बढ़ते महिला अत्याचार व NSUI की करारी हार पर पायलट ने जताई चिंता, सत्ता-संगठन को लेकर कही ये बात

राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बड़ा संकेत देते हुए कहा अफवाहों पर नहीं जाकर इंतजार करें, सब सामने आ जाएगा, आलाकमान के निर्देश सभी मानते आए हैं, महिलाओं के साथ ही प्रदेश में दलितों, आदिवासियों के साथ बढ़ रहे अत्याचार पर जताई गहरी चिंता, राजस्थान एससी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की रखी मांग, अपराध पर कंट्रोल के लिए जालौर में दिए बयान की ताजा की याद

गहलोत का नाम लिए बगैर बोले पायलट
गहलोत का नाम लिए बगैर बोले पायलट

Politalks.News/Rajasthan/SachinPilot. बीते साल दिसम्बर में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि ‘राजनीति में जो होता है वो दिखता नहीं है और दिखता है वो होता नहीं है’, अब कांग्रेस में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सीएम गहलोत के ना करने के सवाल पर इसी बयान को कोट करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि जो हाईकमान कहेगा, वह निर्देश सब नेताओं को मानना होगा, जैसा पहले भी किसी ने कहा कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं और जो दिखता है, वो होता नहीं, इसलिए अफवाहों पर नहीं जाना चाहिए और इंतजार करना चाहिए. यही नहीं इसके साथ ही पायलट ने प्रदेश में बढ़ते महिला अत्याचारों और छात्रसंघ चुनाव में NSUI के खराब प्रदर्शन पर भी चिंता व्यक्त की.

आपको बता दें, राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने बुधवार अपने आवास पर प्रदेश के कई इलाकों से ऐसे आए सैंकड़ों लोगों की जनसुनवाई की. इस दौरान मीडिया से कई मुद्दों पर खुलकर बात की. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुद्दे पर सीएम गहलोत सहित कई नेताओं के ना करने के सवाल पर पायलट ने कहा कि सारा चुनाव घोषित हो चुका है. 22 को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा. जो है, वो सामने आ जाएगा. हम सब चाहे अपने लिए बोलें या दूसरों के लिए, जो पार्टी का निर्देश हुआ, हम सब ने पूरी लगन और ईमानदारी से उसका हमेशा पालन किया है. यहां सीएम गहलोत का नाम लिए बिना पायलट ने कहा कि राजस्थान के तमाम नेता कई बार इस बारे में बोल चुके हैं.

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इसके साथ ही हाल ही में जारी हुई एनसीआरबी की रिपोर्ट में प्रदेश में महिलाओं के साथ बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने चिंता जताई. पायलट ने कहा कि मैंने भी एनसीआरबी की रिपोर्ट देखी है. मैं समझता हूं कि दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के खिलाफ राजस्थान में हो रहे अत्याचार के मामले चिंताजनक हैं. पायलट ने राजस्थान के एससी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते हुए कहा कि कई प्रदेशों में कॉन्स्टिट्यूशन का दर्जा एससी आयोग को मिला हुआ है. एससी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के साथ ही पूरी सरकार को मिलकर काम करना चाहिए कि कैसे हम इन मामलों को मिलकर कंट्रोल करें.

वहीं सचिन पायलट ने अपने जालौर दौर के दौरान दिए गए बयान को ताजा करते हुए आगे कहा कि लोगों को समय पर न्याय मिले यह बहुत जरूरी है, ताकि किसी में इतनी हिम्मत ना हो कि गरीब, दलित पर अत्याचार करने की सोच सके. पायलट ने कहा कि मैंने जालोर में भी कहा था कि कानून बनाने से लोगों के जेहन में डर नहीं बैठता. एक्शन के जरिए ऐसा वातावरण हमें बनाना होगा कि कोई भी व्यक्ति ऐसी हिम्मत नहीं करें कि बच्चियों, दलितों और आदिवासियों पर कोई इस तरह से आक्रमण ना कर सके.

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इसके साथ ही सचिन पायलट ने राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में एनएसयूआई को मिली हार पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा बहुत सालों में पहली बार हुआ है कि एनएसयूआई सभी यूनिवर्सिटी में चुनाव हार जाए. इसे लेकर हम लोगों को चिंता करनी चाहिए कि कमी कहां रह गई, क्या कैंडिडेट सिलेक्शन गलत हुआ या प्रचार में कमी रह गई या फिर सरकार की कामयाबी और सरकार के 4 साल के कार्यकाल को हम जनता के सामने लेकर नहीं गए. पायलट ने कहा कि नौजवान प्रदेश का सबसे बड़ा हिस्सा है, नौजवानों की भावना, सोच और जो उम्मीदें हैं उनको कैसे पूरा करना है? उस पर ध्यान देना चाहिए.

सचिन पायलट में आगे कहा कि करीब प्रदेश में करीब 14 यूनिवर्सिटी में चुनाव हुए हैं. उनमें से हम एक भी जीत नहीं सके, उसमें पार्टी को भी और हमारे संगठन को भी यह चिंता करनी चाहिए कि ऐसे परिणाम क्यों आए? क्योंकि पहली बार कई सालों में ऐसा हुआ है कि यूनिवर्सिटी चुनाव में एनएसयूआई चुनाव नहीं जीत सकी. युवा देश के आने वाले भविष्य की उम्मीद हैं. उनकी सोच के अनुसार प्रदेश के संगठन और सरकार को काम करना चाहिए.

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