खड़गे कमेटी बनाना और अमरिंदर को हटाना क्या सही था?- तिवारी के निशाने पर कांग्रेस आलाकमान, पूछे सवाल

पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद मचा बवाल नहीं ले रहा थमने का नाम, कांग्रेस सांसद में मनीष तिवारी ने कांग्रेस आलाकमान से पूछे सवाल तो करारी शिकस्त के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने साधी चुप्पी तो पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने झाड़ा हार से पल्ला

तिवारी के आलकमान से 6 सवाल
तिवारी के आलकमान से 6 सवाल

Politalks.News/Punjab. पंजाव विधानसभा चुनाव में हुई कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी में विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं. विधानसभा चुनाव में पार्टी के दिग्गज नेता खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए और पार्टी महज 18 सीटों पर ही सिमट गयी और आम आदमी पार्टी की आंधी में उड़ गई. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पंजाब में कांग्रेस की करारी हार का बवाल थम नहीं रहा है. चुनाव में मिली करारी हार को लेकर जहां पंजाब सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपने विचार रखे थे तो वहीं अब श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने हाईकमान के आगे 6 सवाल रखे हैं. मनीष तिवारी ने इशारों इशारों में केंद्रीय नेतृत्व पर भी सवाल उठाए हैं.

पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं सांसद मनीष तिवारी ने हाईकमान से 6 प्रमुख सवाल पूछे हैं. इसके साथ ही मनीष तिवारी ने आलाकमान को प्रमुख बातों पर चिंतन करने की भी नसीहत दी है. चुनाव से ठीक पहले पंजाब कांग्रेस में हुए नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी मनीष तिवारी ने कांग्रेस आलाकमान को कटघरे में खड़ा किया. दिल्ली में जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब के सांसदों से मुलाकात की थी तो उन्होंने पार्टी द्वारा बनाई गई मल्लिकार्जुन खड़गे कमेटी पर सवाल उठाए थे. इसी क्रम में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कांग्रेस आलाकमान से पूछ कि, ‘क्या मल्लिकार्जुन खड़गे कमेटी को बनाना सही था?’

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वहीं चुनाव से ठीक पहले पंजाब कांग्रेस में हुए बड़े बदलावों को लेकर भी मनीष तिवारी ने सवाल उठाए. सुनील जाखड़ को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को कमान दिए जाने को लेकर मनीष तिवारी ने सवाल उठाया और कहा कि, ‘क्या 2017 में बाहर से आकर पार्टी में शामिल हुए नवजोत सिद्धू को पंजाब प्रधान बनाना सही था?’ वहीं मुख्यमंत्री परिवर्तन को लेकर भी मनीष तिवारी ने सवाल उठाया और आलाकमान से पूछा कि, ‘क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाना सही था?’ वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर सवाल उठाते हुए तिवारी ने कहा कि, ‘हरीश रावत ने पंजाब में कांग्रेस का बहुत बड़ा नुकसान किया, उसकी क्या जिम्मेदारी है?’

हरीश रावत के बाद पंजाब कांग्रेस की जिम्मेदारी राजस्थान के दिग्गज कांग्रेसी नेता और राहुल गांधी के करीबी नेता हरीश चौधरी को सौपीं गई. सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान कई सांसदों ने हरीश चौधरी पर गलत टिकट बांटने और पैसे लेकर टिकट देने के आरोप लगाए थे इसे लेकर मनीष तिवारी ने आलाकमान से पूछा कि, ‘हरीश चौधरी ने जो गलत टिकटें बांटी, उसकी क्या जिम्मेदारी है?’ वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का जिक्र करते हुए मनीष तिवारी ने आलाकमान से पूछा कि, ‘जैसे बोल सुनील जाखड़ के चुनावों में रहे हैं, हिंदू और सिखों में फर्क करने की कोशिश की गई, उनकी क्या जिम्मेदारी बनती है?’

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आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2017 में जहां कांग्रेस ने 117 में से 77 सीटें सत्ता हासिल की थी उसी पंजाब में आज कांग्रेस 18 सीटों पर आ सिमटी है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना पल्ला झाड़ लिया है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कोप भवन में चले गए हैं. दोनों ही दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव में अपनी सीट तक नहीं बचा पाए. ऐसे में अब कांग्रेस के ककई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान के फैसलों पर सवाल उठाना शुर कर दिया है.

पंजाब कांग्रेस में कैप्टन के खिलाफ बगावत की शुरूआत आलाकमान द्वारा बनाई गई मल्लिकार्जुन खड़गे कमेटी से हुई. आलाकमान ने ये कमेटी विधायकों की बात सुनने के लिए बनाई थी, लेकिन हुआ सबकुछ इसके उलट. कमेटीकी आड़ में कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज रहे हरीश रावत ने बगावत को हवा दी और 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बना दिया. जिसके बाद बगावत कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटा दिया गया. इसके बाद सुनील जाखड़ को सीएम बनाने का फैसला हुआ लेकिन अचानक चरणजीत चन्नी सीएम बन गए. चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सुनील जाखड़ उखड़ गए और उन्होंने कहा कि ‘सबसे ज्यादा विधायक उनके पक्ष में थे लेकिन हिंदू होने की वजह से वह सीएम नहीं बनाए गए.’

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