हिमाचल का सियासी संग्राम: चंबा में बीजेपी व कांग्रेस के बीच रोचक हुआ मुकाबला, आप ने बढ़ाई टेंशन

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बचे चंद दिन, चंबा जिले की 5 में से चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस का कब्जा, एक सीट पर हर बार परिवर्तन की चलती है लहर, इस बार आप ने बढ़ाई दोनों दलों की टेंशन

chamba himachal pradesh election 2022
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HimachalAssemblyElection. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. सियासत की पूरी बिसात बिछाई जा चुकी है. हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसम्बर को सभी चुनावी उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला भी हो जाएगा. जिलेवार समीक्षा करें तो हिमाचल का चंबा जिला एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. चंबा में 5 विधानसभा क्षेत्र है जिसमें कुल 3 लाख 85 हजार 159 मतदाता हैं. चंबा विधानसभा जिले की सबसे बड़ी विधानसभा है. इन 5 में से चार सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. आइए जानते हैं चंबा जिले की इन सभी विधानसभा सीटों पर सियासी गणित…

चुराह सीट पर तीसरी बार खिलेगा कमल!
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में आने वाली चुराह विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. यहां 75,468 मतदाता है. वर्तमान में भाजपा के हंस राज चुराह से विधायक हैं और जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. 2017 में वह लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में हंस राज ने करीब 5 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस के सुरेंद्र भारद्वाज को हराकर जीत हासिल की थी. हंस राज को 28293 और कांग्रेसी उम्मीदवार को 23349 वोट मिले. 2012 के विधानसभा चुनावों में भी इस सीट पर भाजपा के हंस राज ही विजयी रहे थे.

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चुराह विधानसभा क्षेत्र बेहद पिछड़ा माना जाता है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां अनुसूचित जाति के वोटरों का प्रभाव अधिक है. भाजपा ने इस सीट पर लगातार तीसरी बार हंस राज को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार यशवंत सिंह खन्ना को मैदान में उतारा है, जबकि आम आदमी पार्टी ने नंद कुमार जरयाल पर दांव लगाया है.

भरमौर की जनता हर चुनाव में बदल देती है विधायक
भरमौर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है. 76,046 मतदाताओं वाली भरमौर विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक मिजाज कुछ ऐसा है कि यहां कि जनता हर बार अपना विधायक बदल देती है. वर्तमान में भाजपा के जिया लाल भरमौर से विधायक हैं. पिछले चुनावों में जिया लाल ने कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी को हराया था. 2012 के विस चुनाव में कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी विधायक चुने गए थे. उनसे पहले 2007 में भाजपा के तुलसी राम भरमौर के विधायक बने थे, जबकि 2003 में यह सीट कांग्रेस के ठाकर सिंह पास थी.

2017 के विधानसभा चुनाव में भरमौर से भाजपा के उम्मीदवार जिया लाल ने करीब साढ़े 7 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी को शिकस्त दी थी. जिया लाल को साढ़े 25 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि कांग्रेसी उम्मीदवार 18 हजार वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.

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अगले महीने होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने भरमौर विधानसभा सीट से अपने मौजूदा विधायक जिया लाल का टिकट काटकर उनके स्थान पर डॉ. जनक राज को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने इस बार भी ठाकुर सिंह भरमौरी पर विश्वास जताया है जबकि आप पार्टी ने प्रकाश चंद भारद्वाज को टिकट थमाया है. यहां ठाकुर सिंह वापसी का प्रयास कर रहे हैं जबकि प्रकाश चंद दोनों प्रत्याशियों पर बढ़त बनाने के लिए पसीना बहा रहे हैं.

कांग्रेस के नीरज नय्यर पाट पाएंगे दो हजार वोटों का अंतर!
चंबा विधानसभा जिले की सबसे बड़ी विधानसभा है. यहां मतदाताओं की संख्या 81,594 है. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच पिछला मुकाबला काफी रोचक रहा जिसमें जीत हार का अंतर दो हजार वोटों के करीब था. इस बार यहां प्रतियोगिता त्रिकोणीय होने के आसान नजर आ रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में चंबा से भाजपा के पवन नय्यर ने बेहद कड़े मुकाबले में कांग्रेस के नीरज नय्यर को 2000 से भी कम वोटों से हराकर जीत हासिल की थी. पवन नय्यर को 26763 और कांग्रेस के नीरज नय्यर को 24884 वोट प्राप्त हुए.

2012 और 2007 के विधानसभा चुनावों में भी इस सीट पर भाजपा ने ही जीत का कमल खिलाया था. उससे पहले लगातार तीन बार यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही थी. इस बार बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने जबकि कांग्रेस बीजेपी का ये विजयी रथ रोकने के प्रयास में है.

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मौजूदा विधानसभा चुनाव में इस बार चंबा विधानसभा सीट से भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने पुराने उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. आप पार्टी ने शशिकांत पर दांव खेला है.

डलहौजी में कांग्रेस को आशा से आस
डलहौजी एक सामान्य वर्ग की सीट है जिसमें 73,071 मतदाता हैं. वर्तमान में कांग्रेस की आशा कुमारी यहां से विधायक हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में डलहौजी सीट से कांग्रेस की आशा कुमारी ने कड़े मुकाबले में बीजेपी के डी.एस. ठाकुर को मात्र 556 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी. आशा कुमारी को 24,224 और ठाकुर को 23668 मत मिले. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था.

2022 के विधानसभा चुनाव के लिए डलहौजी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी मौजूदा विधायक आशा कुमारी को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने भी फिर से डी. एस. ठाकुर पर भरोसा जताया है. आम आदमी पार्टी ने मनीष सरीन को उम्मीदवार बनाया है.

भटियात में जीत की हैट्रिक लगाने उतरेगी बीजेपी
हिमाचल के चंबा जिले में आने वाली भटियात विधानसभा सीट भी एक सामान्य वर्ग की सीट है. 78,980 मतादाताओं वाली इस विधानसभा में बीजेपी का विजयी रथ तीसरी बार जीत के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है. वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विक्रम सिंह जरयाल यहां से विधायक हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के विक्रम जरयाल करीब 7 हजार वोटों से कांग्रेस के कुलदीप सिंह पठानिया को हराकर भटियात सीट से विधायक चुने गए थे. विक्रम जरयाल को 29,119 वोट मिले थे, जबकि कुलदीप पठानिया को 22,234 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी भटियात सीट पर भाजपा का कमल खिला था.

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गौरतलब है कि इस बार हो रहे विधानसभा चुनावों में बीजेपी लगातार तीसरी बार विक्रम सिंह जरयाल को टिकट दिया है. कांग्रेस ने भी फिर से कुलदीप सिंह पठानिया पर भरोसा जताया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने नरेश कुमार (कुकु ठाकुर) को अपना उम्मीदवार बनाया है.

वर्तमान में 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में बीजेपी के 44, कांग्रेस के 21, सीपीआईएम का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. यहां हर 5 सालों में परिवर्तन सरकार का ट्रेंड है. यानी कोई भी सत्ता फिर से दोहराई नहीं जाती है. यहां सीएम जयराम ठाकुर के असर से ज्यादा मोदी फैक्टर काम कर रहा है और बीजेपी उसी के भरोसे है. हालांकि चुनावी ट्रेंड के चलते कांग्रेस इतिहास दोहराए जाने से उत्साहित है जबकि आम आदमी पार्टी तपोभूमि में सियासी जमीन तलाश रही है. चुनावी परिणाम जो भी हो, मुकाबला कांटे का रहना निश्चित है और प्रतियोगिता रोचक होने की पूरी संभावना है.

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