आईएफएस विक्रम मिस्री की जीवनी | IFS Vikram Misri Biography in Hindi

ifs vikram misri biography in hindi
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IFS Vikram Misri Latest News – जब देशो के बीच किसी समझौतों पर वार्तालाप होती है या फिर देशो के बीच किसी विवाद को दूर करने के लिए समाधान की तलाश की जाती है तब आमतौर पर मीडिया कवरेज में शीर्ष स्तर के नेताओ को मिलता है पर कम लोगो को मालुम है कि इसके पीछे असल दिमाग जिनका काम कर रहा होता है वह है ब्यूरोक्रेट्स. ये अधिकारी चुपचाप तरीके से काम करते रहते है और बड़े बड़े विवादों को हल करने में अपने अनुभवों और बुद्धि कौशल का प्रयोग करते है. इनकी रात दिन की कड़ी मेहनत के दम पर ही देश में बड़े बड़े काम बड़े ही आसान तरीके से हो जाते है और आश्चर्य की बात है कि इनका कही नाम भी नहीं होता है. न किसी टीवी चैनल वाले इन्हे हाईलाइट करते है और न ही कोई पत्रकार. ये अधिकारी हमारे देश के लिए सच्चे सपूत की भांति कार्य करते है और वह भी बिना किसी प्रकार की क्रेडिट लिए. ऐसे ही एक अधिकारी है जिनका नाम विक्रम मिस्री. विक्रम मिस्री भारत के विदेश सचिव है. उन्हें चीनी मामलो का एक्सपर्ट माना जाता है. चीन के साथ हुए गलवान विवाद को हल करने में विक्रम मिस्री की बड़ी भूमिका मानी जाती है. यही कारण है, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ख़ास आदमी माना जाता है. इस लेख में हम आपको विदेश सचिव विक्रम मिस्री की जीवनी (IFS Vikram Misri Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

आईएफएस विक्रम मिस्री की जीवनी (IFS Vikram Misri Biography in Hindi)

पूरा नाम विक्रम मिस्री
उम्र 60 साल
जन्म तारीख 7 नवंबर 1964
जन्म स्थान श्रीनगर
शिक्षा स्नातक
कॉलेज हिंदू कॉलेज
वर्तमान पद भारत के विदेश सचिव
व्यवसाय आईएफएस अधिकारी
बैच 1989
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम
माता का नाम
पत्नी का नाम डॉली मिस्री
बच्चे दो बच्चे
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

आईएफएस विक्रम मिस्री का जन्म और परिवार (IFS Vikram Misri Birth & Family)

विदेश सचिव विक्रम मिस्री का जन्म 7 नवंबर 1964 को जम्मू-कश्मीर राज्य के श्रीनगर में हुआ.

विक्रम मिस्री का विवाह डॉली मिस्री से हुआ है. उनके दो बच्चे हैं. विक्रम मिस्री हिन्दू है..

आईएफएस विक्रम मिस्री की शिक्षा (IFS Vikram Misri Education)

विक्रम मिस्री की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय बर्न हॉल स्कूल और डीएवी स्कूल के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के उधमपुर कारमेल कॉन्वेंट स्कूल में हुई. विक्रम ने अपनी स्कूली की शिक्षा ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से की. बाद में उन्होंने हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की और एक्सएलआरआई, (जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट) जमशेदपुर से एमबीए किया.

एमबीए विद्यार्थी से आईएफएस ऑफिसर तक की यात्रा

विक्रम मिस्री जमशेदपुर से एमबीए करने के बाद देश की सबसे कठिन प्रतियोगिता परीक्षा सिविल परीक्षा की तैयारी में लग गए. अपने शुरूआती दिनों में उन्होने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद तीन वर्ष तक विज्ञापन में भी काम किया था. उन्होंने मुंबई में लिंटास इंडिया और दिल्ली में संपर्क विज्ञापन में काम किया.

कठिन मेहनत और लगन के दम पर विक्रम मिस्री ने आईएफएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली और वह IFS अधिकारी के तौर पर चुने गए. विक्रम मिस्री 1989 बैच के आईएफएस अधिकारी है. पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी से लेकर डाइरेक्टर तक की भी जिम्मेदारी संभाली.

विक्रम मिस्री का आईएफएस करियर (IFS Vikram Misri Career)

विक्रम मिस्री 1989 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए. उसके बाद उन्होंने पहली पोस्टिंग के तौर पर वर्ष 1991 और 1996 के बीच ब्रुसेल्स और ट्यूनिस में भारतीय मिशनों में काम किया. विक्रम मिस्री को वर्ष 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का निजी सचिव बना दिया गया. बाद में विक्रम मिस्री प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही विदेश मंत्रालय में अलग अगल पदों पर काम किया. इसके अलावे विक्रम मिस्री विदेशों में कई भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर भी काम किया. इससे उनके अनुभवों में वृद्धि हुई.

इसके बाद विक्रम मिस्री कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में भी बड़ी जिम्मेदारी मिली. वर्ष 2012 में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निजी सचिव बहाल किया गया. लेकिन दो वर्ष के बाद मनमोहन सरकार की केंद्र से विदाई हो गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आयी. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के शासन में भी उसी पद पर बने रहे जिसपर वह कांग्रेस की मनमोहन सरकार में थे. इसके बाद विक्रम को वर्ष 2014 में स्पेन में राजदूत नियुक्त किया गया. जबकि वर्ष 2016 में उन्हें म्यांमार में राजदूत नियुक्त किया गया.

इसके बाद विक्रम मिस्री को वर्ष 2019 में चीन में राजदूत नियुक्त किया गया. यह समय उनकी सेवा का सबसे महत्वपूर्ण समय कहा जा सकता है साथ ही एक अधिकारी के तौर पर उन्हें इन्ही दिनों अपने बेस्ट सर्विस देने की भी चुनौती का सामना करना पड़ा था क्योकि इन्ही दिनों चीन के साथ भारत के संबंध सबसे बुरे दौर पर पहुंच गए थे. गलवान विवाद इस तरह से बढ़ गया था कि लग रहा था कि अब दोनों देशो के बीच होकर रहेगा. वह समय था 2020-21.

इसी समय विक्रम मिस्री चीन में भारत के राजदूत के पद पर तैनात थे. इस समय विक्रम मिस्री तनाव को कम करने के लिए दौर की बात की और जियानचाओ सहित वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के साथ कई मीटिंग भी की. अंततः विवाद पर विराम लग गया और दोनों ही देश के बीच इस मुद्दे पर तनाव में कमी आ गई.

विक्रम मिस्री की कुशल सेवा को देखते हुए उन्हें प्रोमोशन मिला और 1 जनवरी 2022 से उन्हें उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बना दिया गया.

विदेश सचिव के रूप में

विक्रम मिस्री की कुशल सेवा एवं अनुभव के कारण उन्हें नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के आरम्भ होते ही 15 जुलाई 2024 को भारत का विदेश सचिव बना दिया गया. विक्रम मिस्री भारत के 35वें विदेश सचिव है.इस लेख में हमने आपको आईएफएस अधिकारी विक्रम मिस्री की जीवनी (IFS Vikram Misri Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

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