‘जो आंख दिखाएगा, बख्शेंगे नहीं…’ अपनी ही सरकार को चुनौती दे दी अजित पवार ने!

औरंगजेब विवाद और नागपुर हिंसा के बीच डिप्टी सीएम अजित पवार का ये बयान कहीं प्रदेश की सरकार पर न पड़ जाए भारी, मुस्लिम समाज को लेकर की गयी है टिप्पणी

ajit pawar after nagpur violence
ajit pawar after nagpur violence

महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा एवं उपद्रव के बाद नेताओं की बयानबाजी लगातार जारी है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे दो​षियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात पहले ही कह चुके हैं. इसी बीच प्रदेश के डिप्टी सीएम और एनसीपी सुप्रीमो अजित पवार ने एक अलग ही बयान देते हुए एनडीए गठबंधन के नेताओं और अपनी ही सरकार को परेशानी में डाल दिया है. ऐसा लगता है कि अजित पवार ने अपने नए बयान से अपनी ही सरकार को चुनौती दे दी है.

दरअसल, डिप्टी सीएम अजित पवार ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा या दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा. वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा. पवार ने पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिमखाना में दी गई इफ्तार पार्टी के दौरान ये बयान दिया.

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पवार ने ये भी कहा कि रमजान सिर्फ एक धर्म तक सीमित नहीं है. यह हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है. भारत विविधता में एकता का प्रतीक है. छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और शाहू जी महाराज ने जातियों को एकसाथ लाकर समाज के उत्थान का मार्ग दिखाया. हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है.

वहीं नागपुर हिंसा केस में बीती शाम तक पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब तक पुलिस 105 लोगों को हिरासत में ले चुकी है. इसके अलावा 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. पुलिस ने इस मामले में तीन नई एफआईआर भी दर्ज की है.

बता दें कि पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ, जब आजमी ने विधानसभा सदन के दौरान मुगल बादशाह औरंगजेब का महिमामंडन किया था. उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था. इसके बाद नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन करते हुए औरंगजेब की क्रब को हटाने की मांग की, जिसका समर्थन प्रदेश सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी किया था.

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इसी मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने नागपुर में प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया. जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इसे धार्मिक एंगल देते हुए दंगे भड़क उठे. दंगाईयों ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर भी पथराव किया.

इधर, नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई है. फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है. औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि नागपुर झड़प से ठीक पहले एक भाषण देकर इलाके में सांप्रदायिक तनाव को भड़ाकाने का काम किया था. ऐसे वक्त पर अजित पवार का ये वार कहीं अपनी ही सरकार पर गोल न कर दें.

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