सोनिया गांधी को अपना मत देने का अधिकार लेकिन पार्टी नहीं है उससे सहमत- कांग्रेस नेता का बड़ा बयान

बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय ने देश की भावना के अनुरूप नहीं किया कार्य, पूर्व पीएम की हत्या भारत के अस्तित्व पर है हमला, इसमें नहीं होता कोई राजनीति का रंग, इस तरह के अपराध में किसी को नहीं किया जा सकता रिहा- कांग्रेस

राजीव के हत्यारों की रिहाई पर भड़की कांग्रेस
राजीव के हत्यारों की रिहाई पर भड़की कांग्रेस

Rajiv Gandhi for Congress. देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए शीर्ष अदालत ने नलिनी, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार, एस राजा और श्रीहरन को रिहा कर दिया है. इससे पहले संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब कांग्रेस में दो फाड़ होती नजर आ रही है. जहां पार्टी के दिग्गज नेता सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं राजीव गांधी की पत्नी पहले ही इन आरोपियों को माफ़ कर चुकी है. इसी सिलसिले में शुक्रवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, ‘सोनिया गांधी अपना मत देने का अधिकार रखती हैं लेकिन, मैं पूरे सम्मान के साथ कहता हूं कि पार्टी उनके मत से सहमत नहीं है.’

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे छह अभियुक्तों को जेल से रिहा कर दिया है. शीर्ष अदालत ने नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत सभी दोषियों की रिहाई का आदेश दे दिया. कोर्ट का आदेश आने के एक घंटे बाद ही उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे सभी अभियुक्तों को रिहा कर दिया गया. बता दें कि जब नलिनी को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था उस दौरान वह गर्भवती थी. उसे गर्भवती हुए 2 महीने हो गए थे. नलिनी को फांसी की सजा होने वाली थी, लेकिन सोनिया गांधी ने ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने नलिनी को माफ कर दिया और कहा था कि, ‘किसी की गलती थी लेकिन सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जिसका अभी दुनिया में आना बाकी है.’ वहीं राहुल गांधी ने भी पिछले साल ही बड़ा बयान देते हुए अपने पिता की हत्या के दोषियों को माफ़ कर दिया था. राहुल ने कहा था कि, ‘मेरा किसी के प्रति गुस्सा या नफरत नहीं है. हालांकि मैंने अपने पिता को खो दिया और मेरे लिए यह बहुत कठिन समय था लेकिन मैंने उन्हें माफ़ किया.’

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सोनिया और राहुल कांग्रेस पार्टी में क्या स्थान रखते हैं इसके बारे में कुछ कहने या लिखने की जरुरत नहीं है लेकिन शुक्रवार को SC के आये फैसले को लेकर पार्टी अलग नजर आई. पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया. जेल से रिहाई के बाद कांग्रेस नेता एवं प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोनिया गांधी द्वारा दोषियों को माफ़ी देने और पार्टी द्वारा उठाए जा रहे सवालों को लेकर पत्रकार वार्ता के माध्यम से स्पष्टीकरण दिया. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, ‘सोनिया गांधी अपना मत देने का अधिकार रखती हैं लेकिन, मैं पूरे सम्मान के साथ कहता हूं कि पार्टी उनके मत से सहमत नहीं है और उन्हें भी यह बात स्पष्ट रूप से बता दी गई है. इस मामले में हमारे पास जो भी विकल्प होंगे उनका हम इस्तेमाल करेंगे. राजीव गांधी का बलिदान हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे. हमारी कोर्ट से अपील है कि वह दोषियों की रिहाई के आदेश को वापस ले ले. पूर्व पीएम की हत्या भारत के अस्तित्व पर हमला है. इसमें कोई राजनीति का रंग नहीं होता. इस तरह के अपराध में किसी को रिहा नहीं किया जा सकता.’

इस मामले में कांग्रेस नेता जय रमेश ने ट्वीटर के माध्यम से एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि, ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय ने देश की भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया. कांग्रेस पार्टी इसकी स्पष्ट रूप से आलोचना करती है और इसे पूरी तरह अक्षम्य मानती है.’ वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देशवासियों को आघात लगा है. देश की एकता व भारतीय उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने के लिए शहादत देने वाले श्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का आदेश जनभावना के अनुरूप नहीं है. सुप्रीम कोर्ट को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.’

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वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. स्टालिन ने कहा कि, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. नियुक्त किए गए राज्यपाल को चुनी हुई सरकार के फैसले को नहीं बदलना चाहिए.’ वहीं जेल से रिहा होने के बाद नलिनी ने एक टीवी चैनल से बात की. नलिनी ने कहा कि, ‘मैं आतंकवादी नहीं हूं. मैं पिछले 32 साल से जेल में बंद थी और ये मेरे लिए संघर्ष वाले समय रहे हैं. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करती हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया. विश्वास रखने के लिए मैं तमिलनाडु के लोगों और सभी वकीलों को धन्यवाद देती हूं.’

बता दें कि राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की धनु नाम की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी. लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छुए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया. धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए. राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.

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