हिमाचल: लाहौल-स्पीति में परिवर्तन का ट्रेंड, कांग्रेस पर सीट बचाने जबकि बीजेपी पर हासिल करने की चुनौती

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब से कुछ ही घंटों में शुरू होगा मतदान, लाहौल स्पीति विधानसभा सीट है सबसे छोटी लेकिन सियासी दलों के लिए है काफी अहम्, अनुसूच‍ित जनजात‍ि के ल‍िए आरक्ष‍ित इस सीट पर कांग्रेस-बीजेपी दोनों ने दिखाया दमखम, चुनावी नतीजे बताएंगे हकीकत

lahaul and spiti vidhansabha seat in himachal pradesh
lahaul and spiti vidhansabha seat in himachal pradesh

HimachalAssemblyElection. हिमाचल विधानसभा चुनावों का उलटा काउंट डाउन शुरू हो गया है. प्रचार और रैलियों का दौर थम चुका है और अब केवल आज की रात का इंतजार है. 12 नवंबर की सुबह मतदान होगा. आज पूरे दिन पार्टियां घर घर जाकर मतदाताओं को पक्ष में वोट डालने के लिए मान मनुहार करती नजर आएंगी. ऐसा ही कुछ आलम रहा लाहौल और स्पीति जिले की इकलौती विधानसभा सीट लाहौल और स्पीति क्षेत्र में, जहां घर घर प्रचार हो रहा है.

लाहौल और स्पीति विस का सियासी गणित
लाहौल और स्पीति क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की सबसे छोटी विधानसभा सीट है, जहां मतदाताओं की कुल संख्या 25431 है. मंडी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली इस विस में पुरूष मतदाता 12293 हैं, जबकि मह‍िला मतदाताओं की संख्‍या 12451 हैं जोक‍ि पुरूषों के मुकाबले ज्‍यादा है. 687 सर्विस वोटर भी यहां हैं. भाजपा और कांग्रेस के वर्चस्‍व वाली लाहौल और स्पीति विधानसभा सीट अनुसूच‍ित जनजात‍ि (ST) के ल‍िए आरक्ष‍ित है.

इस विस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों का बराबर का वर्चस्व है. यहां की जनता का आशीर्वाद कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी, दोनों पार्टियों को बराबर मिला है. 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के डॉ. रामलाल मारकण्‍डेय ने कांग्रेस के सीट‍िंग व‍िधायक रव‍ि ठाकुर को हराकर जीत हासिल की. इस बार मुकाबले में आप पार्टी भी है जिससे मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार दिख रहे हैं.

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25 सालों से परिवर्तन का दौर चल रहा सीट पर
इस सीट पर कुछ सालों पहले तक कांग्रेस का एक छत्र राज हुआ करता था. 1982 से 1993 तक के चार लगातार विस चुनावों में कांग्रेस यहां फतह हास‍िल करती आई है. 1998 के विधानसभा चुनावों में 13 साल बाद डॉ.रामलाल मारकाण्डेय ने कांग्रेस के इस किले को ढहाया. 2003 में कांग्रेस के रघुबीर स‍िंह ने फिर से ये सीट कांग्रेस के पाले में डाली तो 2007 के विधानसभा चुनावों में डॉ.रामलाल मारकाण्डेय ने बीजेपी को फिर से वापसी कराने में सफलता हासिल की.

2012 के चुनावों में लाहौल और स्पीति विस चुनावों में कांग्रेस ने नए चेहरे पर दांव खेलते हुए रवि ठाकुर को मैदान पर उतारा. परिवर्तन का ट्रेंड यहां भी बरकरार रहा और ठाकुर ने 3696 वोटों से बीजेपी के डॉ.रामलाल मारकण्डेय को मात दी. ठाकुर को 10187 वोट हासिल हुए जबकि डॉ.मारकाण्डेय को मात्र 6491 वोटों से ही संतुष्ठ होना पड़ा.

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2017 में भी यहीं ट्रेंड बना रहा और बीजेपी के डॉ.रामलाल मारकण्डेय ने सीटिंग विधायक रवि ठाकुर को हराते हुए सीट पर कब्जा जमाया. इस बार बीजेपी पर सीट बचाने जबकि कांग्रेस पर सीट हासिल करने की चुनौती रहेगी. आप पार्टी त्रिकोणीय समीकरण बनाते दिख रही है. हालांकि मुख्य मुकाबले बीजेपी बनाम कांग्रेस होने की संभावना ज्यादा बन रही है.

भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फ‍िर अपने रेगुलर उम्मीदवार डॉ.राम लाल मारकण्‍डेय को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने फिर से रव‍ि ठाकुर पर दांव खेला है. आप ने सुदर्शन जस्पा को मैदान में उतारा है. अब यहां आप पार्टी के सुदर्शन यहां त्रिकोणीय समीकरण बना पाते हैं या इतिहास फिर से अपने आप को दोहराता है और मोदी फैक्टर के चलते बीजेपी सीट बचाने में कामयाब हो पाती है, हर स्थिति को लाहौल और स्पीति में देखना रोचक रहने वाला है.

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