Politalks.News/Rajasthan. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश की सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. सत्ताधारी दल के कई विधायक एवं मंत्री अपनी ही सरकार पर कई मौकों पर सवाल उठा चुके हैं. हाल ही में भरतपुर के डीग में चल रहे अवैध खनन को लेकर वहां धरना दे रहे संत द्वारा आत्मदाह के प्रयास के बाद से प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. हालांकि सीएम गहलोत ने इस मामले के आमने आने के बाद भरतपुर के सीकरी और पहाड़ी की सिवायचक भूमि को वन विभाग को सौंप दिया है. तो वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उन्हीं की पार्टी के विधायक ने पत्र लिख आत्मदाह का प्रयास करने की धमकी दी है. सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने सीएम गहलोत को पत्र लिख कहा कि, ‘प्रदेश में अवैध खनन को रोकने का एक मात्र मार्ग अगर भतरपुर के साधु वाला मार्ग ही है तो मुझे इस कारगर मार्ग पर चलकर आप तक बात पंहुचानी पड़े तो कृप्या इंतजार करे.’ यहीं नहीं कुंदनपुर ने अपने पत्र के जरिए खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भी जमकर निशाना साधा है.
दरअसल भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में साधु-संत आंदोलन पर उतर आये. विरोध जताने के लिए बुधवार को बड़ी संख्या में साधु-संत जुटे लेकिन इस दौरान आंदोलन स्थल पर एक संत ने आग लगा ली. गंभीर रूप से झुलसे संत को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. संत की हालत फिलहाल नाजुक हैं और उन्हें पहले जयपुर के अस्पताल में इलाज दिया गया और उसके बाद उन्हें दिल्ली के रैफर कर दिया गया. इस मामले के सामने आने के बाद से प्रदेश की सियासत गर्म है. हालांकि इस मामले में राज्य सरकार ने बृज क्षेत्र में स्थित सीकरी तहसील एवं तहसील पहाड़ी की धार्मिक महत्व की पहाड़ियों को सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित करने की स्वीकृति देने के साथ ही इन क्षेत्रों में खनन गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के गुरुवार निर्देश जारी किए कर दिए हैं. लेकिन सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख अवैध खनन पर रोक लगाने का आह्वाहन किया अन्यथा आत्मदाह की चेतावनी भी दी. कुंदनपुर ने अपने पत्र में लिखा कि, ‘अवैध खनन का सीधा संबन्ध गुण्डागिरी से है तथा यह शासन के संरक्षण के बिना संभव नही हो सकता है. साधु के आत्महत्या के प्रयास के बाद आपने प्रेस कान्फ्रेंस कर जिला कलक्टर व जिला प्रशासन को खनन माफिया को चिन्हित कर सख्त कार्यवाही के निर्देश प्रदान किए है.’ अपने पत्र के द्वारा कुंदनपुर ने खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भी निशाना साधा और कहा कि, ‘आपकी प्रेस कान्फ्रेंस में प्रदेश के खनिज मंत्री भी आपके साथ थे. हाडोती की एक कहावत है “काँख में छोरा गाँव में ढिंढोरा” प्रदेश का सबसे बडा खनन माफिया तो प्रदेश का खनिज मंत्री ही है.
कुंदनपुर ने अपने पत्र में आगे लिखा कि, ‘खनन मंत्री द्वारा अवैध खनन का अपने गृह जिले में रिकॉर्ड कायम किया गया है. बांरा जिले में छॉट-छॉट के भ्रष्ट अधिकारी को कलक्टर, मण्डल वन अधिकारी व अन्य उच्च पदो पर मंत्री जी द्वारा नियुक्त किया जाता है. जंगल, जमीन, नदी नालो पर अवैध खनन करवाकर भ्रष्टाचार मचा रखा है. बांरा जिले में अवैध खनन करने के कारण कई लोग मरे है. आपको सोरसन एवं गोडावन संरक्षण पर मैं अनेक पत्र लिख चुका हूँ. अवैध खनन को रोकने का एक मात्र मार्ग अगर भतरपुर के साधु वाला मार्ग ही है तो मुझे इस कारगर मार्ग पर चलकर आप तक बात पंहुचानी पड़े तो कृप्या इंतजार करे.’
यह पहला मौका नहीं है जब भरत सिंह कुंदनपुर ने अवैध खनन को लेकर अपनी आवाज उठाई है. इससे पहले भी सोरसन एवं गोडावन संरक्षण क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर भरत सिंह कुंदनपुर मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं और इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिख चुके है. खैर सियासत के जादूगर माने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मसले को किस तरह सुलझाते हैं ये तो देखने वाली बात है. लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार के मंत्री और विधायकों का सवाल उठाना सही नहीं है. ऐसे में विपक्ष को भी बैठे बिठाए इन मुद्दों के जरिये सरकार को घेरने का मौका मिल गया है.