Demonstration of Hanuman Beniwal’s RLP on the Problems of Farmers. लंबे समय प्रदेश की वर्तमान गहलोत सरकार और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार पर हमला बोलते आ रहे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को किसानों की बिजली से जुड़ी समस्याओं को लेकर अजमेर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जनसभा को किया सम्बोधित. सांसद बेनीवाल ने किसानों को 8 घंटे बिना ट्रिपिंग बिजली देने की मांग के साथ ही करंट से मरने वाले किसानों को मुआवजा देने की मांग को भी उठाया. वहीं जनसभा को संबोधित करने के बाद हनुमान बेनीवाल एक रैली के साथ पंचशील स्थित डिस्कॉम मुख्यालय पहुंचकर घेराव किया.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले गहलोत सरकार ने अपने घोषणा पत्र में दिन में 6 घंटे और रात को 5 घंटे बिजली देने का किसानों से वादा किया था, लेकिन किसानों को ट्रिपिंग पर 4 घंटे बिजली मिल रही है. बेनीवाल ने कहा कि पाला पड़ने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. ऐसे वक्त में किसानों को बिजली की आवश्यकता है. सांसद बेनीवाल ने कहा कि राज्य सरकार से हमारी मांग है कि 8 घंटे बिना ट्रिपिंग के किसानों को बिजली दी जाए. इसके साथ ही राजस्थान में नए जीएसएस बनाया जाए और आमजन को भी 24 घंटे बिजली मिले. बेनीवाल ने कहा कि जिन किसानों के खिलाफ वीसीआर की कार्रवाई की गई है, उनका तुरंत निस्तारण हो.
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वहीं प्रदेश का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बन चुके आरपीएससी की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय पर सवाल उठाते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी अमित ढाका, देवाराम के परिजनों की कोचिंग में पार्टनरशिप होने की संलिप्तता सामने आई है. रीट प्रकरण में मंत्री सुभाष गर्ग और तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली का नाम सामने आया था. इसके बावजूद सरकार सीबीआई जांच नहीं करवा रही है. कांग्रेस सरकार के साथ साथ बीजेपी पर निशाना साधते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा कि वह पेपर लीक मामले में लड़ाई नहीं लड़ रही है. अगर बीजेपी चाहती तो ईडी और सीबीआई जांच करवा सकती थी. इसके साथ ही बेनीवाल ने राजस्थान उच्च न्यायालय से अपील करते हुए कहा कि मैं हाईकोर्ट से आग्रह करता हूं ऐसे मामलों में कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए. प्रदेश का 35 लाख नौजवान सरकार की ओर देख रहा है.
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इस सबके साथ ही आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सचिन पायलट की पार्टी में सुनवाई नहीं हो रही है, तो उन्हें मेरी तरह बाहर आकर सड़कों पर लड़ना चाहिए. सांसद बेनीवाल कहा कि पायलट पेपर लीक प्रकरण का मुद्दा उठा रहे हैं. पायलट इस बारे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से क्यों नहीं कहते हैं? इसके साथ बेनीवाल ने यह भी कहा कि बयानबाजी से काम नहीं चलेगा सड़क पर संघर्ष करना पड़ेगा.