gulab chand kataria biography in hindi
gulab chand kataria biography in hindi

गुलाबचंद कटारिया एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी की एक दिग्गज नेता हैं. वह राजस्थान का एक जाना माना व्यक्तित्व है. गुलाबचंद कटारिया जी बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता होने के साथ-साथ जमीन से जुड़े हुए हैं. पहले वे आरएसएस के स्वयंसेवक थे लेकिन बाद में वे जनसंघ में शामिल हो गए. गुलाबचंद कटारिया जी को राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राजस्‍थान सरकार में गृह मंत्री, आठ बार विधायक और एक बार सांसद होने का गौरव प्राप्त है. और बीजेपी के शुरुआती दिनों के नेताओं में आते हैं. अब यही वजह है कि बीजेपी ने उन्हें तोहफा देते हुए राजस्थान से असम और अब पंजाब भेजने का फैसला किया है. अर्थात उन्हें असम के बाद अब पंजाब के राज्यपाल की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. सक्रिय राजनीति से दूर जाने से जहां उनके प्रशंसक मायूस हैं, वहीं दूसरी बार राज्यपाल बनाए जाने पर खुशी भी है. हम आपको पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की जीवनी (Gulab Chand Kataria Biography In Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

गुलाबचंद कटारिया की जीवनी (Gulab Chand Kataria Biography In Hindi)

नाम गुलाबचंद कटारिया
उम्र 78 वर्ष
जन्म तारीख 13 अक्टूबर 1944
जन्म स्थान राजसमंद, राजस्थान, भारत
धर्म जैन
शिक्षा बी. एड., विधि स्नातक
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय श्री हुक्मीचंद कटारिया
पत्नी का नाम अनिता कटारिया
बच्चे 5 बेटियां
स्थाई पता 141 माछलामगरा, उदयपुर
वर्तमान पता राजभवन असम, गुवाहाटी 781001, असम, भारत
संपर्क नंबर 9414158777

गुलाबचंद कटारिया का जन्म, परिवार और शिक्षा (Gulab Chand Kataria Birth, Family & Education)

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया का जन्म 13 अक्टूबर 1944 को राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री हुक्मीचंद कटारिया है. उनकी पत्नी का नाम अनीता कटारिया है. और इनकी पांच बेटियां (Gulab Chand Kataria Daughter) हैं. कटारिया साहब एक साधारण परिवार से आते हैं.

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उदयपुर से पूरी की. वर्ष 1960 में हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसके बाद उन्होंने मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने वर्ष 1967 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद वर्ष 1968 में बी.एड. और वर्ष 1975 में विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की.

शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने एक निजी विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य किया. फिर यहीं से वे संघ में शामिल हो गए. राष्ट्रवाद और देशभक्ति की अलख जगाने वाले कटारिया साहब जनहित के मुद्दों को उठाते रहे और इसी क्रम में बीजेपी में शामिल हो गए जो उस समय जनसंघ थी.

इन्होने कांग्रेस की विचारधारा का जमकर विरोध किया. उन दिनों इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी. वह साल था 1975. आपातकाल में कटारिया साहब जेल जाने से बचने के लिए अंदरग्राउंड भी रहें. बाद में जेल भी इन्हे जाना पड़ा था.

कटारिया साहब पिछले 40 वर्षो से सक्रिय राजनीति से जुड़े रहें है. पर अब जब उन्हें असम का राज्यपाल बना दिया गया तब अचानक से उनके राजनीतिक करियर पर विराम लग गया है. पर इसके साथ ही उन्हें राज्यपाल जैसे गरिमामय पद पर आसीन होने का भी गौरव प्राप्त हुआ है. राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष, कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

गुलाबचंद कटारिया  का राजनीतिक करियर (Gulab Chand Kataria Political Career)

गुलाबचंद कटारिया बीजेपी के वरिष्ठम नेताओ में से एक है. कटारिया साहब जमीन से जुड़े नेताओं में आते है. लोगो के बीच उनकी अच्छी खासी पकड़ है. सक्रिय राजनीति में उनका लम्बा अनुभव रहा है. उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके है. अपनी बातो को मजबूती से उठाना उन्हें अच्छी तरह से आती है और यही कारण रहा है कि कटारिया साहब की गिनती राजस्थान बीजेपी के सबसे दमदार नेताओ में होती है.

उदयपुर से लोक सभा सांसद रहने के अलावा कटारिया साहब आठ बार विधायक भी रह चुके है. राजस्थान के गृह मंत्रालय सहित शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज, आपदा प्रबंधन जैसे कई महत्पूर्ण विभागों को चलाने का उनके पास लम्बा अनुभव रहा है.

कटारिया साहब की राजनीतिक यात्रा तो पहले से ही आरम्भ हो गई थी. क्योकि कटारिया साहब आपातकाल में भी बीजेपी से जुड़कर कांग्रेस का जमकर विरोध किया था. मगर उनकी असल राजनीतिक यात्रा 1977 से आरम्भ हुई. 1977 में कटारिया साहब पहली बार 6वीं राजस्थान विधानसभा के लिए उदयपुर से नामांकन भरा था और पहली बार में ही उन्हें जीत हासिल हुई. फिर तो उनकी राजनीतिक यात्रा निरंतर चलती रही. यही से वो लगातार जीत दर्ज करते रहें. राजस्थान के विभिन्न विभागों को संभाला और नेता प्रतिपक्ष भी रहें.

इस प्रकार राजस्थान की सक्रिय राजनीति से पंजाब के राज्यपाल (Gulab Chand Kataria Governor) बनने तक की उनकी यात्रा बहुत ही लम्बी व रोचक रही है. कई बार उन्हें विवादों का भी सामना करना पड़ा है. लेकिन हर बार वो जनता के विश्वास पर खरा उतरते रहे है. जनता का उन पर विश्वास कायम रहा. सरल स्वभाव व दमदार व्यक्तित्व वाले कटारिया साहब के राजस्थान की राजनीति से दूर जाने पर राजस्थान में बीजेपी की राजनीति पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा. मगर यह भी सत्य है कि कटारिया साहब को उनकी लम्बे समय तक दी गई सेवा का सुखद फल मिलना भी जरुरी था, जो पार्टी ने उन्हें राज्यपाल बनाकर प्रदान किया.

गुलाबचंद कटारिया के गृह जिला उदयपुर से जुड़ा एक रोचक तथ्य

राजस्थान का उदयपुर ऐसा जिला है जहाँ से जुड़े नेता अब तक पांच अलग अलग राज्यों के राज्यपाल बनाये गए है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया से पहले बीजेपी से आने वाले सुन्दरसिंह भंडारी भी राज्यपाल रह चुके है, जो उदयपुर से ही थे. इन दोनों के अलावा तीन अन्य लोगो में सादिक अली, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया एवं अरविंद दवे भी राज्यपाल रह चुके है. ये तीनो भी राजस्थान के उदयपुर जिले के ही थे.

गुलाबचंद कटारिया का राजनीतिक यात्रा के प्रमुख बिंदु (Gulab Chand Kataria Political Journey)

  • गुलाबचंद कटारिया ने अपने करियर की शुरुआत एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के तौर पर की थी.
  • कटारिया साहब का राजनीतिक यात्रा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष के तौर पर शुरू हुई थी.
  • अपने राजनीतिक यात्रा में कटारिया शुरू से ही संघ के विचारधारे को बढ़ाने की कोशिश की.
  • कटारिया साहब अपने गृह जिला उदयपुर से सन 1977 में पहला चुनाव लड़ा और सफल रहें.
  • साल 1989 में कटारिया साहब 9वीं लोकसभा के लिए उदयपुर से चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई.
  • गुलाबचंद कटारिया साल 2004 से 2008 और पुनः 2014 से 2018 तक राजस्थान के गृह मंत्री के पद पर आसीन रह चुके है.
  • कटारिया साहब साल 1993 से 1998 के बीच भैरो सिंह शेखावत सरकार में शिक्षा मंत्री के पद पर भी रह चुके है.
  • कटारिया साहब साल 1993 से 2003 तक बड़ी सादड़ी से विधायक रह चुके है.
  • कटारिया साहब का अपने गृह जिला उदयपुर के अलावा बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद जिलों में भी अच्छा खासा प्रभाव रहा है.
  • बीजेपी के वरिष्ठ नेता व राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री रहे गुलाबचंद कटारिया को अब असम का राज्यपाल बना दिया गया है.
  • आजादी के बाद से अब तक राजस्थान के उदयपुर से गुलाबचंद कटारिया के साथ पांच लोग राज्यपाल बन चुके है.
  • वर्ष 2023 में ही राजस्थान में विधानसभा का चुनाव भी होना है. अभी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और अशोक गहलोत वहां के मुख्यमंत्री है. जबकि गुलाबचंद कटारिया राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष थे मगर अब उन्हें असम का राज्यपाल का संवैधानिक पद प्रदान किया गया है.

गुलाबचंद कटारिया के संभाले गए पद (Gulab Chand Kataria Political Positions Held)

वर्ष पद 
1977 – 1980 जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष और महासचिव
1977 – 1985, 1993 – 2018 विधायक
1989 – 1991 सांसद
1980 – 1985 सचिव, बीजेपी राजस्थान
1986 – 1993 महासचिव, बीजेपी राजस्थान
1993 – 1998 मंत्री राजस्थान सरकार (प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा, भाषा और संस्कृत शिक्षा, भाषिक अल्पसंख्यक, देवस्थान)
1999 – 2000 अध्यक्ष, बीजेपी राजस्थान
2004 – 2008 गृह मंत्री, राजस्थान सरकार
2013 मंत्री, राजस्थान सरकार (ग्रामीण विकास और पंचायती राज)
2013 – 2018 गृह मंत्री, राजस्थान सरकार
2018 – 2023

22 फरवरी 2023 से 27 जुलाई 2024 तक

राजस्थान विधान सभा में विपक्ष के नेता

असम के 31वें राज्यपाल थे

28 जुलाई 2024 पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में कार्यरत हैं

गुलाबचंद कटारिया की संपत्ति (Gulab Chand Kataria Net Worth)

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की संपति की बात करे तो साल 2014 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के मुताबिक कटारिया साहब की संपत्ति 1 करोड़ 49 लाख 59 हजार 771 रुपये है. इनके पास 20 ग्राम सोना और इनकी पत्नी के पास 40 तोला सोना और 2 किलो चांदी है जबकि नकद 24 हज़ार रूपये है. इसके अलावा इनके पास एक टाटा सफारी और मारुती 800 है.

इस लेख में हमने आपको असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की जीवनी (Gulab Chand Kataria Biography In Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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