Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के षष्ठम सत्र की पहले दिन की कार्रवाई राज्यपाल के अभिभाषण और दिवंगतों को श्रद्धांजलि के बाद गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हालांकि सत्र के पहले ही दिन सदन में किसान आंदोलन की गूँज सुनाई दी और राज्यपाल अभिभाषण के दौरान CPI विधायक बलवान पूनिया ने भरे सदन में किसान आंदोलन के समर्थन में जमकर नारेबाजी की. अब कल से विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस शुरू होगी. 11, 12, 13 और 15 फरवरी को अभिभाषण पर बहस चलेगी. 15 फरवरी को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभिभाषण पर बहस का जवाब देंगे. 16 से 23 फरवरी को विधानसभा की कार्यवाही की छुट्टी रहेगी. 24 फरवरी को 11 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पेश करेंगे.
जैसा कि तय माना जा रहा था कि विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन में किसान आंदोलन की गूँज सुनाई दी. जहां सत्र की शुरुआत से पहले किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने के लिए ट्रैक्टर चलाकर पहुंची. हालांकि विधानसभा के गेट तक पहुंचने से पहले ही पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद विधायक इंदिरा मीणा पैदल चलकर विधानसभा के अंदर चली गईं. वहीं सत्र के शुरू होने के बाद राज्यपाल अभिभाषण के दौरान सीपीआइ विधायक बलवान पूनिया ने भरे सदन में किसान आंदोलन के समर्थन में जमकर नारेबाजी की.
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भादरा विधानसभा क्षेत्र से माकपा विधायक बलवान पूनिया ने राज्यपाल के समक्ष कागज़ लहराते हुए तीनों कृषि कानूनों को काला कानून करार दिया और केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान पुनिया ने वेल में आकर नारेबाजी की और फिर वे वहीं पर धरने पर बैठ गए. इस दौरान बलवान पूनिया ने ‘आन्दोलनजीवी जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए. इधर, मुख्य सचेतक महेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और उप सचेतक महेंद्र चौधरी ने भी पूनिया को मनाने की पूरी कोशिश की. आखिर लम्बी समझाइश के बाद विधायक बलवान पूनिया को सदन से बाहर ले जाया गया. इस दौरान वेल में हो रही इन गतिविधियों के बीच राज्यपाल का अभिभाषण जारी रहा.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभिभाषण से पहले सदन में संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों का वाचन किया. राजस्थान विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब राज्यपाल ने सदन में संविधान की प्रस्तावना व मूल कर्तव्यों का भी वाचन किया है. वहीं अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य के विज़न की रूपरेखा पेश की.
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अभिभाषण के बाद लगे ‘जय श्रीराम’ और ‘जय किसान’ के नारे
राज्यपाल अभिभाषण पूरा होने के बाद कुछ अन्य विधायकों ने भी बलवान पूनिया का साथ दिया और राज्यपाल की मौजूदगी में आन्दोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘जय किसान’ के नारे लगाए. किसानों के समर्थन में नारे लगाने वालों में कुछ कांग्रेस तो कुछ निर्दलीय विधायक रहे. वहीं भाजपा विधायकों के खेमे से ‘जय श्रीराम’ की नारेबाजी से भी सदन गुंजायमान हो गया. कुल मिलाकर सदन की कार्यवाही के पहले दिन ने ये संकेत दे दिए हैं कि मौजूदा बजट सत्र हंगामेदार रहने वाला है.