Rajkumar Roat Latest News – 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में राजस्थान के बांसवाड़ा लोकसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत जीत हासिल की थी उन्होंने बीजेपी के महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को हराकर यह सीट जीती थी. इससे पहले बीजेपी यहाँ से जीत हासिल कर चुकी थी. पर 2024 में बीजेपी ने इस सीट पर जीत के लिए कांग्रेस के विधायक रह चुके महेन्द्रजीत सिंह को अपनी पार्टी में शामिल करके खड़ा किया पर बीजेपी का यह फार्मूला उसी पर भारी पर गया और बीजेपी यहाँ से हार गई. बांसवाड़ा से राजकुमार रोत की जीत हुई.
राजकुमार रोत 2018 में सबसे कम आयु के विधायक के तौर पर राजस्थान विधानसभा सदस्य चुने गए थे. वो दो बार विधायक रह चुके है विधायक के तौर पर उन्हें चौरासी विधानसभा सीट से जीत मिली थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज करके सांसद बने और राजस्थान की राजनीति से निकलकर केंद्र की राजनीति में कदम रखा. इस लेख में हम आपको राजस्थान विधानसभा के बांसवाड़ा लोकसभा सांसद और भारतीय आदिवासी पार्टी के संस्थापक व सदस्य राजकुमार रोत के जीवन परिचय (Rajkumar Roat Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
राजकुमार रोत की जीवनी (Rajkumar Roat Biography in Hindi)
पूरा नाम | राजकुमार रोत |
उम्र | 32 साल |
जन्म तारीख | 26 जून,1992 |
जन्म स्थान | डूंगरपुर, राजस्थान |
शिक्षा | B. Ed |
कॉलेज | राजस्थान विश्वद्यालय |
वर्तमान पद | बांसवाड़ा लोकसभा सांसद |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, किसान |
राजनीतिक दल | भारत आदिवासी पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | शंकर लाल |
माता का नाम | पार्वती |
पत्नी का नाम | गीत खराडी |
बच्चे | – |
बेटें का नाम | – |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | ग्राम खरवार खुनिया तहसील झोथरी डूंगरपुर राजस्थान, 314401 |
वर्तमान पता | दिल्ली |
फोन नंबर | 9001289495 |
ईमेल | roatrajkumar25@gmail.com |
राजकुमार रोत का जन्म और परिवार (Rajkumar Roat Birth & Family)
राजकुमार रोत का जन्म 26 मई,1992 को राजस्थान के डूंगरपुर जिले के खरवर खुनिया गांव में एक भील परिवार में हुआ था, जो जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित है. वो एक गरीब परिवार से आते है. उनके पिता का नाम शंकर लाल और माता का नाम पार्वती है. राजकुमार के पिता बचपन में ही मर गए थे. उनकी पढाई लिखे भी स्थानीय स्तर पर हुई थी. राजकुमार रोत की पत्नी का नाम गीत खराडी जो पेशे से एक शिक्षिका है. उनका एक बेटा है, जिसका नाम अरण्य कुमार रोत है.
राजकुमार रोत पर राजस्थान के डूंगरपुर जिले के कोर्ट में कई सेक्शन के तहत 2022 तक मामला दर्ज था. हालांकि इनपर अभी तक किसी मामले में दोष साबित नहीं हुआ है.
राजकुमार रोत की शिक्षा (Rajkumar Roat Education)
राजकुमार रोत ने अपनी B.A, की पढाई मोहन लाल मुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर से 2014 में की. बाद में उन्होंने 2015 में राजस्थान विश्वद्यालय से B. Ed किया डूंगरपुर कॉलेज से किया. राजकुमार रोत डूंगरपुर कॉलेज के छात्र संगठन के अध्यक्ष के रूप में रह चुके है. उनके संगठन का नाम भीलप्रदेश विद्यार्धी मोर्चा (BPVM) है. राजकुमार रोत का सपना एक शिक्षक बनने का था.
राजकुमार रोत का शुरूआती जीवन (Rajkumar Roat Early Life)
राजस्थान का बांसवाड़ा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहाँ पर के लोगो का जीवन बड़ा संघर्षमय है. उन्हें जीवन की बुनियादी सुख सुविधाओं के लिए दूसरे स्थानों की तुलना में अधिक परिश्रम करना पड़ता है. राजकुमार रोत यही के रहने वाले है और उनकी शुरूआती जीवन यही के संघर्ष भरे दुपहरिया में बीता. शहरी चकाचौंध व सुख-सुविधा से दूर उनका जन्म गांव में हुआ. राजकुमार रोत का शुरूआती जीवन गरीबी व अभाव में बीता. अब यही कारण रहा कि उनमे क्रांति वाली सोच पनप रही थी. अब यही कारण है कि जो, आदमी कभी शिक्षक बनने के लिए तैयारी कर रहा था, जिसने इसके लिए वाकायदा बी एड तक की हो, वह आदमी अचानक से कम समय ही संसद भवन के दरवाजा के अंदर कदम रखने की योग्यता कैसे हासिल कर ली.
राजकुमार रोत कॉलेज के दिनों में ही छात्र राजनीति में सक्रीय थे. वे आदिवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाया करते थे. उन्होंने आदिवासी छात्रों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए भीलप्रदेश विद्यार्थी मोर्चा बनाया था, जिसका राजकुमार रोत को भरपूर लाभ भी मिला. वे वर्ष 2014-15 में डूंगरपुर कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए.
राजकुमार रोत का राजनीतिक करियर (Rajkumar Roat Political Career)
राजकुमार रोत का एक छोटे से क़स्बा के कॉलेज की छात्र राजनीति की पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत राजधानी दिल्ली में स्थित लोकसभा तक की यात्रा कम करिश्माई नहीं रही है और वह भी कम समय में और वह भी देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के उम्मीदवार को पराजित करके. वैसे तो राजकुमार रोत की राजनीति कॉलेज के दिनों में ही आरम्भ हो गई थी पर असली राजनीति उन्होंने वर्ष 2018 से शुरू की थी.
राजकुमार रोत दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर बांसवाड़ा क्षेत्र के आदिवासियों के बीच बहुत लोकप्रिय है. वह सबसे पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी से सन 2018 में सबसे युवा विधायक के रूप में चुने गए. राजकुमार रोत ने बीटीपी पार्टी से चौरासी विधान सभा से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. बाद में राजस्थान में हुए अगले चुनाव 2023 के विधानसभा चुनाव में भी राजकुमार रोत ने भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़ते हुए करीब सत्तर हजार मतों के अंतर् से दूसरी बार विजय हासिल की. और इस तरह राजकुमार रोत दूसरी बार जीत कर राजस्थान विधानसभा पहुंचे.
बाद में राजकुमार रोत 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाया और किस्मत ने रोत का एक बार फिर से जबर्दस्त साथ दिया और वह राजस्थान का बांसवाड़ा लोकसभा सीट जीतने में रहे. रोत की इस जीत में इंडि गठबंधन का योगदान रहा क्योकि रोत इसी गठबंधन के तहत वहां से खड़े हुए थे. इससे वोट बट नहीं पाया और वे बीजेपी आदिवासी समुदाय के दिग्गज नेता महेन्द्रजीत को पराजित करने में सफल रहे. जीत के बाद वे मात्र 32 वर्ष की आयु में सांसद बन गए.
राजकुमार रोत के वयान को लेकर जीत के बाद बहुत विवाद भी रहा है. एक इंटरव्यू में राजकुमार रोत अपने आपको हिन्दू मानने से इंकार किया था. रोत ने कहा था कि आदिवासी समुदाय हिन्दू नहीं है और मैं हिन्दू धर्म को नहीं मानता हूँ.
राजकुमार रोत की संपत्ति (Rajkumar Roat Net Worth)
राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव 2018 के समय राजकुमार रोत के द्वारा घोषित संपत्ति मात्र 1.22 लाख थे, जिसमें 72 हजार रूपये की बाइक ही थी जबकि उनकी अचल सम्पत्ति शून्य घोषित थी. वही 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी के समय उनके द्वारा दिए गए हलफनामे में राजकुमार रोत की संपत्ति बढ़कर 1.16 करोड़ हो गई. अब उनके पास एक कार और लाखो की नगदी भी है. कभी राजस्थान का सबसे गरीब विधायक कहे जाने वाले आज करोड़पति है. अब राजकुमार रोत के पास अचल संपत्ति भी है. उनके पास अब खेती करने योग्य जमीन भी है और रहने के लिए राजस्थान के जयपुर में घर भी है.
इस लेख में हमने आपको बांसवाड़ा लोकसभा सांसद राजकुमार रोत की जीवनी (Rajkumar Roat Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.
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