नियमितीकरण के नाम पर संविदा कर्मियों के सेवा अनुभव को जीरो करना सरासर विश्वासघात- राठौड़

Rajasthan Contractual Hiring to Civil Post Rules,2022 के अंतर्गत लाखों संविदाकर्मियों के लिए नोटिफिकेशन की दिनांक से 9 व 18 साल के अनुभव की पुनःगणना की जायेगी यानी कि संविदाकर्मियों की पुरानी सर्विस का अनुभव शून्य हो जायेगा और नये सिरे से उनके अनुभव की गणना की जायेगी, जो कि वर्षों से नियमतिकरण की बाट जो रहे हजारों संविदाकर्मियों के साथ सीधा सीधा विश्वासघात है- राजेन्द्र राठौड़

राठौड़ के निशाने पर गहलोत सरकार
राठौड़ के निशाने पर गहलोत सरकार

Rajendra Rathod on Gehlot Govt. हाल ही में दीवाली के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए प्रदेश में राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल-2022 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव के जरिए गहलोत सरकार एक लाख 10 हजार से अधिक संविदाकर्मियों को नियमों के दायरे में लाकर लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के साथ साथ प्रदेश के लाखों संविदाकर्मियों ने गहलोत सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि जन घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार 4 साल बाद ‘उल्टे बांस बरेली को’ कहावत को चरितार्थ करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदाकर्मियों को Rajasthan Contractual Hiring to Civil Post Rules, 2022 के दायरे में लाकर नियमितिकरण करने का झुनझुना पकड़वा रही है जबकि राज्य के लाखों संविदाकर्मी राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ आक्रोशित है.

गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए पूर्व चिकित्सा मंत्री और दिग्गज भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान द्वारा दिनांक 10 नवंबर 2022 को जारी नोटिफिकेशन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदाकर्मियों को नियमितीकरण करने के नाम पर पूर्व पदनामों को बदलकर कर नवीन पदनाम देना, विभाग में कई वर्षों से कार्यरत हजारों संविदाकर्मी के सेवा अनुभव को शून्य करना संविदाकर्मियों के साथ सरासर धोखा एवं विश्वासघात है.

यह भी पढ़े: मैं हाथ और फूल के दम पर नहीं लड़ता चुनाव, मेरा तो चेहरा ही काफी है- मंत्री गुढ़ा का बड़ा बयान

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार Rajasthan Contractual Hiring to Civil Post Rules,2022 के अंतर्गत ग्राम पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी व पैराटीचर्स के बाद अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदाकर्मियों के लिए भी नोटिफिकेशन की दिनांक से 9 व 18 साल के अनुभव की पुनःगणना की जायेगी यानी कि संविदाकर्मियों की पुरानी सर्विस का अनुभव शून्य हो जायेगा और नये सिरे से उनके अनुभव की गणना की जायेगी, जो कि वर्षों से नियमतिकरण की बाट जो रहे हजारों संविदाकर्मियों के साथ सीधा सीधा विश्वासघात है.

यह भी पढ़े: ‘सरकार नहीं निकाल पा रही OBC विसंगतियों का समाधान, क्या इसमें भी भारी पड़ रही है ब्यूरोक्रेसी?’

इसके साथ ही बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार संविदाकर्मियों के नियमितिकरण की आड़ में उनका वेतन कम कर अपने जन घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों के नियमितीकरण के वादे के नाम पर सिर्फ वाहवाही लूट कर उनके साथ छलावा कर रही है. हकीकत तो यह है कि सरकार संविदाकर्मियों को नियमित कर्मचारी की भांति पेंशन व ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दे रही है और Rajasthan Contractual Hiring to Civil Post Rules,2022 के माध्यम से एक बार फिर 5 साल के लिए संविदाकर्मियों की भर्ती करने का कुकृत्य कर रही है.

Leave a Reply