाजनक केन्द्रीय बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है, राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश की जनता को हताश करने वाले बजट में हर वर्ग की उपेक्षा की गई है, डोटासरा ने आगे कहा- बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं लिया, हर बार की तरह राजस्थान के साथ भेदभाव हुआ, ERCP को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की घोषणा नहीं की, यमुना जल समझौते को लेकर भी कोई घोषणा नहीं हुई, -देश गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी से बुरी तरह त्रस्त है, महंगाई और रोजगार की दिशा में कोई घोषणा नहीं हुई, मध्यम वर्ग से ‘मोदी की लूट’ निरंतर जारी रहेगी, नौकरी के बिना.. युवा Overage हो जाएंगे, किसानों को फिर ठगा गया, MSP की घोषणा नहीं हुई, पुरानी पेंशन OPS को लेकर निराशाजनक रवैया बरकरार है, बजट में सिर्फ बिहार जैसे चुनावी राज्य पर फोकस था
सीएम भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय बजट पर दिया ये बयान, देखें पूरी खबर
बजट 2025 पर राजस्थान के मुखयमंत्री भजनलाल शर्मा ने दी प्रतिक्रिया, कहा- माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आदरणीया केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी द्वारा प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट को मुख्यमंत्री निवास पर सुना, यह सर्वसमावेशी बजट न केवल वर्तमान की समस्त आवश्यकताओं की परिपूर्ति करता है, बल्कि विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है, इस बजट में आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश एवं पर्यावरण संरक्षण का समुचित संतुलन देखने को मिला है
बजट 2025: टैक्स, छूट, खेती और रसोई… निर्मला के जादुई पिटारे से किसके लिए क्या निकला, जानें
देश का बजट 2025 आज हुआ पेश, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपना 8वां बजट किया पेश. वही संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने भयंकर हंगामा किया था, भारी हंगामे के बिच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पड़ा बजट, कुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष ने बजट सेशन से वॉकआउट कर दिया था, हालाँकि कुछ देर बाद ही सभी आ गए थे सदन में, वही इस बजट को देखें तो ऐसा लग रहा है कि सरकार का फोकस बिहार पर है, जहां इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बजट में मिडिल क्लास किए लिए भी हुए है कई बड़े ऐलान. अब सालाना 12 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं अब पिछले 4 साल का IT रिटर्न एकसाथ फाइल कर सकेंगे. सीनियर सिटीजंस के लिए TDS की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा- अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा.
बजट में बड़े ऐलान
कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी, पिछले 4 साल का IT रिटर्न एकसाथ फाइल कर सकेंगे
न्यू इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते लाया जाएगा. इन डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म को बाद में बताएंगे
कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए 5 साल का मिशन, इससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत बनेगा
किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख होगी
बुजुर्गो का बड़ी राहत, अब 1 लाख रुपये तक मिलेगा टैक्स डिडक्शन, पहले 50000 रुपये थी लिमिट
बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा, इससे छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा
अगले 6 साल मसूर, तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने के लिए फोकस
एक्सीलेंस फॉर आर्टिफिशियल फॉर AI के लिए 500 करोड़ रुपए का ऐलान
मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने का ऐलान
छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी होंगे
स्टार्टअप के लिए लोन 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जाएगा, गारंटी फीस में भी कमी होगी
MSME के लिए लोन गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़, 1.5 लाख करोड़ तक का कर्ज मिलेगा
खिलौना उद्योग के लिए मेक इन इंडिया के तहत विशेष योजना शुरू की जाएगी
23 IIT में 1.35 लाख स्टूडेंट्स मौजूद – IIT पटना का विस्तार होगा
नई व्यवस्था के इनकम टैक्स स्लैब क्या हैं?
- सालाना 3 लाख रुपये तक – कुछ नहीं
- ₹ 3,00,001 से ₹7,00,000 – 5%
- ₹7,00,001 से ₹10,00,000 – 10%
- ₹10,00,001 से ₹12,00,000 – 15%
- ₹12,00,001 से ₹15,00,000 – 20%
- ₹15,00,000 से ज्यादा – 30%
क्या हुआ सस्ता?
अब चमड़ा और लेदर के प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे. क्योंकि इसपर इम्पोर्ट ड्यूटी फ्री किया गया है
मोबाइल, लिथियम बैट्री और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे
कपड़ा- एलईडी टीवी सस्ता होगा
इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बहुत बड़ा ऐलान, देखें पूरी खबर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आज पेश कर रही है बजट 2025 , इस दौरान वित्त मंत्री ने किया है कई बड़े ऐलान, वित्त मंत्री ने कहा- यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए है समर्पित. हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं, हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है, हमारी अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, वही इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, कहा- न्यू इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते लाया जाएगा, इन डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म को बाद में बताएंगे, इसका मतलब यह की अब दिल्ली चुनाव के बाद नया इनकम टैक्स बिल होगा पेश
चुनाव से पहले इस प्रत्याशी का हुआ भयंकर एक्सीडेंट, कार्यालय में घुसी कार, पैर हो गया फ्रैक्चर
दिल्ली की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, चुनाव से पहले निर्दलीय प्रत्याशी का हुआ भयंकर एक्सीडेंट, मुंडका सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रामवीर शौकीन के कार्यालय में घुसी एक कार, इस हादसे में निर्दलीय प्रत्याशी रामवीर शौकीन का पैर हुआ फ्रैक्चर, वही रामवीर शौकीन ने विपक्षी दलों पर हमले की साजिश रचने का लगाया आरोप, इस मामले में पुलिस ने शुरू की जांच, यह पूरी घटना सीसीटीवी में हुई रिकॉर्ड, मिली जानकारी के अनुसार कार एक मोटरसाइकिल को बचाने के लिए अपना रास्ता बदलते समय शौकीन के ऑफिस में घुसती हुई दिखायी दे रही है, वही पुलिस के अनुसार दुर्घटना निलोठी गांव के 12वीं क्लास के एक छात्र की गलती के कारण हुई जो अपने चाचा के साथ स्कूल में आयोजित विदाई समारोह में शामिल होने के लिए उधार ली गई कार से जा रहा था
इस सीट पर जीत की राह तलाश रही बीजेपी के लिए ‘कमल’ खिला पाएंगे सूर्य?
उत्तर पूर्व दिल्ली की तिमारपुर विधानसभा सीट. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी को एक बार ही जीत का स्वाद चखने का मौका मिला है. इसके बाद यहां कभी पार्टी वापसी नहीं कर सकी. वहीं आम आदमी पार्टी यहां जीत की हैट्रिक जमा चुकी है. इससे पहले कांग्रेस को भी यहां से तीन बार जीत हासिल हुई है. आप ने चुनाव से ऐन पहले बीजेपी से पार्टी में शामिल हुए सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बनाया है. बिट्टू 2003 और 2008 में कांग्रेस के टिकट पर तिमारपुर से विधायक भी रह चुके हैं. बीजेपी ने उनके सामने सूर्य प्रकाश खत्री को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने लोकेंद्र कल्याण को टिकट दिया है.
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पिछला चुनाव हार गए थे बिट्ट
सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू ने पिछला विधानसभा चुनाव तिमारपुर सीट से ही बीजेपी के टिकट पर लड़ा था. हालांकि वह आप के दिलीप पांडेय से 24144 वोटों से हार गए थे और 38.13 प्रतिशत वोट हासिल कर सके थे. इस बार मैदान में उतरे बीजेपी के सूर्य प्रकाश खत्री के लिए मत प्रतिशत को बढ़ाना बहुत बड़ी चुनौती है. पिछली विधानसभा में आप के दिलीप पांडेय को 57.60 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. यहां चेहरा नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी की झाडू चलती है. ऐसे में बिट्टू पर जीत हासिल करना सूर्य प्रकाश के लिए आसान नहीं होगा.
किसका कब रहा कब्जा
तिमारपुर विधानसभा में 1993 में बीजेपी के राजेंद्र गुप्ता चुनाव ने पार्टी के लिए पहली और आखिरी जीत दर्ज की थी. 1998 में कांग्रेस के जगदीश आनंद और 2003 एवं 08 में सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू विजेता रहे. 2013 में आप से हरीश खन्ना और 2015 में पंकज पुष्कर और 2020 में दिलीप पांडेय विधायक रह चुके हैं. इस बार आम आदमी पार्टी ने सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है.
स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी
तिमारपुर वार्ड में पूर्वांचल का बड़ा वोट बैंक है. यह कमोबेश बीजेपी के पक्ष में वोट करने के लिए जाना जाता है जिससे पार्टी को फायदा हो सकता है. हालांकि राष्ट्रीय मुद्दों से ज्यादा यहां सीवर, पेयजल सहित अन्य स्थानीय मुद्दे हावी हैं. खत्री जाट जाति से आते हैं और जाट जाति का तिमारपुर में बहुत अधिक वोट नहीं है. वहीं मुखर्जी नगर ब्लॉक में पंजाबी समुदाय की 40 प्रतिशत तक आबादी है. बिट्टू को इनका समर्थन मिलता है तो उनको सीधा फायदा मिल सकता है. मल्कागंज वार्ड में वंचित समुदाय की बड़ी आबादी है, जो आप का अच्छा वोटर माना जाता है. वहीं पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार अमरलता सांगवान को केवल 2.50 प्रतिशत वोट मिले थे. अगर कांग्रेस यहां 10 फीसदी वोट भी हासिल कर पाती है तो मुकाबला और भी रोचक हो जाएगा. अब जीत का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आठ फरवरी को ही पता चल पाएगा.
राजस्थान में 53 IAS, 24 IPS, 113 RAS अधिकारियों के तबादले, देखें चौंकाने वाली लिस्ट
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 53 IAS और 113 RAS अधिकारियों के तबादले, 24 IPS और 34 IFS अफसरों के भी हुए तबादले, कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश
देखें 53 IAS ट्रांसफर लिस्ट
देखें 24 IPS लिस्ट
देखें RAS ट्रांसफर लिस्ट
देखें IFS तबादला सूची
जरनैल सिंह की जीवनी | Jarnail Singh Biography in Hindi
Jarnail Singh Latest News – जरनैल सिंह दिल्ली विधान सभा में तीन बार के विधायक है. वह दिल्ली के तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है. वह 2013, 2015 और 2020 विधायक चुने जा चुके है. इस बार के चुनाव में भी वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार है. इस लेख में हम आपको श्री जरनैल सिंह की जीवनी (Jarnail Singh Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
जरनैल सिंह की जीवनी (Jarnail Singh Biography in Hindi)
पूरा नाम | जरनैल सिंह |
उम्र | 43 साल |
जन्म तारीख | 15 मार्च 1981 |
जन्म स्थान | रामपुर, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | 12वीं |
कॉलेज | – |
वर्तमान पद | दिल्ली के तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, व्यापार |
राजनीतिक दल | आम आदमी पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | हरभजन सिंह |
माता का नाम | सुरजीत कौर |
पत्नी का नाम | सुखजीत कौर |
बच्चे | दो बच्चे |
बेटें का नाम | – |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | उत्तर प्रदेश |
वर्तमान पता | दिल्ली |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
जरनैल सिंह का जन्म और परिवार (Jarnail Singh Birth & Family)
जरनैल सिंह का जन्म 15 मार्च 1981 को उत्तर प्रदेश के रामपुर में जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम हरभजन सिंह था. वह एक किसान थे. उनकी माता का नाम सुरजीत कौर है, जिनके साथ वह दिल्ली में पले बढे थे. जरनैल सिंह ने वर्ष 2010 में सुखजीत कौर से विवाह किया था. उनके दो बच्चे है. जरनैल सिंह धर्म से पंजाबी है.
जरनैल सिंह की शिक्षा (Jarnail Singh Education)
जरनैल सिंह ने 12वीं कक्षा तक पढाई की है.
जरनैल सिंह का शुरूआती जीवन (Jarnail Singh Early Life)
जरनैल सिंह मध्यमवर्गीय परिवार से आते है. उनके पिता गांव में किसान हुआ करते थे. बाद में उन्होंने अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू किया और अब वह एक व्यवसायी है. जनरैल सिंह का जीवन दिल्ली में बीता है. बाद में जनरैल सिंह ने भी व्यापारिक क्षेत्र में कदम रखा और इसी में अपना करियर बनाया. शुरूआती दिनों में जरनैल सिंह ने जल शोधन उद्योग में कदम रखा. उन्होंने इस उद्योग में अपनी यात्रा एक आर ओ सिस्टम तकनीशियन के रूप में शुरू किया था. बाद में उन्होंने इस आरओ सिस्टम की डोर टू डोर स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इसके लिए उन्होंने एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना की और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक आरओ सिस्टम निर्माण इकाई शुरू की. वर्ष 2006 में जरनैल सिंह जल शोधन और उपचार उपकरण निर्माता संघ (WAPTEMA) के महासचिव बने. फिलहाल वह WAPTEMA के अध्यक्ष के रूप में पदस्थ हैं.
जरनैल सिंह का राजनीतिक करियर (Jarnail Singh Political Career)
जरनैल सिंह की राजनीतिक यात्रा 2011 में तब शुरु हुई जब उन्होंने इसी वर्ष आम आदमी पार्टी ज्यॉइन कर ली. जरनैल सिंह के राजनीति में आने का उद्देश्य सरकार और नौकरशाही व्यवस्था से भ्रष्टाचार को खत्म करना था. उन दिनों अरविंद केजरीवाल व उनके कई अन्य कार्यकर्ताओ मिलकर अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए आंदोलन का साथ दिया था. इस आंदोलन ने जरनैल सिंह का भी ध्यान अपनी ओर खींचा क्योकि वह भी देश से भ्रष्ट्राचार मिटाना चाहते थे.
उन दिनों अरविंद केजरीवाल ने कुछ लोगो के साथ मिलकर अन्ना हजारे के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) समूह बनाया था. IAC ने जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग की थी. जरनैल सिंह इस समूह से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने करियर की दिशा जो पहले व्यापार हुआ करता था, को बदलकर राजनीति की ओर मोड़ लिया और 2012 में बनने वाली आम आदमी पार्टी में एक कार्यकर्त्ता के तौर पर शामिल हो गए. जरनैल सिंह की यही से राजनैतिक यात्रा आरम्भ हुई थी. जरनैल सिंह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य के तौर पर माने जाते है.
इसके बाद जरनैल सिंह पहली बार 2013 में दिल्ली के तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के राजीव बब्बर से था. राजीव बब्बर 3 बार के विधायक ओपी बब्बर के बेटे है.
इससे पहले जरनैल सिंह की कोई राजनैतिक पृष्भूमि नहीं है और न ही इससे पहले उन्होंने कभी भी कोई नेतागिरी में भाग लिया था पर अब वह एक विधायक बन चुके थे और वह भी अपने पहले ही प्रयास में. उन दिनों वह दिल्ली विधानसभा के सबसे युवा सिख विधायक के रूप में जाने जाते थे. उनकी इस अभूतपूर्व सफलता के बाद पार्टी ने
जिला विकास समिति का अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद 2014 में जरनैल सिंह को आम आदमी पार्टी का युवा विंग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
इसके बाद जब दिल्ली में फरवरी 2015 में फिर से विधानसभा के चुनाव हुए तब उन्हें पार्टी ने फिर से तिलक नगर से अपना उम्मीदवार बनाया. इस बार उनकी फिर से जीत हुई. इस बार भी उनका मुकाबला भाजपा के राजीव बब्बर से था. लेकिन उन्होंने राजीव बब्बर को लगभग बीस हजार के मतों के अंतर से पराजित किया.
और जब 2020 दिल्ली विधान सभा चुनाव आया तब तीसरी बार आम आदमी पार्टी ने उन्हें तिलक नगर से अपना उम्मीदार बनाया. इस बार भी उन्होंने जीत दर्ज की. पिछले दो चुनावों की भांति इस बार भी उनका मुकाबला भाजपा के राजीव बब्बर से था. पर इस चुनाव में उन्होंने राजीव बब्बर को लगभग 28 हजार वोटो के अंतराल से पराजित किया. इस जीत के साथ जरनैल सिंह दिल्ली विधानसभा में तीसरी बार जीतकर विधायक बने.
वर्तमान में जरनैल सिंह आम आदमी पार्टी के विधायक है और दिल्ली के तिलक नगर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी है.
दिल्ली का तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र
तिलक नगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली के 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रो में से एक है. तिलक नगर विधानसभा सीट दिल्ली के उत्तरी जिले में पड़ता है. दिल्ली का तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र 2008 से अस्तित्व में आया है. इस निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 29 है. तिलक नगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है. दिल्ली के पश्चिमी लोक सभा क्षेत्र में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र आते है जिनमें तिलक नगर, मादीपुर, राजौरी गार्डन, हरी नगर, जजफगढ, जनकपुरी, विकासपुरी, द्वारका, मटियाला एवं उत्तम नगर है.
तिलक नगर की दुरी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से करीब 18 किलोमीटर है. यहाँ दिल्ली का मेट्रो स्टेशन भी है और इस क्षेत्र यातायात की भरपूर सुविधा है. आर्थिक दृष्टि से इस क्षेत्र की गिनती दिल्ली के स्टैंडर्ड एरिया में की जाती है क्योकि यह क्षेत्र सभी आवश्यक सुविधाओं से भरा हुआ है. यहाँ सड़क नेटवर्क भी व्यस्त है और रात दिन इनपर गाड़ियां दौड़ती रहती है.
अगर राजनैतिक चर्चा करें तो पिछले एक दशक से इस विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्ज़ा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहाँ से आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह ने जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी के राजीव बब्बर तो तीसरे नंबर पर कांग्रेस के रमिंदर सिंह थे.
जरनैल सिंह की संपत्ति (Jarnail Singh Net Worth)
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय अपने दिए गए हलफनामें में जरनैल सिंह ने अपनी सम्पत्ति 2 करोड़ 87 लाख रूपये घोषित की है जबकि उन पर 46 लाख का कर्ज भी है.
इस लेख में हमने आपको राजस्थान सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री जरनैल सिंह की जीवनी (Jarnail Singh Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.
RPSC में बैठे लोगों की संपत्ति की जांच के लिए बने आयोग, CBI जांच भूली भाजपा- बेनीवाल
नागौर से सांसद और RLP पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने RPSC मामले पर दिया बयान, इस मुद्दे पर प्रदेश की भजनलाल सरकार पर बरसे बेनीवाल, कहा- 2006 के बाद से लेकर अब तक राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे अधिकतर व्यक्तियों ने अपने चहेतों को अधिकारी बनाया और भारी भ्रष्टाचार किए, RPSC में व्याप्त संस्थागत भ्रष्टाचार ने इस पवित्र संस्था की साख का बंटाधार किया, एक अध्यक्ष सलाखों के पीछे भी गए, हाल ही में दो RPSC सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और इस प्रकार की खबर भी अपने आप में यह प्रमाण है कि आखिरकार अपने चहेतों को अधिकारी बनाने के लिए इस संस्था में बैठे जिम्मेदार, सत्ता के संरक्षण में किस तरह भ्रष्टाचार कर रहे है, सांसद बेनीवाल ने आगे कहा- मैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को याद दिलाना चाहता हूँ कि भाजपा जब विपक्ष में थी तब RPSC से जुड़ी भर्तियों की जांच सीबीआई से करवाने की बात करती थी लेकिन सत्ता में आने के बाद इस बात को भुला दिया गया, ऐसे में समाचार पत्र में प्रकाशित इस RAS भर्ती सहित रीट व कुछ अन्य भर्ती प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश, राजस्थान सरकार को करनी चाहिए ताकि पर्दे के पीछे बैठकर युवाओं के सपनों का सौदा करने वाले मगरमच्छों की सच्चाई जनता के सामने आ सकें और 2006 के बाद से RPSC अध्यक्ष बने लोगों द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपतियों की जांच के लिए एक आयोग का भी गठन सरकार को करना चाहिए
नई आबकारी नीति पर बोले सांसद बेनीवाल, कहा- यह निर्णय किसके दबाव में लिया? क्या सरकार में…
राजस्थान की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, राजस्थान में पहली बार एक साथ चार साल के लिए नई आबकारी नीति की गई है जारी, जिसमें हर वर्ष गारंटी राशि 10 प्रतिशत बढ़ाने का है प्रावधान, वही नई नई आबकारी नीति पर नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने दी प्रतिक्रिया, प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए बोले बेनीवाल, कहा- हम शराबबंदी के पक्षधर है मगर शराब बंदी करना या नहीं करना राजस्थान की भाजपा सरकार के विवेक पर निर्भर करता है परंतु राजस्थान सरकार ने जो नई आबकारी नीति की घोषणा की है, जिसके अनुसार अलग -अलग दुकानों के स्थान पर समूह में ठेके दिए जाएंगे उससे एकाधिकार की प्रवृति बढ़ेगी और माफिया हावी होंगे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूछना चाहता हूं कि प्रदेश में पहले से ही कानून व्यवस्था खराब है ऐसे में ऐसी आबकारी नीति लाकर माफिया राज को पनपाने के लिए आपकी सरकार ने आखिरकार यह निर्णय किसके दबाव में लिया? बेनीवाल ने आगे कहा- क्या सरकार में बैठे लोगों ने आबकारी की नई नीति बनाने से पहले उन शराब माफियाओं से सांठगांठ कर ली जिन माफियाओं के आतंक से राजस्थान में कई गंभीर आपराधिक घटनाएं हुई? पहले जब इस प्रकार की शराब नीति प्रभावी थी तब शराब माफियाओं ने राजस्थान में अनैतिक रूप से समानांतर सरकार चलाई और गांवों, शहरों में रेड पार्टी के नाम पर दहशत का माहौल बनाकर रखते थे, चूंकि उत्तरप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने सामूहिक रूप से शराब के ठेके देने की पद्धति को बंद किया था और उसके बाद राजस्थान में भी ऐसी नीति प्रभावी हुई लेकिन अब पुन: भारतीय जनता पार्टी की सरकार शराब माफियाओं का राज स्थापित करने के लिए यह नीति लेकर आई है जिसका हम पुरजोर विरोध करते है, सांसद बेनीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान आकर्षित करते पूछा- आखिरकार भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान की भाजपा सरकार ने शराब माफियाओं के हितों का संरक्षण करने वाली आबकारी नीति लाने का निर्णय किसके दबाव में लिया? राजस्थान सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में कहा है कि मदिरा दुकानों के आवंटन की वर्तमान पारदर्शी व्यवस्था को निरंतर रखते हुए सुधारात्मक प्रावधान नई नीति में प्रस्तावित किए है मगर सामूहिक आवंटन का प्रावधान शब्द इस नई आबकारी नीति में उल्लेखित होते ही यह स्पष्ट हो गया कि राजस्थान की सरकार बजरी माफियाओं के साथ अब प्रदेश में शराब माफियाओं को भी अपने समानांतर सरकार चलाने की अनुज्ञा देने जा रही है