मैं हाथ और फूल के दम पर नहीं लड़ता चुनाव, मेरा तो चेहरा ही काफी है- मंत्री गुढ़ा का बड़ा बयान

मैं आज तक अपने दम पर जीता हूँ चुनाव, इसके लिए नहीं है मुझे किसी भी सियासी दल की जरुरत, मेरे क्षेत्र की जनता ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसलिए मुझे नहीं लगता किसी का डर, मोदी-शाह जब राजस्थान में सरकार गिराने आये थे तब मैंने ही ठोकी थी उनके सामने ताल, भारत जोड़ो यात्रा है देश के इतिहास की सबसे बड़ी यात्रा- राजेंद्र गुढ़ा

राजेंद्र गुढ़ा का बड़ा बयान
राजेंद्र गुढ़ा का बड़ा बयान

Rajendra Gudha/Rajasthan. ‘मैं किसी भी पार्टी के भरोसे चुनाव नहीं लड़ता, जनता मेरी शक्ल देख कर ही मुझे वोट दे देती है, मैं 5 साल में एक बार तो जेल जाता ही जाता हूँ क्योंकि जेल जाने का मेरा लाइसेंस बना हुआ है, लेकिन इस बार मेरा जेल जाने का लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ,’ ये कहना है प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का है. अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाले राजेंद्र गुढ़ा पिछले कुछ दिनों से जमकर सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. कभी कट्टर गहलोत समर्थक माने जाने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने हाल ही में पाला बदलकर सचिन पायलट के खुलकर समर्थन में आ गए हैं. यही कारण है कि गुरुवार को राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार फिर अपना सचिन पायलट को प्रदेश की कमान सौंपने की बात कही. गुढ़ा ने कहा कि, ‘अगर सचिन पायलट को अभी मुख्यमंत्री की कमान नहीं दी गई तो आगामी चुनाव में कांग्रेस के बस उतने ही विधायक आएंगे जो फॉर्च्यूनर में बैठकर तीर्थ यात्रा पर निकल जाएंगे.’

गुरूवार को झुंझनू के मून बाग़ में कर्मा सिटी क्रिकेट कप का फाइनल मुकाबला था. ऐसे में इस मुकाबले में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शिरकत की थी. इस दौरान अपने सियासी व्यक्तित्व के अनुरूप उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘मैं आज तक अपने दम पर चुनाव जीता हूँ और इसके लिए मुझे किसी भी सियासी दल की जरुरत नहीं है. मैं कभी भी हाथ और फूल के दम पर चुनाव नहीं लड़ता क्योंकि मुझे कभी किसी की मेहरबानी की आवश्यकता नहीं पड़ी और ना ही है. मेरे काम की वजह से जनता साथ है और वो मेरे चेहरे पर वोट करती है. मेरे क्षेत्र की जनता ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसलिए मुझे किसी का डर नहीं लगता.’

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राजेंद्र गुढ़ा ने आगे बड़ा बयान देते हुए जेल का भी जिक्र किया. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘पांच साल में एक बार जेल जाने का लाइसेंस बना हुआ है. इसलिए मैं पांच साल में एक बार जेल चला जाता हूं लेकिन, इस बार मेरा लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ है.’ वहीं कार्यक्रम के इत्तर मीडिया को दिए बयान में राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार फिर सचिन पायलट को प्रदेश की कमान सौंपने की बात कही. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘मैं यह कहता हूं कि अब तक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए था लेकिन अब लेट हो गए. फिर भी अभी भी अगर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया जाता है तो सरकार रिपीट हो सकती है. और अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर चुनाव के बाद कांग्रेस के सभी विधायक एक फॉर्च्यूनर में आ जाएंगे राजस्थान और चारों धाम की यात्रा पर निकल पड़ेंगे.’

इस दौरान मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘आने वाले समय में हम भाजपा को प्रदेश व देश से हटाकर पूरे देश में अमन कायम करेंगे. नरेन्द्र मोदी व अमित शाह का हिन्दुस्तान की जमीन से नामो निशान मिटा देंगे. ताकत के बल पर जब पीएम मोदी और शाह कर्नाटक, गोवा व मध्यप्रदेश में चुनी हुई सरकार को गिराने के बाद राजस्थान आए तब मैं ही उनके सामने ताल ठोक के खड़ा हुआ था और मोदी और शाह को वापस भेजने का काम किया था.’ वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देश के इतिहास में सबसे बड़ी यात्रा है. आज तक किसी भी सियासतदार ने इतनी बड़ी यात्रा नहीं निकाली है. राहुल गांधी के नेतृत्व में वह सब एकजुट हैं.’

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यह पहला मौका नहीं है जब राजेंद्र गुढ़ा अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में है. राजेंद्र गुढ़ा ने हाल ही में अधिकारीयों की ACR भरने से जुड़े मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, ‘सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए. पॉवर मुख्यमंत्री के पास है. मंत्री हो या विधायक एक कांस्टेबल का तबादला कराने के लिए भी मुख्यमंत्री कार्यालय के चक्कर ही लगाता है.’ याद दिला दें राजेंद्र गुढ़ा समेत 6 बीएसपी विधायकों ने 2020 में पायलट बगावत के वक्त गहलोत कैंप का साथ दिया था और गहलोत सरकार बच गयी थी, लेकिन फिर बदले सियासी माहौल में राजेंद्र गुढ़ा ने पाला बदला और सचिन पायलट गुट में शामिल हो गये. जानकारों के मुताबिक राजेंद्र गुढ़ा का मानना है कि कांग्रेस ने जो वादे किए वो निभाए नहीं.

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