ERCP की बैठक में राजे की अनुपस्थिति पर गहलोत ने कसे तंज तो क्रॉस वोटिंग को लेकर दिया बड़ा बयान

ईआरसीपी को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में मैडम वसुंधरा राजे, सतीश पूनियां और गुलाबचंद कटारिया नहीं पहुंचे, जिसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किए जबरदस्त कटाक्ष, कहा- राजे के नहीं आने का कारण समझ नहीं आता या तो वो डर गईं या हाईकमान का पड़ा होगा डंडा, तो वहीं राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बोले- 8-10 वोटों के बाहर जाने की उम्मीद थी लेकिन दो ही गए

gehlot vasundhra
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Politalks.News/Rajasthan/Politalks. बीते रोज सावन के दुसरे रविवार को जहां मेघ बाबा ने मूसलाधार बारिश से प्रदेश को तर बतर रखा तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सियासी बयानबाजी की जमकर बौछार करी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के अन्य दिग्गज सीएम गहलोत के निशाने पर रहे. दरअसल, प्रदेश का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर रविवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक रखी गई थी. बैठक में परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति देकर प्रस्ताव पास किया. लेकिन ईआरसीपी की इस बैठक में मैडम राजे, सतीश पूनियां और गुलाबचंद कटारिया नहीं पहुंचे, जिसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में और पहले एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में शिरकत के दौरान जहां पूर्व सीएम राजे पर जबरदस्त तंज कसे तो वहीं अन्य भाजपा दिग्गजों को निशाने पर लिया.

रविवार शाम पहले मुख्यमंत्री आवास पर करीब 2 घंटे तक तक चली ERCP की इस बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों से प्रोजेक्ट को लेकर सीएम गहलोत ने उनकी राय जानी. वहीं, मुख्यमंत्री ने बैठक में पूर्व वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नहीं आने पर सीएम गहलोत ने नाराजगी भी जताई. नाराजगी का आलम यह रहा कि मुख्यमंत्री ने भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और वरिष्ठ भाजपा नेता रामलाल शर्मा की तरफ देखते हुए यह तक कह दिया कि आप वसुंधरा जी को कहिएगा कि हम उनकी योजना को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. उन्हें तो यहां आकर धन्यवाद देना चाहिए.

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यही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे यह भी कहा कि हमने गुलाबचंद कटारिया, सतीश पूनिया जी को भी आमंत्रित किया था, लेकिन वह बैठक में नहीं आए. क्या जनता से जुड़े इस अहम प्रोजेक्ट की मीटिंग से ज्यादा पद यात्रा जरूरी है? सीएम गहलोत ने तंज कसते हुए कहा जिस तरह हमारी सरकार की महत्वपूर्ण रिफाइनरी योजना को पिछली सरकार ने रोक दिया था लेकिन हमारी मंशा रिफाइनरी की तरह पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को रोकने की नहीं है. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री अगर योजना की घोषणा को याद नहीं रख पा रहे हैं तो हमारा फर्ज है कि हम उन्हें याद दिलाएं और उन्हें याद दिलाने में कोई दिक्कत भी नहीं होनी चाहिए. आगे सीएम गहलोत ने तल्खी के साथ कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट कर देना चाहिए कि अगर योजना किसी भी सूरत में शुरू नहीं हो सकती तो राज्य सरकार इस योजना में अपना पैसा खर्च करे.

वहीं बैठक के पहले दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक बार फिर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर जमकर कटाक्ष किए. ईआरसीपी की बैठक में मैडम राजे के नहीं आने पर कहा कि उनके नहीं आने का कारण समझ नहीं आता या तो राजे डर गई या हाईकमान का डंडा पड़ा होगा. सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि ईआरसीपी कि सर्वदलीय बैठक में वसुंधरा राजे आ रही थी, लेकिन आज मैसेज आया कि वो नहीं आ रही. अब हम इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि ऐसा क्या कारण रहा कि कल तो वे सर्वदलीय बैठक ज्वाइन करने की बात कह रही थी, लेकिन आज नहीं आ रही. सीएम गहलोत ने फिर कहा कि राजे के नहीं आने का कारण भी समझ नहीं आ रहा.

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यही नहीं पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे यह कहकर सबको चौंका दिया कि राष्ट्रपति चुनाव में हमें आशंका थी कि 8-10 से ज्यादा वोट बाहर जा सकते हैं, क्योंकि मुद्दा ही ऐसा था, फिर भी दो ही वोट बाहर गए और हम सब एकजुट रहे. सीएम गहलोत के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में हार जीत की बात ही नहीं थी, विचारधारा की लड़ाई थी और सबको मालूम था कि राष्ट्रपति कौन बन रहा है? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि सरकार को रिपीट करने के बहुत सारे फायदे होते हैं लेकिन जनता माई बाप होती है. हमारी सरकार रिपीट नहीं की तो आज रिफाइनरी का 40 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट अब 70 हजार करोड़ का हो गया है. वहीं ईआरसीपी योजना ‘वसुंधराजी’ की बनाई हुई योजना है. लेकिन हमने सरकार बनते ही 1 दिन भी उसे नहीं रोका बल्कि काम को आगे बढ़ाया.

वहीं सीएम आवास पर ईआरसीपी को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि यह इंटरस्टेट मामला है और जो इससे जुड़ी तकनीकी खामियां हैं उसे राजस्थान सरकार को दुरुस्त करके केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. राठौड़ ने कहा कि हम सब इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना करवाना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने 50% जल निर्भरता के आधार पर यह परियोजना बनाई है, जो अंतर राज्य जल समझौता का उल्लंघन है. ऐसे में इस योजना की तकनीकी खामियों को दूर करना चाहिए. हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां इंटरस्टेट का मामला नहीं है. वहीं, भाजपा विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सुझाव दिया कि आप और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक ही क्षेत्र के हैं. ऐसे में आप दोनों एक कमरे में बैठकर इस समस्या का समाधान करें और जो कमियां हैं आपस में चर्चा कर दूर करें.

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