Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की गहलोत सरकार में काफी दिनों से लंबित राजनीतिक नियुक्तियों की दूसरी सूची पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुहर लग चुकी है. इसके तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कारागृह और महिला बंदी सुधार गृह के लिए सलाहकार मंडलों का गठन किया है. इन मंडलों में विधायकों और पूर्व विधायकों को 2 साल के लिए गैर सरकारी सदस्य मनोनित किया गया है. गहलोत सरकार ने इन मंडलों में 50 से अधिक वर्तमान विधायक व पूर्व विधायकों को शामिल किया है. गृह विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है. जिन विधायकों और नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी गई उनमें गहलोत खेमे के साथ साथ पायलट गुट के नेता भी शामिल हैं, लेकिन नियुक्तियों की सूची पर अगर नजर डाली जाए तो इससे साफ़ है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने अपने कैंप के विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में ज्यादा तरजीह दी है.
आपको बता दें कि राजनीतिक नियुक्तियों की मांग को लेकर पिछले करीब साढ़े तीन साल से कई विधायक और कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं. गहलोत सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी की गई जिला कारागृह और महिला बंदी सुधार गृह के लिए सलाहकार मंडलों में सदस्यों की सूची में मौजूदा और पूर्व विधायकों सहित करीब 50 नेताओं को एडजस्ट किया गया है. बता दें, गहलोत सरकार पर आए संकट के समय भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायकों से सम्मान देने का वादा किया था. हालांकि अभी कुछ सूचियां और आना बाकी है, जिसकी भी जल्द घोषणा हो सकती है.
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शुक्रवार को गृह विभाग की तरफ से राजनीतिक नियुक्तियों की दूसरी सूची जारी कर दी गई. प्रदेश में आये सियासी संकट के बाद से ही टोंक विधायक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस के लिए परिश्रम करने वाले विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस लिस्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे को जहां ज्यादा तरजीह दी गई है तो वहीं पायलट गुट के विधायकों को भी राजनीतिक नियुक्तियों में जगह मिली है. धौलपुर में विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और विधायक रोहित बोहरा, डूंगरपुर में विधायक गणेश घोघरा और वल्लभ राम पाटीदार, श्रीगंगानगर में विधायक जगदीश चंद्र और विधायक गुरमीत सिंह, हनुमानगढ़ में विधायक विनोद कुमार और अमित चाचाण, जयपुर में विधायक आलोक बेनीवाल और विधायक गोपाल मीणा, विधायक लक्ष्मण मीणा और विधायक रफीक खान, विधायक गंगा देवी और वेद प्रकाश सोलंकी को सदस्य बनाया गया है. राज्यसभा चुनाव के दौरान खिलाड़ी लाल बैरवा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे.
खिलाड़ी लाल बैरवा अशोक गहलोत कैंप के विधायक माने जाते हैं. तो वहीं पायलट कैंप के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को सदस्य बनाया गया है. बताया जा रहा है कि चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी काफी दिनों से नाराज चल रहे थे. वहीं बांसवाड़ा में विधायक रमिला खड़िया और कांतिलाल कटारा, भरतपुर में विधायक अमर सिंह और साहब सिंह, भीलवाड़ा में विधायक गायत्री देवी और मंजू पोकरना, दौसा में विधायक गजराज खटाना और मुरली मनोहर शर्मा, अजमेर में विधायक राकेश पारीक और विधायक सुरेश टांक, अलवर में विधायक जौहरी लाल मीणा और विधायक बाबूलाल, बारां में विधायक निर्मला सहरिया और विधायक पानाचंद मेघवाल को सदस्य बनाया है.
इसी प्रकार बाड़मेर में विधायक मेवाराम जैन और विधायक मदन प्रजापत, चित्तौड़गढ़ में विधायक राजेंद्र बिधूड़ी और पूर्व विधायक सुरेंद्र जाड़ावत, चूरू में विधायक कृष्णा पूनिया और विधायक भंवरलाल शर्मा को सदस्य बनाया गया है. विधायक राजेंद्र बिधूड़ी सरकार से नाराज चल रहे थे. बिधुड़ी सीएम गहलोत पर भी निशाना साध चुके हैं. हाल ही में बिधूड़ी को धमकी भी मिली थी. जैसलमेर में विधायक रूपाराम और अब्दुल्ला फकीर को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा सलाहकार मंडल में अजमेर में किरण अग्रवाल और इशिता शर्मा, भरतपुर में मंजेश और अंजू मित्तल, बीकानेर में कन्हैयालाल झंवर और ललित तेजस्वी, दौसा में दिनेश चंद बैरवा और जुगल किशोर मीणा, कोटा में मालती शर्मा और हिमानी संतवानी, उदयपुर में एडवोकेट संगीता नागदा और शारदा शर्मा को सदस्य बनाया गया है.