महाराष्ट्र की राजनीति में विधानसभा चुनाव बीतने के बाद भी हलचल समाप्त नहीं हो पा रही है. हालांकि यहां प्रारंभिक तौर पर विपक्षी महागठबंधन मृतप्राय: स्थिति में है लेकिन प्रदेश में पनप रहा ‘औरंगजेब विवाद’ बची कुची एमवीए पर भी भारी पड़ता दिख रहा है. इस विवाद के चलते शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव आमने सामने होते दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी इस मुद्दे पर पहले से ही हमलावर है. फिलहाल आपसी टकराव को देखते हुए कांग्रेस ने इस सब से दूरी बना रखी है.
दरअसल विधानसभा में मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा वाली टिप्पणी को लेकर सपा विधायक अबू आजमी को बुधवार को मौजूदा बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है. इस पर सपा प्रमुख आजमी के पक्ष में खड़े हो गए और आजमी की तारीफ करते हुए इस फैसले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया. उद्धव ठाकरे ने अबू आजमी के निलंबित किए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि ये निलंबन स्थायी होना चाहिए. उन्हें हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया चाहिए.
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इधर, उद्धव के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अगर निलंबन का आधार विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गुलामी में कोई अंतर नहीं रह जाएगा.’ उन्होंने ये भी कहा कि हमारे विधायक हो या सांसद, उनकी बेखौफ दानिशमंदी (बुद्धिमता) बेमिसाल है और निलंबन से कोई सच की जुबान पर लगाम नहीं लगा सकता है. अगर कुछ लोग ऐसा सोचते हैं तो ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है.
योगी पर भी भड़क चुके हैं अखिलेश
निलंबन का जिक्र करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में अबू आजमी को लेकर कहा कि सपा को उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए और उन्हें उत्तर प्रदेश लाना चाहिए ताकि उनका उपचार किया जा सके. बयान पर पलटवार करते हुए अखिलेश ने योगी को बीमार कह दिया. ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘जब आपन कुर्सी हिले तभए मन का आपा खोए, ऊ का औरन के इलाज करे जो खुदए बीमार होए.’
बीजेपी भी है आजमी पर हमलावर
अखिलेश यादव के अबू आजमी के पक्ष में खुलकर खड़ा होने पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने हमला बोलते हुए कहा कि अबू आज़मी ने क्रूरतम मुगल शासक औरंगज़ेब पर बयान देकर माफी मांग ली, लेकिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आजमी के बयान का खुला समर्थन कर यह साबित कर दिया कि उनमें क्रूर मुग़ल शासकों की आत्मा समा गई है. सपा अब ‘समाजवादी’ नहीं, समाप्त वादी पार्टी बनने की ओर स्वयं अग्रसर हो गई है. कहा कि भारत के इतिहास का सबसे निकृष्ट और क्रूर शासक औरंगज़ेब की विचारधारा ही समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की असली विचारधारा है.
इधर संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि आजमी के आपत्तिजनक बयान से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है, जिसके चलते इस सत्र के लिए उनकी सदस्यता निलंबन करने का प्रस्ताव लाया गया है.
क्या है पूरा वाक्या
महाराष्ट्र विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सपा विधायक अबू आजमी ने कथित तौर पर कहा कि औरंगजेब ‘क्रूर प्रशासक’ नहीं था और उसने कई मंदिर बनवाए. उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, न कि हिंदू और मुस्लिम के लिए. बयान पर विवाद होते देख अबू आजमी ने यूटर्न लेते हुए कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और अगर भावनाएं आहत हुई हैं तो वह अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने के लिए तैयार हैं. आजमी ने ये भी कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उन्होंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने औरंगजेब रहमतुल्लाह अली के बारे में दावा किया है. फिलहाल अखिलेश अकेले ही सपा विधायक के साथ खड़े हैं और शायद उन्हें इस मुद्दे पर ‘हाथ’ का साथ चाहिए लेकिन प्रदेश की राजनीति में 16 विधायकों वाली कांग्रेस के लिए इस गतिरोध में उतरना आसान नहीं होगा.