केंद्र ने बैंकों को बनाया कलेक्शन एजेंट: मोदी सरकार पर क्यों भड़की कांग्रेस?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, वहीं लोकसभा में नेता प्र​तिपक्ष राहुल गांधी ने की आर्थिक नीतियों की आलोचना, बैंकिंग सेक्टर को संकट में पहुंचाने की बात भी कही

malikarjun kharge new statement against pm modi on rbi
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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एटीएम से नकदी निकासी पर चार्ज बढ़ाने के फैसले के बाद कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा और मोदी सरकार को बैंकों का कलेक्शन एजेंट बताया. एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बैंकों को कलेक्शन एजेंट में बदल दिया है. वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अपने अरबपति दोस्तों के ₹16 लाख करोड़ के कर्ज माफ कर दिए हैं. इससे बैंकिंग सेक्टर संकट में पहुंच गया है.

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खुलासा करने वालों का होता है ट्रांसफर

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अक्सर खुलासा करने वाले कर्मचारियों का जबरन ट्रांसफर किया जाता है, और बिना किसी प्रोसेस के नौकरी से निकाल दिया जाता है. अगर कोई बैंक कर्मचारी अवैध लोन देने के मामलों का खुलासा करता है, तो उसे प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने दो मामलों का जिक्र किया, जिसमें दबाव के कारण कर्मचारियों ने आत्महत्या तक कर ली थी. राहुल गांधी ने कहा कि संसद में ICICI बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों से मुलाकात के दौरान उन्हें बैंकिंग सेक्टर में हो रहे शोषण की जानकारी मिली.

आम नागरिकों के पैसे लूट रही सरकार

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी केंद्र सरकार पर तीखे वार करते हुए जनता से पैसे वसूलने का आरोप लगाया. उन्होंने उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, दर्दनाक महंगाई + बेलगाम लूट = वसूली के लिए बीजेपी का मंत्र.खड़गे ने कहा कि सरकार आम नागरिकों से पैसे लूट रही है. 2018 से 2024 के बीच बचत खातों और जनधन खातों में मिनिमम बैलेंस न रखने पर सरकार ने जनता से लगभग ₹43,500 करोड़ वसूलती है और संसद में इस फीस से होने वाली वसूली का डेटा भी साझा नहीं करती.

एक मई से एटीएम निकासी होगा महंगा

आरबीआई की नयी गाइडलाइन के अनुसार, एक मई से ग्राहकों को मंथली फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पार करने पर हर एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहकों को एडिशनल चार्ज का भुगतान करना होगा. इसका अतिरिक्त भार उपभोक्ता की जेब पर पड़ेगा. इसके लेकर विपक्ष सत्ताधारी सरकार पर अंगुली उठा रहा है.

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