vasundhara raje biography in hindi
vasundhara raje biography in hindi

वसुंधरा राजे एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी की एक दिग्गज नेता हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर दो बार आसीन हो चुकी है. इनकी गिनती राजस्थान की प्रमुख नेताओं में होती है. राजस्थान बीजेपी की प्रमुख नेत्री मानी जाती हैं. इतना ही नहीं राजस्थान की राजनीति में भी उनका खासा दबदबा है और उन्हें राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ है. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री और भारत की पहली सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री भी रह चुकी है. हम आपको राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जीवनी (Vasundhara Raje Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

वसुंधरा राजे की जीवनी (Vasundhara Raje Biography in Hindi)

नाम वसुंधरा राजे सिंधिया
उम्र 70 वर्ष
जन्म तारीख 8 मार्च 1953
जन्म स्थान मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
शिक्षा स्नातक (ऑनर्स)
कॉलेज सोफिया कॉलेज फॉर वोमेन, मुंबई
व्यवसाय राजनीतिज्ञ एवं सामाजिक कार्यकर्ता
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय श्री जिवाजीराव सिंधिया
माता का नाम राजमाता विजया राजे सिंधिया
पति का नाम महाराज राणा हेमंत सिंह
बेटे का नाम दुष्यंत सिंह
बहन का नाम यशोधरा राजे सिंधिया
भाई का नाम माधवराव सिंधिया
वर्तमान पता 13, सिविल लाइन्स जयपुर, राजस्थान 302006, भारत
संपर्क नंबर +91 141 – 2229900, 2224400

वसुंधरा राजे का जन्म, परिवार और शिक्षा (Vasundhara Raje Birth, Family & Education)

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जन्म 8 मार्च, 1953 (Vasundhara Raje Birthday) को मुंबई में हुआ. मैडम राजे ग्वालियर के राजघराने से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता ग्वालियर के महाराजा स्वर्गीय श्री जीवाजीराव सिंधिया (Vasundhara Raje Father), माँ राजमाता विजय राजे सिंधिया और भाई माधवराव सिंधिया हैं. भाई माधवराव सिंधिया कांग्रेस में मंत्री रह चुके है. वर्तमान में मैडम राजे की उम्र 70 वर्ष (Vasundhara Raje Age) है.

मैडम राजे की शादी 17 नवंबर 1972 को धौलपुर परिवार के महाराज राणा हेमंत सिंह (Vasundhara Raje Husband) से हुई थी. उनका एक बेटा दुष्यंत सिंह (Vasundhara Raje Son) जो झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.

मैडम राजे की शिक्षा मुंबई में हुई. उन्होंने सोफिया कॉलेज फॉर वूमेन, मुंबई से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की. हालाँकि, उनकी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु के कोडैकानल में स्थित प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल में हुई थी.

वसुंधरा राजे का राजनीतिक करियर (Vasundhara Raje Political Career)

मैडम राजे ने पहला चुनाव साल 1984 में मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा से लड़ा था. लेकिन उस चुनाव में तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के कारण लोगों में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति थी। नतीजा यह रहा कि इस चुनाव में वे कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण पाल सिंह के सामने भारी अंतर से हार गए. इसके बाद उसी साल मैडम राजे बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनीं. जबकि इसी साल उन्हें धौलपुर विधानसभा से जीत मिली थी. यह उनके राजनीतिक जीवन की पहली जीत थी.

वैसे तो यह सामान्य विजय कही जा सकती हैं मगर राजस्थान में जिस दौर में इन्होंने विजय हासिल की थी उस समय तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उत्पन्न सहानुभूति की लहर जोरों पर थी. जनता में इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी के प्रति सहानुभूति थी. बावजूद इसके मैडम राजे ने अपनी जीत दर्ज की. परिणाम यह हुआ कि साल 1987 में मैडम राजे को राजस्थान भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया. इससे इनका कद राजस्थान की राजनीति में स्वतः ऊंचा हो गया और इनकी गिनती राजस्थान बीजेपी के प्रमुख चेहरों में होने लगी. पार्टी को भी लगा कि जनता में इनकी मजबूत पकड़ हैं. अतः पार्टी में उनका महत्व और भी बढ़ गया.

मैडम राजे पहली बार साल 2003 में बीजेपी से राजस्थान की मुख्यमंत्री (Vasundhara Raje First Cm) नियुक्त हुई. इसके बाद उन्होंने अपना कार्यकाल को पूरा किया और इस तरह वह वर्ष 2008 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री की पद पर आसीन रही. उसके बाद वह साल 2013 में बीजेपी की ओर से पुनः राजस्थान की मुख्यमंत्री नियुक्त हुई. अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद बीजेपी राज्य में बहुमत लाने में नाकाम रही और इस कारण इन्हे साल 2018 में मुख्यमंत्री पद त्यागना पड़ा और राज्य में कांग्रेस सत्ता में आ गई. हालांकि इन्हे अपने विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज हुई.

राजनीति में वसुंधरा राजे की सफलता

राजनीति के दौर में मैडम राजे की जबरदस्त सफलता का सिलसिला चलता रहा. कहा जाएँ तो इनकी किस्मत ने खूब सहयोग दिया. कई बार तो ऐसा भी दौर आया जब पार्टी चाह कर भी इन्हे किनारा करने से बचती रही क्योकि पार्टी में एक बड़ा समूह इनका समर्थक था. किस्मत ने इनका साथ साल 2003 में भी खूब दिया. हुआ यह की जब राजस्थान में 2003 का विधानसभा चुनाव होने वाला था, ठीक उसी समय राज्य के दो प्रमुख नेता – भैरो सिंह शेखावत और जसवंत सिंह दिल्ली में स्थापित हो गए थे. भैरो सिंह शेखावत उपराष्ट्रपति बन गए थे. जबकि जसवंत सिंह केंद्रीय मंत्री में शामिल हो गए थे. इस तरह मैडम राजे के सामने मैदान खाली हो गया. अब राज्य में उनके टक्कर को कोई महत्वपूर्ण नेता नहीं था जो उन्हें चुनौती दे सकें. ऐसी परिस्थिति में बीजेपी की ओर से राजस्थान में पार्टी का प्रमुख चेहरा दिखाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इस तरह उन्हें प्रदेश में पार्टी का कमान संभालने का अवसर दिया गया और उन्हें अध्यक बनाकर उनके नाम पर चुनाव लड़ा गया. किस्मत ने एक बार इनका खूब साथ दिया. साथ भी ऐसा दिया कि राजस्थान की जनता में मैडम राजे छा गई. जनता पर इनका जादू ऐसा था कि चुनाव में इन्हे आसानी से सफलता मिल गई और पार्टी को 110 सीट पर जीत मिली. इस जीत का श्रेय मैडम राजे को दिया गया. इसलिए मैडम राजे मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुई. इस तरह मैडम राजे को राजनीति में बेतहाशा सफलता मिली.

वसुंधरा राजे का राजनीतिक यात्रा के प्रमुख बिंदु (Vasundhara Raje Political Journey)

  • पांच बार लोकसभा और पांच बार विधानसभा चुनाव जीतने वाली मैडम राजे ने पहली बार साल 1985 में विधानसभा चुनाव जीता. इसके बाद साल 2003 से लगातार झालरापाटन से चुनाव जीतती चली आ रही हैं.
  • साल 1987 में मैडम राजे राजस्थान प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष नियुक्त हुई.
  • साल 1998 से लेकर साल 1999 तक तात्कालिक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल में मैडम राजे को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया.
  • साल 1999 में ही बाद में मैडम राजे को अटल बिहारी सरकार में राज्यमंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौप दिया गया.
  • साल 2003 राजस्थान में बीजेपी के सत्ता में आने पर इन्हे राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया. मुख्यमंत्री के तौर पर इन्होने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल को पूर्ण किया. इस तरह यह 2008 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री रही.
  • इसके बाद साल 2013 से पहले सत्ता गवाने के बाद इन्होने कांग्रेस की सरकार के विरोध में लोगो को एकजुट किया और लोगो का समर्थन मिला. परिणाम यह हुआ कि साल 2013 में बीजेपी की वापसी हुई और पार्टी ने इन्हे मुख्यमंत्री नियुक्त किया.
  • लेकिन साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को हार का मुँह देखना पड़ा. परिणाम यह हुआ कि इन्हे तीसरा बार मुख्यमंत्री पद हासिल नहीं हुआ और इन्हे त्यागपत्र देना पड़ा.
  • इस तरह वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री बनने वाली बीजेपी की नेत्री हैं.
  • मैडम राजे वर्ष 1989 से 1991, वर्ष 1989 से 1996, वर्ष 1989 से 1998, वर्ष 1989 से 1999, वर्ष 1989 से 2003 तक पांच बार लगातार लोकसभा की सदस्य चुनी जा चुकी हैं.

वसुंधरा राजे के संभाले गए पद (Vasundhara Raje Political Positions Held)

वर्ष

पद 

1985-87

उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा, राजस्थान

1987

उपाध्यक्ष, भाजपा, राजस्थान

1997-1998

संयुक्त सचिव, भाजपा संसदीय दल

1998-99

केंद्रीय राज्य मंत्री

2001-2003

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

2003

अध्यक्ष, भाजपा, राजस्थान

2003

पहली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री

2009

विपक्ष नेता, राजस्थान विधानसभा

2013

दूसरी बार राजस्थान की मुख्यमंत्री

2019

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

वसुंधरा राजे की उपलब्धियों (Vasundhara Raje Achievements)

  • साल 2017 में महिलाओं के आत्म-सशक्तिकरण की दिशा में प्रदान की गई सेवाओं के लिए यूएनओ से “Women Together Award” से सम्मानित किया गया.
  • स्कोच शिखर सम्मेलन 2018 में “Best Chief Minister of the Year” का अवार्ड से सम्मानित किया गया.

वसुंधरा राजे की संपत्ति (Vasundhara Raje Net Worth)

मैडम राजे राजघराने परिवार से ताल्लुक रखती है. इस लिहाज से उनके पास बेशुमार दौलत है. साल 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के मुताबिक मैडम राजे की संपत्ति 4 करोड़ 9 लाख 82 हजार 689 रुपये है. इनके पास 3 किलो सोना और 15 किलो चांदी है जबकि नकद 1 लाख 29 हज़ार रूपये है. इंदिरा गांधी नगर, जयपुर में 3530 वर्गफुट का एक प्लॉट है जिसकी कीमत करीब 45 लाख रुपए है.

इस लेख में हमने आपको राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जीवनी (Vasundhara Raje Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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