वक्फ कानून के विरोध में विभिन्न राज्यों के अलग अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं, जो अब हिंसक होते जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कल हिंसा भड़कने से हालात बेकाबू हो गए. यहां उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी. दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे. गोली लगने से एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया. धुलियान में भड़की हिंसा में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है. वहीं गुना में मस्जिद के सामने से हनुमान जयंती का जुलूस निकालने वाले श्रद्धालुओं पर पथराव हुआ, जिससे तनावपूर्ण स्थिति बन गयी. हालांकि पुलिस ने सभी को वहां से हटा दिया. इसी बीच टीएमसी सरकार के एक मंत्री ने खुलेआम चुनौती देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में कोलकाता में 50 जगहों पर 10-10 हजार मुसलमान बैठाए जाएंगे और ट्रैफिक जाम कर वक्फ कानून का विरोध किया जाएगा.
5 लाख मुस्लिम सड़क पर बैठक खाएंगे मिठाई
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बंगाल चैप्टर के प्रमुख सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने विवादित बयान देते हुए कहा, ‘कोलकाता में कम से कम 50 जगहों पर 10-10 हजार मुसलमानों को बैठा देंगे. 2 हजार लोगों का समूह ट्रैफिक को रोक देगा और वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन होगा. हम सड़क पर बैठकर मुरमुरे और मिठाई खाएंगे.’
यह भी पढ़ें: ‘नीतीश और नायडू देश के सबसे बड़े गद्दार..’ वक्फ कानून पर नाराजगी बरकरार
कोलकाता के रामलीला मैदान में सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा, ‘किसी को परेशान करना हमारे कार्यक्रम का मकसद नहीं है. मैं पुलिस के सामने अप्रिय घटनाओं में शामिल लोगों से निवेदन करता हूं कि वे अंदर आएं और मेन रास्ता क्लियर करें. मैं हर जिले को थोड़ा सख्त करूंगा और कोलकाता में 10 हजरा-10 हजार लोगों को बैठा दूंगा. सब बताशे, मुरमुरे और गुड़ खाएंगे. और कुछ करने की जरूरत ही नहीं है. फिर आप देखना कि स्थिति कैसे बदलती है.’
पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती
वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. 15 के करीब पुलिसकर्मी घायल हैं. कई वाहनों की आग लगाई गई, दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई. सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके जाने की भी खबर है. हिंसाग्रस्त वाले इलाकों में इंटरनेट बैन है. धारा 144 भी लागू है. 150 के करीब लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
अदालत के आदेश पर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय बल के 1600 जवान तैनात किए हैं. कुल 16 कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा 300 के करीब BSF जवान तैनात हैं. इनके अलावा 5 कंपनियां अतिरिक्त तैनात की गई हैं. पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की है.
ममता बनर्जी ने की शांति की अपील
इधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों ने शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि राज्य में वक्फ कानून लागू नहीं किया जाएगा. कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए. मेरी अपील है कि शांत रहें. सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं.
यह भी पढ़ें: पायलट के इन करीबियों को गुजरात में मिली बड़ी जिम्मेदारी
वहीं बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि ममता सरकार हिंदूओं को डरा धमकाकर राज्य को ‘बांग्लादेश’ बनाने की कोशिश कर रही है और पुलिस सीएम के इशारे पर चुप बैठी है. वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बंगाल में अराजकता और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरपंथी समूह संविधान और कानून का विरोध कर खुलेआम हिंसा कर रहे हैं. आम लोग असुरक्षित हैं.
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्य के गर्वनर सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की. इसके अलावा बोस ने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों के संवेदनशील इलाकों में उपद्रव के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं.
अन्य राज्यों में भी हुई हिंसा
श्रीनगर में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए. कुछ स्थानीय संगठनों और नेताओं ने कानून को अल्पसंख्यक अधिकारों के खिलाफ बताया. स्थिति तनावपूर्ण बनी तो हुर्रियत नेताओं को नजरबंद किया गया. वहीं त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में 4 हजार लोगों की रैली हिंसक हुई. एसडीपीओ सहित कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद पुलिस ने 18 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है.
वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने ऐलान किया है कि के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा. इसमें वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे जाएंगे. इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी. हालांकि बोर्ड ने हिंसा एवं दंगों की जिम्मेदारी नहीं ली है.