आज रामनवमी है और आज के पावन पर्व पर प्रभु राम से अधिक भारतीय जनता पार्टी के शक्ति प्रदर्शन की छाप दिखी. कुछ ऐसा ही माहौल देखा गया पश्चिम बंगाल में, जहां अकेले कोलकाता में बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा 60 से अधिक रैलियां निकाली गयी. पश्चिम बंगाल में निकाली गयी शोभायात्राओं में सभी के हाथों में श्रीराम के भगवा झंडे और जय श्री राम के उद्घोष के बीच बीजेपी का ये शक्ति प्रदर्शन हालांकि शांतिपूर्ण रहा लेकिन इन यात्राओं में उमड़ी लाखों हिंदूओं की भीड़ तृणमूल सरकार के परेशानी बढ़ाने वाली जरूरी रही. इस दौरान पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता शुभेंदू अधिकारी ने राम नवमी के शुभ अवसर पर पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम स्थित सोनाचूरा गांव में राम मंदिर की आधारशिला भी रखी.
हालांकि शोभा यात्राओं का यह दौर शांतिपूर्ण रहा. ममता सरकार के साथ साथ स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था के माकूल इंतजाम किए गए. अकेले कोलकाता में पांच से छह हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी. उप आयुक्त और संयुक्त आयुक्त रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को शोभायात्राओं के रास्तों पर सुरक्षा की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया.
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इधर, नंदीग्राम के सोनाचूरा गांव में बीजेपी समर्थकों एवं भक्तों के उद्घोष के साथ भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखी गयी. यह वही स्थान है, जहां 6 जनवरी 2007 को स्थानीय प्रशासन के भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे कम से कम सात लोगों की उपद्रवियों द्वारा की गई गोलीबारी में मौत हो गई थी. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और हिंदू जागरण मंच सहित बीजेपी से संबद्ध हिंदूवादी संगठन भी पश्चिम बंगाल में शोभायात्राएं आयोजित कर रहे हैं.
साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश का आरोप
राज्य में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने भारतीय जनता पार्टी पर इस धार्मिक अवसर को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया. पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष के अनुसार, ‘भाजपा रामनवमी को एक राजनीतिक आयोजन में बदलने की कोशिश कर रही है. वे विकास की राजनीति में नहीं हैं, बल्कि धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहते हैं और अशांति पैदा करना चाहते हैं. बंगाल इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.’