Sachin Pilot's Befitting Reply to Ashok Gehlot
Sachin Pilot's Befitting Reply to Ashok Gehlot

Sachin Pilot’s Befitting Reply to Ashok Gehlot. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आलाकमान के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बयानबाज़ी पर लागू किए गए सियासी सीजफायर की अवधि समाप्त हो चुकी है. यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की पुरानी अदावत एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. सचिन पायलट ने जहां पिछले पांच दिनों से पहले प्रदेश के अलग अलग जिलों में किसान सम्मेलन के जरिए और शुक्रवार को जयपुर में महाराजा कॉलेज में छात्रों के एक कार्यक्रम के दौरान खुलकर सीएम गहलोत और उनकी सरकार पर हमला बोला है. यही नहीं खुद सीएम गहलोत भी पायलट पर इशारों में जुबानी हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. पेपरलीक प्रकरण से दोनों दिग्गजों के बीच शुरू हुई जुबानी जंग अब कोरोना और सोच समझकर बोलने की नसीहत के साथ विरोधियों की धुंआ निकालने तक आ गई है.

आपको बता दें कि हाल ही में बीते बुधवार को कर्मचारियों के साथ बजट पूर्व संवाद में बिना सचिन पायलट का नाम लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी ही पार्टी में कोरोना होने की बात कही थी. सीएम गहलोत ने कहा था कि हमने कई बड़ी चुनौतियों का सामना इस शासन में किया है. प्रदेश में कोरोना जैसी बड़ी आपदाएं आईं, उससे भी हम लड़े और इसके अलावा हमारी पार्टी में भी एक बड़ा कोरोना आ गया था, उससे भी हम लड़े. सीएम गहलोत के इस बयान पर महाराजा कॉलेज में युवा छात्रों को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने भी बिना गहलोत का नाम लिए बिना जबरदस्त पलटवार किया. पायलट ने दो टूक कहा कि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी. पायलट ने यह भी कहा कि मैं जब भी निकलता हूं तो विरोधियों का धुआं निकाल देता हूं.

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आपको बता दें कि सचिन पायलट शुक्रवार को राजस्थान कॉलेज के छात्र संघ कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान पायलट ने कॉलेज छात्रों को संबोधित करते हुए अपने भाषण में न केवल विपक्षी पार्टी पर जमकर हमला बोला, बल्कि अपनी पार्टी में खुद के विरोधियों को भी इशारों-इशारों में खूब आड़े हाथ लिया. पायलट ने कहा कि मैं किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाता. व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली-गलौच करना और कठोर शब्द बोल देना बड़ा आसान काम है, लेकिन इन बत्तीस सलाखों के पीछे जो बिना हड्डी की जीभ है उस पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि मुंह से निकली बात वापस नहीं आती है. इसलिए जब भी बोलो, सोच समझकर बोलो.

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सचिन पायलट ने आगे कहा कि अपमान कर देना, छोटी-मोटी बात बोल देना, आप सब समझते हो मेरे बारे में क्या-क्या बोला गया. यहां पायलट ने युवाओं से अपनी बात को दोहराते पूछा कि आप लोग बताओ क्या बोला मेरे बारे में? उसके बाद पायलट ने कॉलेज के छात्रों से कहा कि मैं कोई प्रोफेसर या मास्टर नहीं हूं, मैं आपसे बड़ा हूं. इसलिए मेरा दायित्व बनता है कि मैं आपको सही बात बताऊं. आपके संस्कार को जगाऊं, आप की परवरिश ऐसी होनी चाहिए कि आप सामने वाले का सम्मान करते समय वही शब्द बोलें जो आप अपने लिए सुन सकते हैं, क्योंकि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी.

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यही नहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आगे कहा कि मैंने हमेशा गरीब, किसान, मजदूर और दलित तबके की बात की है. न्याय संगत बात करता हूं. जिनसे हमने वोट लिए हैं, उनके अधिकारों की बात करता हूं. आगे पायलट ने एक बार फिर इशारों में सीएम गहलोत पर हमला बोलते हुए कहा कि जो मेरा विरोध करते हैं मैंने उनको मान-सम्मान दिया है. लेकिन जब मैं प्रचार करने जाता हूं तो विरोधियों का धुआं निकाल देता हूं. पायलट ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे, तब हमने मेहनत में कोई कमी नहीं की. संघर्ष में कोई कमी नहीं की और न ही हमारी रगड़ाई में कोई कमी रही. पायलट ने अपने बयान के जरिए यह इशारा दे दिया कि जो हमारी रगड़ाई की बात करते हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि विपक्ष में रहते हुए जो काम किया था उस समय खूब रगड़ाई हुई थी. दरअसल, यहां सचिन पायलट ने सीएम गहलोत के उस बयान पर इशारों ही इशारों में जवाब दिया जिसमें वो हमेशा रगड़ाई की बात करते हैं.

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