Politalks.News/WestBengal. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट (Rampurhat) में हुई हिंसा की आग अब विधानसभा तक जा पहुंची है. रामपुहाट हिंसा में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने और इस पुरे मसले को लेकर चर्चा की मांग करने और अनुमति ना मिलने पर आज बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया (BJP-TMC MLA fought in Assembly) . हंगामा इस कदर बढ़ गया कि बीजेपी और TMC विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई जिसमें TMC विधायक को हलकी चोटे भी लगी. बीजेपी विधायकों के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने बीजेपी के 5 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. इस पुरे मामले को लेकर बीजेपी विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने कहा कि, ‘सिविल ड्रेस पहने पुलिसकर्मियों और TMC के विधायकों ने हमारे विधायकों के साथ मारपीट की. हमारे विधायक सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह सुरक्षित नहीं है.’
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद जगह-जगह हो रही हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार निशाने पर है. अब भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का झगड़ा विधानसभा तक पहुंच गया है. मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सत्र की शुरुआत में बोलना शुरू किया तो TMC विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान सदन में जोरदार हंगामा हुआ. थोड़ी देर में ये हंगामा लड़ाई में तब्दील हो गया. जब पुरे मामले को शांत करने के लिए मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने प्रयास किया तो उनके साथ भी धक्कामुक्की की गई.
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भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि, ‘वे बीरभूम में हुई कथित हत्याओं पर सदन में चर्चा करना चाहते थे, जिस पर हंगामे के बाद टीएमसी विधायकों ने धक्कामुक्की-मारपीट की.’ दोनों दलों के नेताओं के बीच जमकर हाथापाई हुई जिसमें विधायक आसित मजूमदार को नाक पर चोट आई और उनके नाक से खून आने लगा, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. बाद में स्पीकर ने कार्रवाई करते हुए पांच विधायकों को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया. जिन नेताओं को सस्पेंड किया गया है, उनमें शुभेंदु अधिकारी, मनोज तिग्गा, नराहरी महतो, शंकर घोष, दीपक बरमन का नाम शामिल है. विधायकों के सदन से निलंबन के बाद बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर जमकर नारेबाजी की.
सदन में हुई गहमागहमी के बाद दोनों दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. TMC नेता असित मजूमदार ने दावा किया कि ‘उन्हें सुवेंदु अधिकारी ने मारा है जब मैं विधानसभा के अंदर सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई कर रहे भाजपा विधायकों को हाथ जोड़कर रोकने गया तो मेरा चश्मा टूट गया.’ वहीं आरोप ये भी है कि बीजेपी विधायकों ने कागज के टुकड़े फाड़कर स्पीकर पर उड़ाए और बेल में उतरकर नारेबाजी और मारपीट की. इस दौरान विधायक नरहरि महतो गिर गए. बीजेपी विधायक मनोज टिग्गा ने आरोप लगाया कि उनके कपड़े फाड़कर उन्हें पीटा गया.’
इस पूरी घटना को लेकर बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, ‘सदन का आज आखिरी दिन होने के चलते हमने राज्य की कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की थी. ऐसा न होने के बाद हमने संवैधानिक तरीके से विरोध किया, जिसके बाद सिविल ड्रेस पहने पुलिसकर्मियों और TMC के विधायकों ने हमारे विधायकों के साथ मारपीट की. तृणमूल कांग्रेस, उनके गुंडे और पुलिस के खिलाफ हमारा मार्च है. इसको लेकर हम स्पीकर के पास भी जाएंगे. बंगाल में जो हालत है, उसको लेकर केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए.’ अधिकारी ने कहा, ‘विधायक सदन के भीतर भी सुरक्षित नहीं हैं. तृणमूल के विधायकों ने सचेतक मनोज तिग्गा सहित हमारे कम से कम 8-10 विधायकों के साथ मारपीट की, क्योंकि हम कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग कर रहे थे.’
वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता व राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने पत्रकारों से कहा कि, ‘भाजपा, विधानसभा में अराजकता फैलाने के लिए नाटक कर रही है. सदन में हमारे कुछ विधायक घायल हो गए हैं. हम भाजपा के इस कृत्य की निंदा करते हैं.’ वहीं विधानसभा के अंदर हुई इस मारपीट का वीडियो पोस्ट करते हुए बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथ लिया. मालवीय ने ट्वीट किया कि, ‘पश्चिम बंगाल विधानसभा में भगदड़. बंगाल के राज्यपाल के बाद, टीएमसी विधायकों ने अब मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा सहित भाजपा विधायकों पर हमला किया, क्योंकि वे सदन के पटल पर रामपुरहाट हत्याकांड पर चर्चा की मांग कर रहे थे. क्या छुपाना चाहती हैं ममता बनर्जी?’