NEET परीक्षा में गड़बड़ी की CBI जांच की मांग को लेकर बेनीवाल ने की मांडवीया से मुलाकात, सदन में उठाई ये मांग

हाल ही में नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने की मनसुख मंडाविया से मुलाकात, सांसद बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की CBI जांच कराने की उठाई मांग, बेनीवाल ने कहा- परीक्षा शुरू होने के 40 मिनट बाद पेपर बदले गए और नियम विरुद्ध ओएमआर सीट पर किया गया वाइटनर प्रयुक्त, जो कि बड़ी नकल होने के अंदेशे की तरफ करता है इंगित, इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में अपनी मांगो को लेकर नितिन गडकरी का ध्यान अपनी और किया आकर्षित

बेनीवाल ने NEET भर्ती परीक्षा दुबारा कराने की उठाई मांग
बेनीवाल ने NEET भर्ती परीक्षा दुबारा कराने की उठाई मांग

Politalks.News/HanumanBeniwal. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में देश भर में गड़बड़ी के मामले सामने आये हैं. ऐसा ही मामला राजस्थान के नागौर और श्रीगंगानगर जिले में भी सामने आया था. इसके बाद कोटा के सेंटर पर हुई गड़बड़ी के मामले में विद्यार्थियों ने दोबारा एग्जाम करवाने की मांग भी उठाई थी. अब एक बार फिर नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने युवाओं की इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया हैं. नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडवीया से उनके कक्ष में मुलाकात की. इस दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर संसदीय क्षेत्र के कुचामन सिटी में स्थित सेंट पॉल स्कूल में आयोजित हुई मेडिकल शिक्षा संस्थानों के यूजी में में प्रवेश की पात्रता परीक्षा NEET को रद्द करके पुन परीक्षा का आयोजन करवाने की केंद्रीय मंत्री से पत्र लिखकर मांग की है.

केंद्रीय मंत्री को दिए अपने पत्र में सांसद हनुमान बेनीवाल ने लिखा कि, ‘श्री गंगानगर और कुचामन दोनों मामलों का विस्तृत अनुसंधान करने हेतु जांच सीबीआई को देनी चाहिए. कुचामन के सेंट पॉल स्कूल में परीक्षा पूर्ण होने की अवधि के 1 घंटे बाद तक भी परीक्षा का आयोजन होता रहा और परीक्षा शुरू होते समय इरादतन केंद्र अधीक्षक व अन्य जिम्मेदारों द्वारा हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी तथा अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को हिंदी के पेपर दिए गए. वहीं परीक्षा शुरू होने के 40 मिनट बाद पेपर बदले गए और नियम विरुद्ध ओएमआर सीट पर वाइटनर प्रयुक्त किया गया. जो कि बड़ी नकल होने के अंदेशे की तरफ इंगित करता है.’

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आपको बता दें कि सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस परीक्षा के आयोजन के दिन ही श्रीगंगानगर व नागौर जिले के दोनो सेंटरों की परीक्षाओं को रद्द करके सेंटरो के सारे रिकॉर्ड जब्त करके परीक्षा पुन: करवाने की मांग की थी. केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘जिला कलक्टर नागौर द्वारा उक्त परीक्षा में हुई गड़बड़ी की समय पर रिपोर्ट नही भेजी गई. सैकड़ों छात्रों के भविष्य को दाव पर लगाकर इस सेंटर पर भारी गड़बड़ी की गई और इस सेंटर के माध्यम से न केवल यह बल्कि अन्य स्थानों पर भी पेपर आदि उपलब्ध करवाने की बात सामने आ रही है. इसलिए इस पुरे मामले की सीबीआई जांच जरूरी है. मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री में उन्हें सकारत्मक आश्वासन दिया है.

वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को लोकसभा की कार्रवाई में भाग लेते हुए लोक सभा में नियम 377 के तहत विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में बरती जा रही कौताही के मामले को उठाया. सदन में सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवम राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि, ‘अजमेर से नागौर आ रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 58 के सुदृढ़ीकरण के कार्य को मापदंडों के अनुसार नहीं किया जा रहा है और इसमें डीबीएम कम मोटाई में बिछाया जा रहा है और कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है. इसके साथ ही नागौर जिला मुख्यालय के बाहर रिंग रोड के निर्माण में घटिया सामग्री प्रयुक्त की गई तथा बाईपास के निर्माण में 10 मीटर चौड़े बाईपास का सीसी पेवमेंट का कार्य किया जो निर्माण के तुरंत बाद क्षतिग्रस्त हो गया.

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सदन में सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘क्षतिग्रस्त पेवमेंट के कारण आवागमन सुगमता से नहीं हो पा रहा है और हर वक्त दुर्घटना का खतरा बना रहता है.’ वही सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर से बीकानेर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए. बेनीवाल ने कहा कि, ‘राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में करोड़ों रुपए व्यय होने के बावजूद इस प्रकार अनियमितता करके राजकोष का दुरुपयोग कर दिया जाता है जो खेदजनक है.’ सांसद ने मामले में केंद्र के स्तर से टीम भेजकर जांच करवाने व दोषी अभियंताओं तथा निर्माण करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए उनके विरुद्ध आर्थिक दंड लगाने की मांग भी की.

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