rahul gandhi vs pm modi
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लोकसभा सदन में घुसपैठ मामले में बीती शाम एक अन्य आरोपी महेश कुमावत को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 7 दिन के लिए पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया. 13 दिसंबर को संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर लोकसभा में घुसपैठ में घटना में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 13 दिसंबर को चार आरोपी पकड़े गए थे जबकि अन्य आरोपी ललित झा ने 14 दिसंबर को सरेंडर किया था. बताया जा रहा है कि ये सभी आरोपी बेरोजगार थे और इनमें से कुछ ने बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन भी किया. अब सवाल यह उठता है कि क्या टीयर 5 की सुरक्षा तोड़ सदन में घुसे इन कथित तौर पर घुसपैठ की घटना के जिम्मेदारी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं?

इस संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान सुनिए, जो कहते हैं कि यह घटना बेरोजगारी और महंगाई की वजह से हुई है. कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि  देश में इस समय जो सबसे बड़ा मुद्दा है, वो बेरोजगारी है. बेरोजगारी का मुद्दा देश में उबल रहा है. मोदी जी की पॉलिसीज के कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा. सिक्योरिटी ब्रीच जरूर हुई है, लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण बेरोजगारी और महंगाई है.

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इधर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर-1 के विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने संसद में हाल ही में हुई घुसपैठ की घटना को छोटी चीज बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां 400 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली है, उस पर कोई नहीं बोल रहा. ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस संसद की घटना को जबरदस्ती बड़ा मुद्दा बना रही है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह घटना की तह तक जाने की बात कह चुके हैं.

इस बात में तो कोई शक नहीं है कि देश के युवा इस समय बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. कोरोना काल के बाद देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है जिसका ट्रेंड अभी तक भी कायम है. सरकारी तो दूर की बात, प्राइवेट जॉब्स तक नहीं मिल पा रही है. आईटी कंपनियां बड़ी संख्या में एम्प्लॉय कटिंग कर रही हैं. ऐसे में संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर इन युवाओं ने कुछ ऐसा ही तरीका अपनाया, जैसा क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु ने अंग्रेज शासन के वक्त पर अपनाया था. बस उन्होंने बम विस्पोट किया और इन युवाओं ने स्मोक गन का इस्तेमाल किया. हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपियों का सबसे बड़ा मकसद मीडिया में चर्चित होना था, इसलिए इनके द्वारा सत्र के दौरान संसद में प्रवेश की योजना तैयार की गई.

जांच से जुड़े दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने यह भी बताया कि आरोपियों ने संसद में कूदने से पहले कुछ दूसरे प्लान भी बनाए थे. एक आरोपी ने संसद के बाहर आत्मदाह करने के बारे में सोचा था. बाद में मन बदल दिया. यही नहीं, आरोपियों ने संसद के अंदर पर्चे बांटने पर भी विचार किया था. आरोपियों ने ये तरीका भी सर्च किया था कि आपस में ऐसे कौन से तरीके से चैट की जा सकती है, जिसे पुलिस ना पकड़ पाए. सभी आरोपी आपस में बात करने के लिए सिग्नल ऐप का इस्तेमाल करते थे, ताकि वे किसी की गिरफ्त में ना आएं.

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गौरतलब है कि 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक विजिटर गैलेरी से हाउस में कूद गए. उस समय लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे. इससे भगदड़ मच गयी और मंच पर आसीन स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को स्थिगित कर दिया. इस दौरान सागर नाम का एक युवक सदन की बेंच पर कूदते हुए आगे बढ़ने लगे. इसी बीच उन्होंने जूते से निकालकर कुछ स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा. मौके पर मौजूद सांसद गुरजीत औजला और हनुमान बेनीवाल ने युवक को पकड़ा और उसकी घुनाई कर दी. बाद में उसे सिक्योरिटी पकड़ कर ले गयी. दूसरे मनोरंजन नाम के शख्स ने जूते में छिपी स्मोक कैन हाउस में फेंकी. सदन में धुंआ फैल गया और कुछ सांसद तो बाहर तक भाग गए. बाद में सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर दिया.

इसके बाद लोकसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे दो युवाओं को भी पुलिस ने पकड़ा. इसमें हरियाणा की नीलम भी शामिल है जिसने पुलिस कर्मियों के सामने बेरोजगारी को लेकर नारे लगाए. नीलम सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रही है. अन्य आरोपी महाराष्ट्र का अमोल, बिहार से ललित और दिल्ली के महेश कुमावत का नाम भी है. सभी को गिरफ्तार किया गया है.

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भले ही इन युवाओं का सरकार को कुछ सुनाने और दिखाने का तरीका गलत रहा लेकिन युवाओं का एक तबका इनके साथ आकर खड़ा हो गया है. बेरोजगारी की मार को सहने वाले कुछ युवा इन 6 युवाओं का समर्थन कर रहे हैं. हालांकि लोकसभा सदन में इस तरह की हरकत सुरक्षा में सेंध लगाने वाली मानी जाती है लेकिन युवाओं के बेरोजगारी को लेकर किए गए प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. मोदी सरकार को इस घटना और इन प्रदर्शन को सीरियसी लेकर इस बारे में विचार करना चाहिए. अगर इस तरह के प्रदर्शन चलते रहे तो आगामी समय में इस तरह की घटनाओं में तेजी भी आ सकती है.

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