साल 2024 के सियासी कैलेंडर के दूसरे पार्ट में हम लेकर आए हैं फरवरी माह का राजनीतिक हिसाब-किताब, जिसमें उन सभी बड़े सियासी घटनाक्रमों को शामिल किया है, जिन्होंने देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला है. झारखंड और हिमाचल की राजनीति इसमें सबसे बड़े राजनीतिक मुद्दे बने. आइए जानते हैं..
- झारखंड को मिला नया मुखिया
साल 2024 में फरवरी माह की शुरुआत में झारखंड की राजनीति सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने. उनके साथ दो और मंत्रियों ने भी शपथ ली. अवैध जमीन घोटाले में फंसे हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ये फैसला लिया गया. चंपई को सोरेन का राजनीतिक गुरू माना जाता है.
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- भतीजा पड़ा चाचा पर भारी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हुई टूट के बाद भतीजे अजित पवार अपने चाचा शरद पवार पर भारी पड़ गए. चुनाव आयोग ने अजित पवार वाली एनसीपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ही असली एनसीपी करार दिया. 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा कर दिया. इसके बाद पार्टी का नाम और सिंबल दोनों अजित पवार को मिल गए.
- उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुईं सोनिया
राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने वाली सोनिया गांधी नेहरू-गांधी परिवार की तीसरी सदस्य बन गईं. इससे पहले उमा नेहरू और इंदिरा गांधी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं. सोनिया को राजस्थान से सांसद बनाकर उच्च सदन भेजा गया.
- हिमाचल में गहराया सियासी संकट
महीने के अंत में हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक हुई. इसकी शुरुआत राज्यसभा चुनाव से हुई जिसमें 6 कांग्रेसी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. इसके चलते बिना आवश्यक संख्या के बीजेपी ने अपने प्रत्याशी हर्ष महाजन को कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ जिता लिया. क्रॉस वोटिंग से सुक्खू सरकार भी संकट में आ गई हालांकि यह संकट बाद में टल गया.