gehlot vs shekhawat
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Ashok Gehlot vs Gajendra Singh Shekhawat: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संजीवनी से जुड़े मानहानि के मामले में कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े मानहानि मामले में भी बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के राउज एवेन्यू सेशन कोर्ट ने मानहानि के मामले में गहलोत के खिलाफ ट्रायल को मंजूरी दे दी है. गहलोत ने मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती दी थी. अदालत ने गहलोत द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को सिरे से नकार दिया.

आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम.के. नागपाल की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. गहलोत द्वारा दायर याचिका में ट्रायल कोर्ट के समन के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के बाद 64 पेज के अपने ऑर्डर में सेशन कोर्ट ने समन के आदेश को बरकरार रखा है, यानी अशोक गहलोत को अब मानहानि मामले में ट्रायल का सामना करना पड़ेगा. अदालत ने गहलोत की निगरानी याचिका को खारिज कर दिया है.

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केंद्रीय मंत्री शेखावत के वकील आदित्य विक्रम सिंह ने बताया कि 6 जुलाई को गहलोत को अदालत द्वारा जारी समन से यह स्पष्ट होता है कि गहलोत प्रथमदृष्टया इस पूरे मामले में दोषी है. यदि ट्रायल के बाद वो दोषी करार दिए जाते हैं तो उन्हें जेल होने के साथ विधानसभा की सदस्यता खतरे में पड सकती है.

ये है पूरा मामला

राजस्थान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर बार-बार संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसी साल जोधपुर में हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने कहा था कि संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनका परिवार भी शामिल था, उनके इस बयान के बाद शेखावत ने इसी साल 3 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का मामला दायर किया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि आरोप निराधार है. अब तक पेश चार चार्जशीट में ना तो उनका ना ही उनके किसी परिवार के सदस्य का नाम आया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच के आधार पर 6 अगस्त को अशोक गहलोत को समन जारी किया था. गहलोत ने रिवीजन कोर्ट में समन को चुनौती दी थी, जिसे बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खारिज कर दिया, यानी अब कार्यवाहक मुख्यमंत्री को ट्रायल का सामना करना ही पड़ेगा.

अब तक क्या-क्या हुआ?

इस साल फरवरी 2023 में अशोक गहलोत ने संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दोषी बताया था. इसके बाद 3 मार्च 2023 को केंद्रीय मंत्री ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. दिल्ली पुलिस की जांच के आधार पर कोर्ट ने 6 अगस्त को गहलोत के खिलाफ समन जारी किया. गहलोत ने समन के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया. आज राउज एवेन्यू अदालत ने गहलोत की याचिका खारिज कर दी. ट्रायल चलाने को मंजूरी दे दी.

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