मराठा सम्राट छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित हिन्दी फिल्म ‘छावा’ इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर तो अपना कमाल दिखा ही रही है. साथ ही साथ महाराष्ट्र की राजनीति पर भी अपना असर छोड़ रही है. एक तरफ बीजेपी विधायक टी राजा सिंह की ओर से महाराष्ट्र में स्थित मुगल शासक औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर एक्शन की मांग उठाते हुए ‘छावा’ का जीवंत किरदार निभाया जा रहा है. वहीं औरंगजेब की शान में कसीदे पढ़ने वाले मुस्लिम नेता एवं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी अब छत्रपति शिवाजी महाराज की यशोगान कर रहे हैं. वैसे ओवैसी की जुबान से टपक रहा यह शहद यूं ही नहीं टपक रहा है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है.
छत्रपति शिवाजी महाराज का महिमा मंडन करते हुए हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हमारे मराठा भाइयों से मैं कहना चाहूंगा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की असदउद्दीन ओवैसी बहुत इज्जत करता था, करता है और इंशाअल्लाह ताला करता रहेगा…क्यों करता था क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज मुसलमानों के खिलाफ नहीं थे. ये बीजेपी का झूठा प्रोपगैंडा है.’
क्या है मुख्य वजह
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले औरंगजेब की कब्र पर चादर और फूल चढ़ाने वाले असदउद्दीन ओवैसी के विचार यूं ही नहीं बदले हैं. दरअसल, इसके पीछे चुनावी फायदे की आस है. महाराष्ट्र चुनाव में 16 सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने ताल ठोंकी तो बीजेपी ने औरंगजेब के बहाने ओवैसी को घेर लिया था. महाराष्ट्र में निकाय चुनाव होने वाले हैं. इसमें ओवैसी की पार्टी भी किस्मत आजमा रही है. अब औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाने की डिमांड होने लगी है तो छत्रपति शिवाजी का गुणगान करते हुए मराठा मतदाताओं को साधकर ओवैसी अपने उम्मीदवारों के लिए वोटों की फसल काटने की फिराक में हैं.
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इससे पहले बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने कहा, ‘जिसने मेरे संभाजी को तड़पा-तड़पा कर मारा. हमारे संभाजीनगर में उस औरंगजेब की कब्र क्यों अब तक बची हुई है. मुझे अच्छा याद है आपने कहा था कि उस औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाया जाएगा..अब वो समय आ गया है..महाराष्ट्र ही नहीं भारत के हिंदू की डिमांड है कि उस औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर जल्द से जल्द चलाएं.’
बता दें कि छावा भारतीय हिंदी भाषा की ऐतिहासिक एक्शन फ़िल्म है. यह फ़िल्म मराठा साम्राज्य के द्वितीय छत्रपति राजा सम्भाजी जी के जीवन पर आधारित है, जिनकी भूमिका विक्की कौशल ने निभाई है. यह फ़िल्म शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास ‘छावा’ का रूपांतरण है जिसे लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित किया गया है.