व्यापम-2 घोटाले की ओर बढ़ रही शिवराज सरकार- MPTET पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने साधा निशाना

मध्यप्रदेश टीचर पात्रता परीक्षा पेपर लेकर मामले को लेकर गरमाई सियासत, कांग्रेस नेता केके मिश्रा और व्हिसिल ब्लोअर आनंद राय ने लगाए सीएम के OSD लक्ष्मण सिंह पर आरोप तो दोनों पर दर्ज हुई FIR, बोली कांग्रेस- 'आपका बुलडोज़र युवाओं के भविष्य को छलने वालो पर नहीं चलेगा क्योंकि शिवराज है तो व्यापम है,' तो बोली बीजेपी- 'कांग्रेस ने हमेशा से ही किया है कीचड़ उछालने का काम'

व्यापम-2 घोटाले की ओर बढ़ रही शिवराज सरकार
व्यापम-2 घोटाले की ओर बढ़ रही शिवराज सरकार

Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश में 25 मार्च को टीचर पात्रता परीक्षा के कथित पेपर लीक को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. टीईटी परीक्षा के एक अभ्यर्थी मदन मोहन डोहारे ने दावा किया था कि जब वो परीक्षा देकर भोपाल से वापस लौट रहे थे तो राजस्थान के धौलपुर के एक युवक ने उन्हें पेपर का स्क्रीनशॉट दिखाया. यह पेपर उसे मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव लक्ष्मण सिंह ने दिया था. स्क्रीन शॉट के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सूबे की प्रमुख विपक्ष पार्टी कांग्रेस ने प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, ‘शिवराज सरकार व्यापम पार्ट 2 घोटाले की ओर बढ़ रही है.’ वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘व्यापम 3 को छुपाने की तैयारी. जॉंच कराने के बजाय शिकायत करने वाले पर मामला दर्ज, वाह मामू वाह.’

मध्य प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस अब इस पुरे मामले को लेकर बीजेपी के खिलाफ हमलावर है. मुख्यमंत्री के OSD पर आरोपों को लेकर भोपाल के अजाक थाने में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री और मीडिया प्रभारी केके मिश्रा और व्यापमं के व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने केस दर्ज करते हुए दोनों नेताओं के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है. दोनों नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने अब बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

यह भी पढ़े: बीरभूम पर विधानसभा में हुआ दंगल, मजूमदार हुए अस्पताल में भर्ती तो बीजेपी MLA के फाड़े कपड़े

कांग्रेस नेता और व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय के खिलाफ दर्ज हुए केस को लेकर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार व्यापम पार्ट 2 घोटाले की ओर बढ़ रही है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी पर गंभीर सवाल उठाए लेकिन अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. चोरी और सीनाजोरी करते हुए श्री मिश्रा के खिलाफ उल्टी रिपोर्ट कर दी गई.’ कमलनाथ ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि, ‘मुख्यमंत्री को तत्काल श्री मिश्रा के ऊपर लगाए गए झूठे मामले वापस लेने चाहिए और दोषी अधिकारी को निलंबित कर मामले की पूरी जांच करानी चाहिए. आपने व्यापम का नाम बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है. आप मध्य प्रदेश को घोटाला मुक्त प्रदेश कब बनाएंगे?’

वहीं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘व्यापम 2 को छुपाने की तैयारी. जॉंच कराने के बजाय शिकायत करने वाले पर मामला दर्ज, वाह मामू वाह.’ वहीं खुद पर दर्ज हुए मामले को लेकर के के मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘धन्यवाद सरकार, अन्य मामलों में मुझे डरा/खरीद नहीं पाए तो अब एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग, FIR ! मुझे खुशी होती इसके पहले शिक्षक भर्ती वर्ग-3 परीक्षा धांधली को लेकर दोषियों के खिलाफ FIR होती? ‘सच व भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने से न तब डरा था न अब डरूंगा’. वहीं, डॉ. आनंद राय ने भी ट्वीट कर लिखा- ‘मैं झूठी FIR से डरने वाला नही हूं. बेरोजगारों की आवाज उठाता रहूँगा, घोटाले उजागर करता रहूंगा, एट्रोसिटी एक्ट के Misuse का अप्रतिम उदाहरण है.’

यह भी पढ़े: अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई विधानसभा के आखिरी दिन मदेरणा के निशाने पर रहे जोशी और राठौड़

वहीं पूर्व मंत्री एवं एमपी कांग्रेस के दिग्गज नेता जीतू पटवारी ने कहा कि, ‘लौट आया व्यापम. शिवराज सिंह चौहान जी, वर्ग 3 परीक्षा के पेपर लीक मामले में आपके OSD अगर दोषी नहीं है तो उनके मोबाइल की फ़ोरेंसिक जाँच क्यों नहीं करवाते ? खेर आपका बुलडोज़र युवाओं के भविष्य को छलने वाले पर नहीं चलेगा क्योंकि शिवराज है तो व्यापम है.’ वहीं इस पुरे मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि, ‘कूट रचित स्क्रीनशॉट दिखाकर सीधे मुख्यमंत्री के OSD पर कीचड़ उछालने का जो षड्यंत्र किया गया है, उसे लेकर FIR हुई है. इस मामले में कानूनी कार्रवाई के तहत आगे बढ़ा जाएगा. आवेदन आता है तो जांच कराई जाएगी. पहले भी जांच हमारी सरकार ने ही की है. कांग्रेस ने हमेशा से ही कीचड़ उछाला है. एक भी बात कभी सच साबित नहीं हो पाई है.’

आपको बता दें कि टीचर पात्रता परीक्षा के पेपर का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद के के मिश्रा ने कहा कि जब परीक्षा ऑनलाइन हो रही है, इसमें मोबाइल फोन वर्जित है, तो मुख्यमंत्री के मौजूदा ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम, जो नौसेना आयुध संगठन में कार्यरत थे, जिन्हें रक्षा मंत्रालय से प्रतिनियुक्ति पर लाकर उपसचिव, मप्र शासन के रूप में पदस्थ किया गया. वे आदिवासी मामलों को देख रहे हैं. मोबाइल पर 25 मार्च को संपन्न 35 पृष्ठीय प्रश्नपत्र और आंसरशीट कैसे पहुंची? उनका मोबाइल त्वरित जब्त कर निष्पक्ष जांच कराई जाए.’

Leave a Reply