Tuesday, January 21, 2025
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हरिभाऊ बागडे की जीवनी | Haribhau Bagde Biography in Hindi

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Haribhau Bagde Latest News – राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 27 जुलाई 2024, शनिवार की देर रात्रि को कई राज्यों के राज्यपालो की नियुक्ति की, उन राज्यों में एक राज्य राजस्थान भी है जहाँ के राज्यपाल की भी नियुक्ति हुई. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने हरिभाऊ किसनराव बागडे को राजस्थान का राज्यपाल बनाया. इनमे से कुछ नेता ऐसे है जिनके बारें में शायद ही किसी को कुछ ज्यादा जानकारी हो, जिसमें से एक हरिभाऊ किसनराव बागडे भी है. हरिभाऊ किसनराव बागडे की नियुक्ति कलराज मिश्र के स्थान पर की गई. कलराज मिश्र का कार्यकाल  21 जुलाई, 2024 को पूरा हो गया था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नवनियुक्त राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे को बधाई दी. हरिभाऊ किसनराव बागडे कौन है, यह जिज्ञासा कई लोगो के मन में लगी है. इनके जीवन बड़े रोचक है. हरिभाऊ किसनराव बागडे कभी अखबार बेचा करते थे. आइये जानते है, अख़बार बेचने से लेकर राजस्थान के राज्यपाल बनने तक की यात्रा (Haribhau Bagde Biography in Hindi) उनकी कैसी रही!

हरिभाऊ बागडे की जीवनी (Haribhau Bagde Biography in Hindi)

पूरा नाम हरिभाऊ किसनराव बागडे
उम्र 79 साल
जन्म तारीख 17 अगस्त, 1945
जन्म स्थान महाराष्ट्र
शिक्षा 10वीं कक्षा तक
कॉलेज
वर्तमान पद राजस्थान के राज्यपाल
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति
पिता का नाम
माता का नाम
पत्नी का नाम
बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता औरंगाबाद, महाराष्ट्र
वर्तमान पता राजभवन, सिविल लाइन्स, जयपुर (राजस्थान)
फोन नंबर +91-141-2228716-19, 2228722, 2228611, 2228612
ईमेल

हरिभाऊ बागडे का जन्म और परिवार (Haribhau Bagde Birth & Family)

हरिभाऊ किसनराव बागडे का जन्म 17 अगस्त, 1945 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के फुलंबरी में हुआ था. हरिभाऊ बागडे जाति से मराठा गुर्जर है.

हरिभाऊ बागडे की शिक्षा (Haribhau Bagde Education)

उनकी पढाई औरंगाबाद के सरस्वती भवन शाला पिपरिराजा से हुई थी. हरिभाऊ किसनराव बागडे ने मात्र 10वीं कक्षा तक की पढाई की है .

हरिभाऊ बागडे का शुरूआती जीवन (Haribhau Bagde Early Life)

हरिभाऊ बागडे मूलतः महाराष्ट्र से आते है. उनका शुरूआती जीवन बहुत ही गरीबी में बीता. बताया जाता है कि स्वयं की और परिवार की आजीविका चलाने के लिए उन्हें बचपन से ही काम करना पड़ा था. उनके पिता एक गरीब किसान थे. कृषि से न्यून आय होने के कारण परिवार का भरण पोषण में बहुत कठिनाई आ रही थी. वे कई वर्षो तक महाराष्ट्र के औरंगाबाद के फुलंबरी में अखबार भी बेचा था. उन दिनों वे घर घर जाकर लोगो को अखबार दिया करते थे. खेती बारी से उन्हें बहुत लगाव था, इसी कारण उन्होंने औरंगाबाद स्थित अपने घर का नाम कृषि योग रखा हुआ है.

वे 13 वर्ष की कम आयु में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए थे और वे संघ के समर्पित कार्यकर्त्ता बन गए थे और यही से उनका राजनीति में आने का मार्ग खुल गया था.

हरिभाऊ बागडे का राजनीतिक करियर (Haribhau Bagde Political Career)

हरिभाऊ किसनराव बागडे राष्ट्रीय राजनीति के भले ही एक गुमनाम चेहरा रहे हो पर महाराष्ट्र की राजनीति में इनकी पहचान कई वर्षो पहले से ही बन चुकी है. बीजेपी के कई बड़े नेता संघ से आये हुए है और इसी परंपरा के तहत बागडे की भी राजनीति में इंट्री हुई थी. हरिभाऊ बागडे 13 वर्ष की कम आयु में ही संघ के कार्यकर्त्ता बन चुके थे और यही से इनकी राजनीति में आने के मार्ग खुल गए थे. हालांकि यह इतना भी आसान नहीं था क्योकि महाराष्ट्र में भी बीजेपी के कई बड़े दिग्गज नेता रहे है जिनको पीछे करके आगे बढ़ना कठिन था पर हरिभाऊ ने अपनी लगन और मेहनत के बल पर आगे बढ़ना जारी रखा.

हरिभाऊ बागडे ने मराठवाड़ा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उपस्थिति बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया और यही कारण रहा कि उन्हें स्थानीय राजनीति में ‘नाना’ के नाम से लोकप्रिय मिली. उस समय तक भारतीय जनता पार्टी जनसंघ के नाम से जानी जाती थी और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की पहचान तो बन गई थी पर लोकप्रियता के नाम पर अब भी वह बहुत पीछे थी. पार्टी के पास न फंड थी और न ही देशभर में फैलने के लिए समर्पित कार्यकर्त्ता. यह वह दौर था जब पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने में लगी थी. न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि देश भर के अधिकांश राज्यों में भी कांग्रेस का बोलबाला था. वैसे कठिन समय में हरिभाऊ ने पार्टी का दामन थामा और जमीनी स्तर पर काम किया. वे पार्टी का जनाधार बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई. 1980 तक हरिभाऊ बागडे जनसंघ के साथ थे.

पहली बार हरिभाऊ 1985 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद पूर्वी सीट से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे. हरिभाऊ फुलंबरी विधानसभा से पांच बार विधायक चुने गए. वर्ष 2014 में पार्टी ने उन्हें फुलंबरी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्टीय कांग्रेस (INC) के कल्याण काले के विरुद्ध खड़ा किया और वे पार्टी के विश्वास पर खरा उतरे और वहां से उन्होंने जीत दर्ज की. हरिभाऊ 2019 का विधानसभा चुनाव भी फुलंबरी से ही जीता. जब 2014 की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र में सरकार बनी तो उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. वह महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके है. इस तरह से महाराष्ट्र में उनकी पहचान ग्रामीण चेहरे के तौर पर बन गई थी पर अभी भी वे महाराष्ट्र की राजनीति तक ही सीमित थे. उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर या देश के दूसरे राज्यों में नहीं थी. लोग उन्हें नाम से नहीं जानते थे पर इसी को विराम देते हुए 27 जुलाई 2024 को हरिभाऊ बागडे को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राजस्थान का राज्यपाल घोषित कर दिया. यह पहला अवसर था जब वे अपने गृह राज्य से हटकर दूसरे राज्य में अपनी पहचान बनाई थी.

वर्तमान में हरिभाऊ किसनराव बागडे राजस्थान के 45वें राज्यपाल के पद पर आसीन है.

हरिभाऊ बागडे की संपत्ति (Haribhau Bagde Net Worth)

चुनाव के समय उनके द्वारा घोषित चल-अचल संपत्ति लगभग 25 करोड़ है.

इस लेख में हमने आपको राजस्थान के 45वें राज्यपाल हरिभाऊ बागडे की जीवनी (Haribhau Bagde Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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