राजस्थान के भजनलाल सरकार में डिप्टी सीएम एवं वित्तमंत्री दिया कुमारी ने गत दिवस विधानसभा में राजस्थान का बजट 2025-26 पेश किया. बजट में सवा लाख सरकारी नौकरी, 150 यूनिट मुफ्त बिजली, दो लाख परिवार को नए पट्टे और पेयजल कनेक्शन सहित कई जनहितकारी एवं लोकलुभावनी घोषणाओं का तौहफा दिया गया. अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार ने अपनी गारंटी भुला दी, जबकि आज भी हरियाणा में राजस्थान से 10 रुपए सस्ता पेट्रोल मिल रहा है.
पेट्रोल-डीजल के दाम पर सरकार पर हमला
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि जैसे ही यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी, राजस्थान के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि में 12 हजार रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे, लेकिन राजस्थान की बीजेपी सरकार दूसरे बजट में भी केवल 9,000 रुपए ही किसान सम्मान निधि कर सकी है.
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पेट्रोल-डीजल के दाम पर सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि गारंटी में राजस्थान में भाजपा सरकार बनने पर पेट्रोल, डीजल के दाम पड़ोसी राज्य हरियाणा के समान होने की बात कही गयी थी, परन्तु सत्ता में आते ही ये गारंटी भी सरकार ने भुला दी है. हरियाणा में राजस्थान से 10 रुपये सस्ता पेट्रोल मिल रहा है.
वहीं बीजेपी के घोषणा पत्र में बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और गेहूं की 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद की गारंटी दी गई, पर इस बजट में बाजरे की खरीद का कोई जिक्र नहीं हुआ.
आंकड़ों में युवाओं को उलझाने का प्रयास
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि पिछले बजट में राज्य सरकार ने एक साल में एक लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी. अब राज्य सरकार खुद ही मान रही है कि 59,000 नौकरियां ही दे पाई है जिनमें भी अधिकांश हमारे कार्यकाल में शुरू हुई भर्तियां थीं. सवा लाख नौकरियों की घोषणा अगले साल में की गई है, जबकि सरकार द्वारा ही अगले साल में 81,000 नियुक्तियों का कैलेंडर जारी किया जा चुका है. यह केवल आंकड़ों में युवाओं को उलझाने का प्रयास है.
पायलट ने बताया बजट को वास्तविकता से परे
इससे पहले प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम एवं कांग्रेस विधायक सचिन पालयट ने बजट को वास्तविकता से परे गरीब और आमजन के हितों के विपरीत बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने बजट भाषण में नई-नई घोषणाएं तो कर दी, लेकिन पिछले बजट में की गई घोषणाओं की वर्तमान स्थिति क्या है. यह बताने में असफल रही है. सरकार को नई घोषणाएं करने के साथ ही यह भी बताया चाहिए कि इन्हें धरातल पर किस प्रकार उतारा जाएगा.