Rajasthan Assembly Budget Session 2023-24. राजस्थान की 15वीं विधानसभा और गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल का अंतिम बजट सत्र कल यानी 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगामी 8 फरवरी को अपना अंतिम बजट पेश करने जा रहे हैं. वहीं एक और जहां बीते सप्ताह कांग्रेस की आंतरिक खींचतान के चलते खुलकर शुरू हुई छींटाकशी वाली बयानबाजी के चलते राजनीतिक माहौल गर्म है, तो वहीं बजट सत्र से पहले सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा शुरू की गई जिला पॉलिटिक्स ने सीएम गहलोत की चिंता की लकीरें बढ़ा रखी हैं. चूंकि यह चुनावी साल है, ऐसे में कांग्रेस नेताओं एवं विधायकों की बहुप्रतीक्षित नए जिले बनाने की मांग पूरी होना तय माना जा रहा है. बता दें, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले सचिन पायलट व सीएम अशोक गहलोत और उनके समर्थकों पर लागू किया गया सीजफायर भी अब खत्म हो गया है, जिसके चलते दोनों दिग्गजों के बीच सियासी वार-पलटवार का दौर अपने चरम पर है. इसी बीच विधायकों की जिला पॉलिटिक्स आगामी चुनावों में सत्ताधारी सरकार को एक कदम फिर से पीछे खींच रही है.
दरअसल, राजस्थान में आधा दर्जन विधायक बजट सत्र से पहले नए जिले बनाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से आधे से अधिक कांग्रेस विधायक एवं प्रभावशाली नेता हैं जो सीएम गहलोत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वजह साफ है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड है. ऐसे में नया जिला बनता है तो विधायकों की पैठ अपने अपने इलाकों में मजबूत होगी. नए जिलों की मांग किस कदर की जा रही है, इस बात का पता इससे चल सकता है कि नए जिले बनाने को लेकर गठित राज्य स्तरीय कमेटी को प्रदेश भर में करीब 60 नए जिलों के संबंध में ज्ञापन प्राप्त हुए हैं. सूत्रों की मानें तो कमेटी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रिपोर्ट पेश कर दी है.
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आपको बता दें कि फिलहाल प्रदेश में अभी 33 जिले हैं. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में वर्ष 2008 में प्रतापगढ़ को नया जिला बना था. इसके बाद तीन बार सत्ता परिवर्तन हुआ है लेकिन प्रदेश में कोई नया जिला नहीं बनाया गया है. चूंकि अब राजस्थान की राजनीति चुनावी वर्ष में प्रवेश कर चुकी है, तो बहुत से विधायकों के बीच अपने-अपने इलाकों को जिला घोषित करवाने का संघर्ष तेज हो गया है. इसकी शुरुआत झुंझुनूं व सीकर जिलों में हो भी चुकी है. वहीं इनसे पहले बालोतरा (बाड़मेर) से कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत ने डेढ़ वर्ष पहले बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर विधानसभा के गेट पर ही अपने जूते त्याग कर सौगंध ले ली थी, जिसे वे अब तक निभा रहे हैं. वे बिना जूते पहने ही हर जगह पर नजर आते हैं. यहां तक राजस्थान से निकली राहुल गांधी की यात्रा में भी मदन प्रजापत नंगे पैर ही शामिल हुए थे और राहुल से मुलाकात भी की थी. ऐसे में प्रजापत की बालोतरा को जिला बनाने की मांग इस बजट सत्र में पूरी होना तय माना जा रहा है.
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सूत्रों की मानें तो प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गहलोत सरकार प्रदेश में नए जिलों के गठन की तैयारी कर ली है. माना जा रहा है कि गहलोत सरकार आगामी बजट में करीब आधा दर्जन नए जिलों की घोषणा कर सकती है, जिनमें कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर और भिवाड़ी जैसे कस्बे शामिल हैं. आपको बता दें कि पिछले साल के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए हाईपावर कमेटी बनाने की घोषणा की थी, इसके बाद 17 मार्च को रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. इस कमेटी को 6 महीने में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया. बाद में इसे मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया. माना यही जा रहा है कि सीएम गहलोत बजट सत्र में इन सभी 6 कस्बों को जिला घोषित कर सकते हैं.