राजस्थान (Rajasthan) में BSP के जो छह विधायक कांग्रेस (Congress) में शामिल हुए हैं, उनमें से पांच करोड़पति हैं पहले भी पार्टी बदलते रहे हैं. ये अपने क्षेत्र के ऐसे दबंग नेता हैं, जिन्हें जो पार्टी महत्व देती है, उसका दामन थाम लेते हैं. पार्टियां भी क्षेत्र के मतदाताओं में इनकी पकड़ को देखते हुए इन्हें अपने साथ जोड़ने का जैसे इंतजार ही करती रहती हैं. इन दबंग नेताओं ने बड़ी मेहनत करके राजनीति में अपना मुकाम बनाया है. ये सभी अत्यंत संपन्न नेता हैं. हालांकि विधायक वाजिब अली (Wajib Ali) ने पहली बार पार्टी बदली है.

नदबई विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक चुने गए जोगेन्द्र सिंह अवाना उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और वहीं कांग्रेस में शामिल हुए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में नोएडा से टिकट चाहते थे, नहीं मिला. वह कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हो गए और राजस्थान के नदबई विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए. 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बसपा ने टिकट दे दिया. उप्र में असफल होने के बाद वह राजस्थान में चुनाव जीत गए और उनका विधानसभा में जाने का सपना पूरा हुआ. वह स्वभाव से कांग्रेसी रहे हैं और कांग्रेस में ही उनकी जड़ें हैं. बसपा का टिकट मिलने के चुनाव जीतते ही वह कांग्रेस में प्रवेश कर गए. जोगेन्द्र सिंह अवाना करीब 22 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं.

उदयपुरवाटी क्षेत्र के विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा पहली बार 2008 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. उसके बाद वह बसपा छोड़कर मामूली अल्पमत वाली गहलोत सरकार को समर्थन देने के लिए कांग्रेस में चले गए थे और मंत्री बन गए थे. 2018 में वह फिर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनकी संपत्ति करीब 95 लाख रुपए बताई जाती है.

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किशनगढ़ बास क्षेत्र के विधायक दीपचंद भी मूलतः कांग्रेसी हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस का टिकट मिला था और वह चुनाव हार गए थे. 2018 के चुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गए. 2018 में वह बसपा में शामिल हो गए. उन्हें किशगढ़ बास क्षेत्र से टिकट मिला. वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद अब फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनकी संपत्ति करीब तीन करोड़ रुपए है.

तिजारा क्षेत्र के विधायक संदीप कुमार ने भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीति शुरू की. 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह बसपा में शामिल हो गए. वह बसपा का टिकट मिलने के बाद चुनाव जीत गए हैं. करीब 3.50 करोड़ के मालिक संदीप कुमार अब कांग्रेस में रहकर अपनी राजनीतिक हैसियत बढ़ाने का प्रयास करेंगे.

करौली क्षेत्र के विधायक लाखन सिंह 2013 में किरोड़ी लाल मीणा की पार्टी राजपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए. किरोड़ी लाल मीणा के भाजपा में चले गए तो राजपा का भी भाजपा में विलय हो गया. तब लाखन सिंह ने बसपा का दामन थामा. 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनकी संपत्ति करीब सात करोड़ रुपए है.

भरतपुर संभाग में नगर क्षेत्र के विधायक वाजिब अली आस्ट्रेलिया में शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत लौटे और बसपा के सदस्य बने. बसपा के टिकट पर 2013 में चुनाव लड़ा, जीत हासिल नहीं हुई, लेकिन वह क्षेत्र में सक्रिय रहे. 2018 में उन्हें बसपा ने फिर से टिकट दिए. इस बार उन्होंने विधानसभा चुनाव जीत लिया. अब वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.

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