Politalks.News/Rajasthan. दौसा जिले के मंडावर (Mandawar) थाना क्षेत्र में एक युवती के साथ गैंगरेप के आरोप में राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा (Johari Lal Meena) के बेटे दीपक मीणा और उसके दोस्तों के खिलाफ गैंग रेप और ब्लैकमिंग का मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले को लेकर अब बीजेपी (BJP) ने प्रदेश की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. तो वहीं बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को ट्रेन का टिकट भेजकर जयपुर आने की मांग की थी. वहीं बीजेपी नेता के इस बयान पर अब खुद सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Of Rajasthan Ashok Gehlot) ने पलटवार करते हुए कहा है कि, ‘भाजपा नेता प्रियंका गांधी को राजस्थान आमंत्रित करते हैं जबकि प्रियंका गांधी किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, लेकिन हम केंद्र गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के लिए विशेष चार्टर प्लेन भेजकर निवेदन करना चाहेंगे कि वे राजस्थान आएं और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उनकी पार्टी द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करें.’
दरअसल मंडावर थाने में दर्ज एक मामले में कांग्रेस विधायक के बेटे का नाम सामने आने के बाद प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में बीजेपी के प्रदेश मंत्री और पूर्व संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल ने प्रियंका गांधी को पत्र लिखा राजस्थान आने का निमंत्रण भेजा है और साथ ही पत्र के साथ ट्रैन का एक टिकट भी भेजा है. गोठवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस विधायक के बेटे ने एक नाबालिग से बलात्कार किया है. नाबालिग लड़की आपके विधायक के बाहुबल के आगे लड़ नहीं पा रही. ऐसे में प्रियंका गांधी आपके लिए मैं रेल की टिकट भेज रहा हूँ. तुरंत जयपुर आइए. क्योंकि राजस्थान में भी ‘लड़कियाँ हैं, जो लड़ नहीं पा रही हैं.’ बीजेपी नेता के इस बयान के बाद अब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोर्चा खोल दिया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘भाजपा के नेता राजस्थान में अपराधों को लेकर बार-बार प्रियंका गांधी को आमंत्रित करते हैं जबकि प्रियंका गांधी किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं. हम गृहमंत्री अमित शाह के लिए चार्टर प्लेन भेजकर निवेदन करना चाहेंगे कि वो राजस्थान आएं और यहां आकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के संबंध में किए गए नवाचारों एवं अपराध के विरुद्ध की गई कठोर कार्रवाई की जानकारी लें जिससे उनकी पार्टी द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम दूर हो सकें.’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने NCRB के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘NCRB के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन होने के बावजूद जब पूरे देश में गत वर्ष की तुलना में अपराधों में 28.03% की वृद्धि हुई तब राजस्थान में 14.46% की कमी हुई.’
सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘NCRB के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2020 में डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, बलवा, नकबजनी, चोरी सहित सभी तरह के अपराधों में कमी आई है. इस दौरान अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में तो अपराध में 62.29% की बढ़ोत्तरी हुई. वर्ष 2021 में भी राजस्थान में 2019 की तुलना में 4.77% की कमी हुई है.’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘हमारी सरकार ने FIR पंजीकरण अनिवार्य करने का साहस दिखाया. अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू करते समय हमें पता था कि अपराध के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होगी एवं विपक्ष तथा मीडिया इस पर सवाल उठाएगा परन्तु हर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए हमने यह नीति लागू की. पहले पॉक्सो एक्ट के पीड़ित कार्रवाई ना होने के डर से मन मसोस कर रह जाते थे परन्तु अब उनका सरकार में भरोसा जागा है एवं वो FIR दर्ज करवा रहे हैं. पुलिस हर FIR को एक तार्किक अंत तक पहुंचा रही है और अपराधियों को सजा मिल रही है.’
यह भी पढ़े: खड़गे कमेटी बनाना और अमरिंदर को हटाना क्या सही था?- तिवारी के निशाने पर कांग्रेस आलाकमान, पूछे सवाल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू होने से पूर्व महिला अपराधों की 33.4% FIR अदालतों CrPC 156 (3) से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होती थीं परन्तु इस नीति के बाद यह संख्या सिर्फ 16% रह गई है. महिला अत्याचारों का अनुसंधान समय भाजपा सरकार के दौरान 2017-18 में 274 दिन हुआ करता था जो अब अब 79 दिन रह गया है. महिला अपराधों के लिए हर जिले में एडिशनल एसपी की नियुक्ति की गई है. अदालत से भी कोई अपराधी बच ना सके इसलिए लीगल ऑफिसर्स की नियुक्ति की है.’ सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘इन सभी कदमों से पीड़ितों को राहत मिली है एवं अपराधियों में भय व्याप्त हुआ है. मैंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पूरे देश में अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू हो जिससे सभी प्रदेशों के असल आंकड़े सामने आ सकें परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.’
बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘अनिवार्य FIR पंजीकरण के बावजूद अपराधों में कमी दिखाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है. हमारी सरकार के 3 सालों में पॉक्सो एक्ट के 620 मामलों में सजा सुनाई गई है. इनमें 7 को फांसी एवं 137 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. हम भाजपा की तरह अपराध पर राजनीति नहीं करते अपितु अपराधियों को कठोर दंड देकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाते हैं.’