‘यह सरकार का कानून, मानना पड़ेगा..’ वक्फ बिल पर केंद्र की दो टूक

लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित हुआ वक्फ संशोधन बिल-2024, समर्थक दलों ने दिया समर्थन, देशभर में बहस का मुद्दा बना हुआ है वक्फ बिल, जानें क्या है विवाद की वजह

Waqf Amendment Bill
Waqf Amendment Bill

Waqf Amendment Bill:  वक्फ संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो चुका है, लेकिन इस पर बहस चल रही है. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के पश्चात यह पूरी तरह से कानून की अवधारणाओं में शामिल हो जाएगा. निम्न सदन के बाद उच्च सदन में भी इस बिल को लेकर काफी घमासान हुआ. विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया लेकिन अंत में सरकार ने दो टूक में जवाब देते हुए कहा कि यह गरीबों के लिए कानून है, यह सरकार का कानून है और इसे मानना पड़ेगा.

इस बिल पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘वक्फ बिल चोरी के लिए नहीं, गरीबों के लिए है. एक मेंबर कह रहे अल्पसंख्यक स्वीकार नहीं करेंगे, क्या धमकी दे रहे हो भाई. संसद का कानून है, स्वीकार करना पड़ेगा.’ बता दें रेलवे और सेना के बाद देश में सबसे ज्यादा वक्फ की जमीन है.

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इससे पहले राज्यसभा से भी वक्फ संशोधन बिल 128 के मुकाबले 95 के वोट से पारित हुआ. वहीं लोकसभा में 288 के मुकाबले 232 मतों से पास हुआ. लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे पेश किया था. बिल को केंद्र की सरकार में शामिल TDP, JDU और LJP ने समर्थन दिया. केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू चर्चा का जवाब दिया. सदन में चर्चा के दौरान AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को ‘मुसलमानों को जलील करने वाला बिल’ बताते हुए बिल की फाड़ दी और संसद की कार्यवाही छोड़कर चले गए.

क्या है नए वक्फ संशोधन बिल में?

1. नए बिल के अनुसार, प्रॉपर्टी का मालिक ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या अन्य उपरी कोर्ट में अपील कर सकेगा. इससे पहले अपील केवल वक्फ ट्रिब्यूनल में ही की जा सकती थी.

2. वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी. इससे पहले वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को ही अंतिम माना जाता था. उसे चुनौती नहीं दी जा सकती.

3. जब तक किसी ने प्रॉपर्टी वक्फ को दान न की हो, वह वक्फ संपत्ति नहीं होगी. भले ही उस प्रॉपर्टी पर मस्जिद बनी हो. इससे पहले किसी जमीन पर मस्जिद हो या उसका उपयोग इस्लामिक कामों के लिए हो तो वह आॅटोमैटिक वक्फ संपत्ति हो जाती है.

4. वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं और अन्य धर्म के दो सदस्यों की नियुक्ति हो सकेगी. इससे पहले महिलाओं एवं अन्य धर्म के लोगों की नियुक्ति नहीं हो सकती थी.

5. जब तक कोई संपत्ति दान में न मिली हो, तब तक वक्फ बोर्ड उस पर दावा नहीं कर पाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि यह बदलाव वक्फ संपत्तियों के दावों को सीमित करेगा. यही नए बदलाव बिल में विरोध का कारण बने हुए हैं.

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