Girija Vyas Latest News – डॉ गिरिजा व्यास कांग्रेस की बहुमुखी प्रतिभा संपन्न दिग्गज नेत्री है. वह नेत्री होने के साथ ही लेखिका और कवयित्री भी रही है. उनकी लिखी कई किताबे प्रकाशित भी है. डॉ गिरिजा व्यास स्वच्छंद विचार की तेजतर्रार स्त्री रही है. अपने तेजतर्रार व्यक्तित्व के कारण वह राज्य से लेकर केंद्र तक की राजनीति में अपनी पहचान बना चुकी है. वह दो बार महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी है. वह राज्य और केंद्र सरकार में मंत्री रहने के अलावे कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी है. 1985 से अपनी राजनीतिक यात्रा एक विधायक के तौर पर शुरू करने वाली डॉ गिरिजा व्यास चार बार सांसद भी चुनी गई है. वह तीन बार उदयपुर से तो एक बार राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी जा चुकी है. इस लेख में हम आपको पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास की जीवनी (Girija Vyas Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
गिरिजा व्यास की जीवनी (Girija Vyas Biography in Hindi)
पूरा नाम | गिरिजा व्यास |
उम्र | 78 साल |
जन्म तारीख | 08 जुलाई 1946 |
जन्म स्थान | नाथद्वारा, राजस्थान |
शिक्षा | पीएचडी |
कॉलेज | उदयपुर विश्वविद्यालय |
वर्तमान पद | पूर्व केंद्रीय मंत्री |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, व्यापार |
राजनीतिक दल | कांग्रेस |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
पिता का नाम | कृष्ण शर्मा |
माता का नाम | जमुना देवी व्यास |
पत्नी का नाम | – |
बच्चे | – |
बेटें का नाम | – |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | 21-एच, दैत्य नगरी, उदयपुर |
वर्तमान पता | 21-एच, दैत्य नगरी, उदयपुर |
फोन नंबर | (0294) 2525356 |
ईमेल | – |
गिरिजा व्यास का जन्म और परिवार (Girija Vyas Birth & Family)
गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई 1946 को राजस्थान ( राजपुताना एजेंसी) के नाथद्वारा में हुआ. उस समय देश परतंत्र था और देश का विभाजन भी नहीं हुआ था. आज का पाकिस्तान और बांग्लादेश उस समय भारत के हिस्से थे.
गिरिजा व्यास की कर्मभूमि और शिक्षा भूमि राजस्थान का उदयपुर रहा है. एक मददाता के तौर पर उनका नाम आज भी उदयपुर में ही दर्ज है.
उनके पिता का नाम कृष्ण शर्मा था जबकि उनकी माता का नाम जमुना देवी व्यास था. गिरिजा व्यास धर्म से हिन्दू है.
गिरिजा व्यास की शिक्षा (Girija Vyas Education)
गिरिजा व्यास ने डॉक्टरेट की थी. उन्होंने वर्ष 1965 में उदयपुर विश्वविद्यालय से बीए तो वर्ष 1967 एमए फिर इसके बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र में वर्ष 1971 में पी एच.डी की थी. इसी के बाद उनके नाम के आगे डॉ लगाया जाने.
गिरिजा व्यास का शुरूआती जीवन (Girija Vyas Early Life)
गिरिजा व्यास का शुरूआती जीवन एक सामान्य परिवार में बीता था. पर वह एक विदुषी (लर्नेड) महिला रही है. उनके जीवन का शुरूआती समय उच्च शिक्षा में बीता और उन्होंने आरम्भ में उसी दिशा में अपना करियर भी बनाया था. पी एच.डी करने के बाद गिरिजा व्यास ने एक उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय एवं डेलावेयर विश्वविद्यालय में पढ़ाया. गिरिजा व्यास स्वच्छंद विचार की तेजतर्रार स्त्री रही है. उन्होंने लेखन के क्षेत्र में कदम रखा और समाज में अपनी पहचान एक लेखिका और कवयित्री के रूप में भी बनाया. ये उनकी बहुमुखी प्रतिभा ही थी कि नेत्री होने के बावजूद उन्होंने कई किताबे लिखी. बताया जाता है हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ थी. इसी कारण उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन में आठ किताबे लिख चुकी थी. इन किताबो तीन में उनकी कविताएँ हैं. ‘एहसास के पार’ उनकी उर्दू कविता संग्रह वाली किताब हैं तो ‘सीप, समुंदर और मोती’ में उनकी हिंदी और जबकि जबकि ‘नॉस्टेल्जिया’ किताब में अंग्रेज़ी छंद हैं.
गिरिजा व्यास का राजनीतिक करियर (Girija Vyas Political Career)
1985 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाली गिरिजा व्यास राज्य की राजनीति से लेकर केंद्र की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान पा चुकी है. उनकी राजनीतिक यात्रा को यहां संक्षेप में देख सकते है-
गिरिजा व्यास पहली बार राजस्थान के उदयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनकर विधायक बनी. राजस्थान में पर्यटन, शिक्षा और पीडब्लूडी एवं महिला बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी को संभाला. वर्ष 1991 में गिरिजा व्यास पहली बार राजस्थान की राजनीति से बाहर निकलकर केंद्र की ओर मुड़ी.
वर्ष 1991 में गिरिजा व्यास पहली बार राजस्थान के उदयपुर लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनकर सांसद बनी. गिरिजा व्यास पहली बार कांग्रेस की पी वीं नरसिंह राव की सरकार में सूचना एवं प्रसारण उपमंत्री बनी.
गिरिजा व्यास दूसरी बार फिर से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1996 में उदयपुर से सांसद चुनी गई. गिरिजा व्यास वर्ष 1996 से लेकर वर्ष 1998 तक वह सांसद रही. पर 1998 में वह हार गई
गिरिजा व्यास तीसरी बार फिर से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1999 में उदयपुर से सांसद चुनी गई. वह 1999 से लेकर 2004 तक उदयपुर से सांसद रही. डॉ गिरिजा व्यास वर्ष 1996 से लेकर वर्ष 2004 तक अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रही.
डॉ गिरिजा व्यास वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2004 तक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की भी अध्यक्ष रही. वर्ष 2005 में डॉ मनमोहन सिंह सरकार में डॉ गिरिजा व्यास की असाधारण प्रतिभा को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया.
डॉ गिरिजा व्यास वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2011 तक राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष के पद पर रही. 2009 में डॉ गिरिजा व्यास चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गई. डॉ गिरिजा व्यास को यूपीए 2 सरकार में केंद्र में मंत्री बनाया गया. डॉ गिरिजा व्यास को मनमोहन सिंह सरकार में शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय का मंत्री बनाया गया.
गिरिजा व्यास महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में
गिरिजा व्यास दो कार्यकालों तक राष्ट्रीय महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) का अध्यक्ष रही है. गिरिजा व्यास को फरवरी 2005 में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में पांचवें राष्ट्रीय महिला आयोग के रूप में नामित किया गया. इस पद पर वह दो कार्यकालों तक अगस्त 2011 तक बनी रही. उनके बोलने की शैली और तेजतर्रार व्यक्तित्व के कारण उन्हें यह पद लगातार दो बार दिया गया.
डॉ गिरिजा व्यास के साथ दुर्घटना (Girija Vyas Health Update)
31 मार्च, 2025 को डॉ गिरिजा व्यास आग की चपेट में आ गई. घटना तब घटी जब वह अपने घर में गणगौर पूजा के थी और उनके दुपट्टे दीपक की लौ की चपेट में आ गए. इसके बाद उन्हें तत्काल उदयपुर के निजी अस्तपाल में भर्ती कराया गया. बाद में उन्हें अहमदाबाद रेफर कर दिया. बताया जाता है वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी है और जानकारी मिलने तक स्थिति नाजुक है.
गिरिजा व्यास की संपत्ति (Girija Vyas Net Worth)
2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय अपने हलफनामे में गिरिजा व्यास ने बतलाया था कि उनके पास कुल संपत्ति लगभग 1 करोड़ 52 लाख रूपये थे जबकि उनपर कोई कर्ज की राशि बकाया नहीं था.
इस लेख में हमने पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास की जीवनी (Girija Vyas Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.
- हरदीप सिंह पुरी की जीवनी
- जितिन प्रसाद की जीवनी
- कीर्ति वर्धन सिंह की जीवनी
- मुरलीधर मोहोल की जीवनी
- वीरेंद्र कुमार की जीवनी
- एच डी कुमारस्वामी की जीवनी
- जुएल ओराम की जीवनी
- जी किशन रेड्डी की जीवनी
- सी आर पाटिल की जीवनी