नई आबकारी नीति पर बोले सांसद बेनीवाल, कहा- यह निर्णय किसके दबाव में लिया? क्या सरकार में…

hanuman beniwal big statement
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राजस्थान की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, राजस्थान में पहली बार एक साथ चार साल के लिए नई आबकारी नीति की गई है जारी, जिसमें हर वर्ष गारंटी राशि 10 प्रतिशत बढ़ाने का है प्रावधान, वही नई नई आबकारी नीति पर नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने दी प्रतिक्रिया, प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए बोले बेनीवाल, कहा- हम शराबबंदी के पक्षधर है मगर शराब बंदी करना या नहीं करना राजस्थान की भाजपा सरकार के विवेक पर निर्भर करता है परंतु राजस्थान सरकार ने जो नई आबकारी नीति की घोषणा की है, जिसके अनुसार अलग -अलग दुकानों के स्थान पर समूह में ठेके दिए जाएंगे उससे एकाधिकार की प्रवृति बढ़ेगी और माफिया हावी होंगे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूछना चाहता हूं कि प्रदेश में पहले से ही कानून व्यवस्था खराब है ऐसे में ऐसी आबकारी नीति लाकर माफिया राज को पनपाने के लिए आपकी सरकार ने आखिरकार यह निर्णय किसके दबाव में लिया? बेनीवाल ने आगे कहा- क्या सरकार में बैठे लोगों ने आबकारी की नई नीति बनाने से पहले उन शराब माफियाओं से सांठगांठ कर ली जिन माफियाओं के आतंक से राजस्थान में कई गंभीर आपराधिक घटनाएं हुई? पहले जब इस प्रकार की शराब नीति प्रभावी थी तब शराब माफियाओं ने राजस्थान में अनैतिक रूप से समानांतर सरकार चलाई और गांवों, शहरों में रेड पार्टी के नाम पर दहशत का माहौल बनाकर रखते थे, चूंकि उत्तरप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने सामूहिक रूप से शराब के ठेके देने की पद्धति को बंद किया था और उसके बाद राजस्थान में भी ऐसी नीति प्रभावी हुई लेकिन अब पुन: भारतीय जनता पार्टी की सरकार शराब माफियाओं का राज स्थापित करने के लिए यह नीति लेकर आई है जिसका हम पुरजोर विरोध करते है, सांसद बेनीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान आकर्षित करते पूछा- आखिरकार भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान की भाजपा सरकार ने शराब माफियाओं के हितों का संरक्षण करने वाली आबकारी नीति लाने का निर्णय किसके दबाव में लिया? राजस्थान सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में कहा है कि मदिरा दुकानों के आवंटन की वर्तमान पारदर्शी व्यवस्था को निरंतर रखते हुए सुधारात्मक प्रावधान नई नीति में प्रस्तावित किए है मगर सामूहिक आवंटन का प्रावधान शब्द इस नई आबकारी नीति में उल्लेखित होते ही यह स्पष्ट हो गया कि राजस्थान की सरकार बजरी माफियाओं के साथ अब प्रदेश में शराब माफियाओं को भी अपने समानांतर सरकार चलाने की अनुज्ञा देने जा रही है

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