Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में हो रहे अवैध खनन को लेकर सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपनी ही सरकार पर शुक्रवार को पत्र लिख निशाना साधा था और आत्मदाह की धमकी भी दी थी. यहीं नहीं विधायक कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे अपने पत्र में प्रदेश सरकार में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भी जमकर निशाना साधा था. कुंदनपुर के इस पत्र का जवाब भी अब पत्र के जरिए ही आया है. प्रदेश सरकार में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने एक प्रेसनोट जारी करते हुए लिखा कि, ‘बहस का विषय यह नहीं है, की हमारी पार्टी के सीनियर सांगोद विधायक भरतसिंह जी द्वारा मुझ पर आरोप लगाए गए. वह तो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी बात या आपत्ति का बुरा नहीं मानना मैंने सीख लिया है.’ यहीं नहीं उन्होंने अपना रुख साफ करते हुए लिखा है कि उनके कार्यकाल में अवैध खनन बढ़ा नहीं बल्कि रुका है और यही कारण है कि न केवल राज्य सरकार की राजस्व में बढ़ोतरी हुई है बल्कि केंद्र सरकार ने भी उन्हें बुलाकर सम्मान दिया है.’
दरअसल भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में एक संत ने आत्मदाह का प्रयास किया. गंभीर रूप से झुलसे संत का दिल्ली के सफदरगंज में इलाज चल रहा था लेकिन शनिवार सुबह दो बजे उनका निधन हो गया. वहीं संत द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए किये गए आत्मदाह को लेकर सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने सीएम गहलोत के नाम पत्र लिख अवैध खनन पर उचित कार्रवाई की मांग की थी. कुंदनपुर ने अपने पत्र में लिखा कि, ‘प्रदेश में अवैध खनन को रोकने का एक मात्र मार्ग अगर भतरपुर के साधु वाला मार्ग ही है तो मुझे इस कारगर मार्ग पर चलकर आप तक बात पंहुचानी पड़े तो कृप्या इंतजार करे.’ यहीं नहीं उन्होंने पत्र के जरिये ही खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, ‘हाडोती की एक कहावत है “काँख में छोरा गाँव में ढिंढोरा” प्रदेश का सबसे बडा खनन माफिया तो प्रदेश का खनिज मंत्री ही है.’ सांगोद विधायक के आरोपों पर अब प्रमोद जैन भाया की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
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शनिवार को खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने एक प्रेसनोट जारी करते हुए लिखा कि, ‘बहस का विषय यह नहीं है, की हमारी पार्टी के सीनियर सांगोद विधायक भरतसिंह जी द्वारा मुझ पर आरोप लगाए गए. वह तो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी बात या आपत्ति का बुरा नहीं मानना सीख लिया. लेकिन बड़ी उल्लेखनीय बात यह है कि प्रदेश भर में अवैध खनन से लेकर अन्य समस्त कोर गतिविधियों सहित राजस्व वसूली में हमारी सरकार ने जो प्रतिमान स्थापित कर दिए, वैसा पिछली भाजपा सरकार से नहीं हो सका और तभी तो भारत सरकार ने हमारे खनिज विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा. जिससे हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री को मिल रही अनुमोदना तथा बधाईयों से विपक्ष बौखला गया.’
खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने आगे कहा कि, ‘कदाचित हमारे सीनियर मार्गदर्शक आदरणीय सांगोद विधायक भरत सिंह कहीं इनके कुप्रचार से प्रभावित हो गए होंगे, जिसके फलितार्थ उनकी नाराजगी जाहिर हुई. हकीकत यह है, कि मेरे मंत्री कार्यकाल में अवैध खनन के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही की गई.’ भाया ने इसके बाद भाजपा सरकार के 5 साल और वर्तमान कांग्रेस सरकार के 43 महीने में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई और खनन ब्लॉकों की नीलामी के साथ ही राजस्व वसूली का विवरण भी दिया. भाया ने बताया कि, ‘भाजपा सरकार के समय अप्रधान खनिज 566 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 443 प्लॉट ई नीलामी से आवंटित हुए. जबकि कांग्रेस सरकार के 43 महीने में 1500 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 1132 प्लॉट की नीलामी से.’
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वहीं प्रधान खनिज के ब्लॉक की नीलामी पिछली भाजपा सरकार में 3 ब्लॉक की हुई जबकि वर्तमान सरकार में 13 ब्लॉक की. वही भाजपा सरकार के 5 साल में अवैध खनन के 17,056 मामले हुए जबकि कांग्रेस सरकार के समय 40.831. FIR भी भाजपा सरकार में जहां 2530 थी वह बढ़कर 3698 हुई अवैध खनन में संलिप्त जब्त वाहन 14,056 थे जो वर्तमान सरकार में 39,290 हैं. वहीं अवैध खनन कर रही जब्त मशीनों की संख्या 632 भाजपा सरकार के समय रही तो वर्तमान सरकार के समय 1387 है. इसी तरीके से अवैध खनन पर जुर्माना राशि जो भाजपा सरकार के 5 साल में 100 करोड़ 33 लाख थी वह बढ़कर कांग्रेस सरकार में 43 महीने में ही 317 करोड़ 63 लाख हुई. इसी तरीके से भाजपा सरकार के 5 साल में 13959.26 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि कांग्रेस सरकार में 43 महीनों में ही 19686. 99 करोड़ हो चुकी है.
प्रमोद जैन भाया ने आगे बताया कि, ‘यह भी समझना होगा कि यह राजस्व तभी बढ़कर आया, जब हमारी सरकार ने अवैध खनन के ऊपर कड़ा अंकुश लगाकर कार्रवाई की. पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के बावजूद लक्ष्य से 1000 करोड रूपए अधिक का राजस्व प्राप्त किया गया. अवैध खनन के खिलाफ हमारी सरकार द्वारा समय – समय पर विशेष अभियान भी चलाए गए है. उसी का परिणाम है कि केंद्रीय खान मंत्री द्वारा लोकसभा में भी बताया गया कि राजस्थान में अवैध खनन के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई गई जिससे अवैध खनन कम हुआ है इसीलिए केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के खान विभाग की गत तीन वर्षो की उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए खुली नीलामी के माध्यम से नये खनन पट्टे आवंटन व खनन राजस्व के क्षेत्र में पूरे देष में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर मात्र 10 दिन पहले ही 13 जुलाई को दिल्ली बुलाकर खान विभाग, राजस्थान एवं मुझे सम्मानित किया गया है.
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इसके साथ ही प्रमोद जैन भाया ने अपने प्रेसनोट में विधायक कुंदनपुर द्वारा उठाए गए गोडावण के विषय का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जहां तक गोडावण का विषय है, इस सम्बन्ध में रिपोर्ट के मुताबिक अवगत कराना चाहूंगा कि सोरसन बारां जिले की वन भूमि का हिस्सा है, लेकिन इस क्षेत्र में गत 20-30 वर्षों में कोई गोडावण नहीं देखा गया और इसी अवधि में झालावाड़, बारां, कोटा जिले विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में राज्य की रीढ़ की हड्डी के रूप में उभर कर आये हैं. जिसके कारण पूरे क्षेत्र में विद्युत लाईनों का जाल बिछ गया है. बिजली लाईन का यह घनघोर नेटवर्क गोडावण के लिए मौत व असमय दुर्घटना का सीधा संदेश हैं. इस क्षेत्र में गोडावण के विकास का कोई भी प्रयत्न बारां के विकास को अवरूद्ध करने जैसा होगा, ऐसे में विद्युत तंत्र यदि समाप्त कर दिया गया तो बारां जिला ही नहीं समूचा राजस्थान प्रदेश विकास की दृष्टि से कई दशक पीछे चला जाएगा.
भाया ने आगे बताया कि, ‘मैं और मेरे साथी बारां के प्रति समर्पित थे हैं और जीवन पर्यन्त रहेंगे. मेरे कार्यकाल के दौरान सोरसन गोडावण क्षेत्र में कोई अवैध खनन नहीं हुआ है. मैं कांग्रेस पार्टी के प्रति सदैव समर्पित रहा हूं और मैं इस पार्टी को अपनी मां मानता हूं तथा इस दृष्टि से पार्टी में मेरे जितने भी वरिष्ठ कांग्रेसजन हैं मैं उनका मन से सम्मान करता हूं और करता रहूंगा. उनके द्वारा जो विचार व्यक्त किये गये, वे उनके व्यक्तिगत विचार हैं. भारत का संविधान हर इन्सान को अपनी बात कहने और अपने हिसाब से भाषा के उपयोग की स्वतंत्रता प्रदान करता है इसलिए उनके विचार और भाषा पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.’