उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ में कई बड़े राजनेताओं ने डूबकी लगायी. हालांकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महाकुंभ में शामिल नहीं हुए. अब इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने लगी है. दोनों नेता बीजेपी के ‘सॉफ्ट हिन्दूत्व’ निशाने पर आ गए हैं. बीजेपी सहित कई अन्य दलों ने नेताओं ने राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के महाकुंभ न में जाने को लेकर निशाना साधा है और कांग्रेस को सस्ती राजनीति का परिचायक बताते हुए कहा कि उसकी आस्था हिंदू त्योहारों में नहीं है. प्रदेश के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह खुद को हिंदू कहलाने से डरते हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने पूछा है कि क्या राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे वास्तव में हिंदू हैं?
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केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे ने महाकुंभ में भाग नहीं लिया. वे हिंदू हैं या नहीं? धार्मिक समागम में उनकी अनुपस्थिति हिंदू परंपराओं में विश्वास की कमी को दर्शाती है. मतदाताओं को आगामी चुनाव में उनका समर्थन नहीं करना चाहिए. जनता निश्चित रूप से उन्हें सबक सिखाएगी.
‘हिंदू हृदय सम्राट कहलाने वाले महाकुंभ से दूर क्यों‘
एकनाथ शिंदे ने महाकुंभ में शामिल नहीं होने के लिए उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष किया और कहा कि वह खुद को हिंदू कहलाने से डरते हैं. शिंदे ने नाम लिए बिना संवाददाताओं से कहा, ‘जो लोग महाकुंभ में शामिल नहीं हुए, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने इसमें हिस्सा क्यों नहीं लिया? वे कहते रहते हैं कि वे हिंदू हैं. बाल ठाकरे ने नारा दिया था-गर्व से कहो हम हिंदू हैं. लेकिन अब वे खुद को हिंदू कहलाने से डरते हैं और (बाल ठाकरे को) हिंदू हृदय सम्राट कहते हैं.’ हालांकि एकनाथ शिंदे पर पलटवार करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि गंगा में डुबकी लगाने से महाराष्ट्र को धोखा देने का पाप नहीं धुल जाएगा.
बहुसंख्यक समाज को मूर्ख बना रही कांग्रेस
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर तीखा निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक ईसाई मां और पारसी पिता के बेटे के लिए हिंदू समाज के इस प्राचीन त्योहार में आस्था नहीं रखना स्वाभाविक है. मालवीय ने आगे कहा कि नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य चुनाव से पहले मंदिरों में केवल देश के बहुसंख्यक समाज को मूर्ख बनाने के लिए जाते हैं. साथ ही कांग्रेस की सस्ती राजनीति को खारिज करने का आह्वान किया.
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बीजेपी आइटी विभाग के प्रमुख मालवीय ने आगे कहा कि प्रयागराज में हाल ही में संपन्न महाकुंभ के आयोजन ने साबित कर दिया है कि देश में सनातन धर्म के सम्मान और प्रचार के लिए केवल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही खड़े हैं. देश और दुनिया के कोने-कोने से 66 करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था के इस महापर्व में भाग लिया. लेकिन कई दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस के वारिस राहुल गांधी महाकुंभ में नहीं गए. फिलहाल कांग्रेस की ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आयी है. हालांकि जवाबी प्रतिवार का इंतजार सत्ता पक्ष को भी निश्चित तौर पर है.