Politalks.News/Congress/Sonia. हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी आलाकमान चिंता के साथ चिंतन में है. एक के बाद एक चुनावों में मिलती हार के बाद आंतरिक विरोध से जूझ रही कांग्रेस में प्राण फूंकने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हरसंभव प्रयास में लगी है. चुनावों में मिली हार के बाद आलाकमान द्वारा चुनावी राज्यों के अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया गया है और साथ ही वर्किंग कमेटी की बैठक में भी आलाकमान ने हार के कारणों को जानने के लिए कमेटी का भी गठन किया है. इसी कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि ‘कांग्रेस का पुनरुद्धार सिर्फ हमारे लिए महत्व का विषय नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र व समाज के लिए भी जरूरी है.’
मंगलवार को हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी नेताओं को पार्टी को मजबूती देने की बात कही. सोनिया गांधी ने हर लेवल पर एकता और लचीलेपन पर जोर दिया. कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने पार्टी से खफा चल रहे नेताओं को भी इशारा दिया कि वे जल्द ही कई बदलाव करने वाली हैं. वहीं एक बार फिर सोनिया गांधी ने एक और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की बात भी कही है. इसके साथ ही सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘पार्टी संगठन में हर स्तर पर एकता सर्वोपरि है क्योंकि एकता के बिना हम कुछ नहीं हैं और इसके लिए मैं जो भी जरूरी है, वह सब करने को तैयार हूं.’
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने आगे कहा कि, ‘हाल ही में आये चुनाव परिणामों से आप सभी कितने निराश हैं मैं ये अच्छी तरह से जानती हूं. ये परिणाम चौंकाने वाले और दर्दनाक दोनों रहे हैं.’ वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी कभी भी भाजपा को सदियों से हमारे विविध समाज को बनाए रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द और सद्भाव के बंधन को नुकसान नहीं पहुंचाने देगी. भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा राज्यों में राजनीतिक विमर्श का नियमित हिस्सा रहा है. भारतीय जनता पार्टी अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है.’
सीपीपी की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘कांग्रेस के लिए आगे की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है. इसमें हमारे लचीलेपन की भावना की कड़ी परीक्षा होगी.’ संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई सीपीपी की इस बैठक में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद रहे. गौरतलब है कि पांच राज्यों के हालिया चुनावों में कांग्रेस की पराजय के बाद पहली बार कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई है. बता दें, कांग्रेस संसद में सरकार को महंगाई के मुद्दे पर लगातार घेर रही है. वह पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठा रही है.
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दरअसल, आज हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में मुख्य रूप से G-23 नेताओं को भी मुख्य रूप से साधने की कोशिश की गई. ऐसा इसीलिए किया गया क्योंकि देश सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस फिलहाल आंतरिक मतभेदों से जूझ रही है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पार्टी में बदलाव की खुलेआम वकालत कर चुके हैं. पूर्व कानून मंत्री व वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो ‘घर की कांग्रेस’ को ‘सबकी कांग्रेस’ बनाने की मांग कर सीधे नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का जी-23 भी सक्रिय है, हालांकि सोनिया गांधी के हालिया डैमेज कंट्रोल उपायों से इस समूह के तेवरों में कुछ नरमी आई है.