madan dilawar biography in hindi
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Madan Dilawar Latest News – जब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उस समय के पार्टी अध्यक्ष बनने वाले दावेदार कुशाभाऊ ठाकरे ने 1984 की राजस्थान के बारा जिले की गर्मी भरे दिन में वहां का दौरा किया तो वहां पर एकत्र हुए पार्टी के सैड़कों कार्यकर्ताओ के लिए एक ही प्रश्न था. कुशाभाऊ ठाकरे ने वहां पर उपस्थित सभी कार्यकर्ताओ से पूछा कि आप में से कौन ऐसा है जो बिना टिकट की आशा के साथ पार्टी के लिए उत्साह से काम कर सकता है. कुशाभाऊ ठाकरे की जब प्रश्न पूछा तो वहां उपस्थित कायकर्ताओं में एक युवा ने हाथ ऊपर उठाया. और वह थे राजस्थान के कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर.

यह घटना दिलावर के चार दशक लंबे राजनीतिक करियर की शुरुआत थी. हिंदुत्व संगठनो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के एक साधारण से कार्यकर्ता से लेकर भैरो सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे और अब भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकारों में मंत्री रहते हुए 65 वर्षीय दलित नेता और राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र से छह बार विधायक दिलावर ने एक लम्बी यात्रा तय की है. इस लेख में हम आपको राजस्थान के कैबिनेट मंत्री श्री मदन दिलावर की जीवनी (Madan Dilawar Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

मदन दिलावर की जीवनी (Madan Dilawar Biography in Hindi)

पूरा नाम मदन दिलावर
उम्र 65 साल
जन्म तारीख 11 मई 1959
जन्म स्थान अरदाना, अटरू, बारां, राजस्थान
शिक्षा इंजीनियर में डिप्लोमा
कॉलेज बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन राजस्थान
वर्तमान पद राजस्थान के कैबिनेट मंत्री
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, कृषि
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम माधोलाल दिलावर
माता का नाम गोपी बाई
पत्नी का नाम सूरज दिलावर
बच्चे 2 पुत्र एवं 1 पुत्री
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता 4-ई-7, रंगबाड़ी योजना, रंगबाड़ी रोड़, कोटा
वर्तमान पता बी-203, अरावली ऐनकलेव, मानसरोवर, जयपुर
फोन नंबर 9414066322, 07442427883
ईमेल madandilawar@gmail.com

मदन दिलावर का जन्म और परिवार (Madan Dilawar Birth & Family)

मदन दिलावर का जन्म 11 मई 1959 (आयु 65) को राजस्थान के बारां जिले के अरडाना ग्राम के तहसील अटरू, में हुआ था. वह मूलतः बारां जिले से ही आते है. उनके पिता का नाम श्री माधोलाल और माता का नाम श्रीमती गोपी बाई है. इनका विवाह 29 अप्रैल 1979 को श्रीमती सूरज दिलावर के साथ हुआ. इनके 2 पुत्र एवं 1 पुत्री है.

मदन दिलावर की शिक्षा (Madan Dilawar Education)

मदन दिलावर ने 1983 में बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन राजस्थान जोधपुर से मैकेनिकल इंजीनियर में डिप्लोमा लिया है.

मदन दिलावर का शुरूआती जीवन (Madan Dilawar Early Life)

राजस्थान के पूर्वी और दक्षिणपूर्वी हिस्सों में स्थित हाड़ौती क्षेत्र में बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा शामिल है. कभी बूंदी साम्राज्य का हिस्सा माने जाने वाले इस क्षेत्र में वर्तमान में 17 विधानसभा सीटें है, जिसमें से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 11 सीटें जीती थी. इस क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर कोटा है जो एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यह क्षेत्र कभी कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा वाले वोटर्स का गढ़ हुआ करता था पर समय के साथ साथ उनके प्रभाव में तेजी से कमी आती गई और संघ के 1960 के दशक के काम के कारण इस क्षेत्र में लोगो की विचारधारा में संघ के लिए एक विशेष स्थान बन गया और यही कार्य भाजपा के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है.

उन्ही दिनों बारां के गरीब परिवार में जन्मे और पले पढ़े मदन दिलावर भी संघ के विचारधारा से प्रभावित हुए बिना नहीं रहे. यह वही दौर था जब राजस्थान का एक दलित नेता मदन दिलावर अपने भविष्य के लिए संघर्ष कर रहा था. मदन दिलावर अपने शुरूआती दिनों में कपड़े बेचा करते थे. वे अहमदाबाद से थोक दर पर साड़ियां खरीदकर उन्हें कोटा के बाजारों में बेचा करते थे. पर उनमें शुरुआत से ही कुछ अलग करने की ललक थी और वे ऐसा करने के लिए मार्ग तलाश रहे थे. वे 1978 में आरएसएस में शामिल हो गए और बाद में उनके कार्यो को देखते हुए उन्हें बजरंग दल की कोटा इकाई का अध्यक्ष बना दिया गया. अब यही से एक कपड़े के व्यापारी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ था.

मदन दिलावर का राजनीतिक करियर (Madan Dilawar Political Career)

मदन दिलावर 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल हुए. उस वर्ष उन्होंने अपना पहला राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें भाजपा की ओर से बारां -अटरू की आरक्षित सीट से टिकट दिया गया. चूँकि मदन दिलावर संघ से थे और वे जमीन से जुड़े हुए नेता थे इसलिए उन्हें चुनाव जीतने के लिए अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ा और इस प्रकार वे अपने पहले चुनाव में जीत हासिल की. बाद में वे लगातार तीन और चुनावों 1993, 1998 और 2003 में जीत को कायम रखा.

मदन दिलावर कोटा जिले के रामगंजमंडी विधानसभा सीट से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे है. जबकि इससे पहले वे बारां – अटरू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे पर 2018 की विधानसभा चुनाव में उन्होंने रामगंजमंडी से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की. इसके बाद वे पुनः 2023 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव रामगंजमंडी से ही लड़ा और पुनः जीत कर विधानसभा पहुंचे.

मदन दिलावर पूर्व मुख्य मंत्रियों के शासन काल में भी मंत्री रह चुके है. वे भैरो सिंह शेखावत के शासन काल 1993 से लेकर 1998 तक में मंत्री रह चुके है. बाद में वे वसुंधरा राजे की सरकार आने पर 2003 से लेकर 2008 तक फिर मंत्री बनाये गए और राजस्थान में हुए 2023 की विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद जब भजनलाल की सरकार बनी तो उन्हें फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया. इस समय वे राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री है.

चंबल पार्लियामेंट, जो एक स्थानीय संगठन है और जो चम्बल नदी के संरक्षण के लिए काम करता है, के संयोजक विजयवर्गीय ने एक मीडिया चैनल को दिए साक्षात्कार में मदन दिलावर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला है. उनके बारे में विजयवर्गीय ने कहा कि मदन दिलावर राजनीति में आने के पहले दिन से जो निःस्वार्थ काम करने का निर्णय लिया था वो अब तक कर रहे है. पार्टी उन्हें टिकट दे या न दे, वे उसी उत्साह के साथ काम करते है और पार्टी के बेहद अनुशासित कार्यकर्त्ता है. वे लालची नहीं है.

मदन दिलावर की छवि राजस्थान में भाजपा के एक कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की है. वे जनता से जुड़े नेता माने जाते है. हिंदुत्व के रंग में रंगे नेता मदन दिलावर, प्रायः कुर्ता पायजामा और माथे पर लाल रंग (भगवा) का टिका लगाए रहते है. साथ ही राजस्थान में उनकी गिनती बीजेपी के प्रमुख नेताओं में भी होती है. वे पार्टी के गद्दावर नेता माने जाते है. अब यही कारण है कि जब जब बीजेपी की सरकार वहां बनी है तब तब मदन दिलावर उसमें मंत्री बनाये गए है.

मदन दिलावर की संपत्ति (Madan Dilawar Net Worth)

2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय पर्चा भरते समय मदन दिलावर के द्वारा घोषित कुल संपत्ति लगभग 4 करोड़ है. जबकि इससे पहले के विधानसभा चुनाव 2018 में उनकी सम्पत्ति लगभग 2 करोड़ थी.

इस लेख में हमने आपको राजस्थान के कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर की जीवनी (Madan Dilawar Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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