दिल्ली में थमा चुनावी शोर, प्रचार-प्रसार पर लग गई रोक, लेकिन आप के चुनाव चिन्ह ‘झाड़ू’ का क्या, वो तो दिखेगी रोज

2012 में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों की मांगों के बीच चुनाव आयोग ने लखनऊ तथा गौतमबुद्धनगर जिलों सहित जगह-जगह लगी मायावती और हाथियों की मूर्तियों को ढकने का आदेश दिया था

पाॅलिटाॅक्स ब्यूरो. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान का शोरगुल थम गया है. चुनाव आयोग के नियमों के तहत सभी राजनीतिक दल अब न तो रैली कर पाएंगे और न ही जनसभा. इसके साथ ही उन्हें अपनी प्रचार सामग्री को भी हटाना होगा. नियमों के मुताबिक किसी भी स्थान पर किसी भी प्रकार का स्लोगन या फिर चुनाव चिन्ह भी नजर नहीं आने चाहिए. ऐसे में इंसानी मन में यह जिज्ञासा जागना स्वभाविक है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘झाड़ू‘ को दिखने से कैसे रोका जा सकता है.

चुनाव की आदर्श आचार संहिता के चलते सभी राजनीतिक दल प्रचार समाप्ति के साथ अपनी प्रचार सामाग्री को हटवाना शुरू कर देते हैं लेकिन आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह ही ऐसा है जिसका हर घर से नाता है, जो हर घर में रखा हुआ है. जिसे हटाया नहीं जा सकता हैै. वहीं दिल्ली की सड़कों पर सफाई के दौरान कई हाथों में एक साथ दिखने वाली ‘झाड़ू‘ को कैसे रोका जा सकता है. नियम है कि चुनाव प्रचार थमने के बाद चुनाव चिन्ह का उपयोग नहीं किया जा सकता है.

याद दिला दें, यूपी में बहुजन समाज पार्टी की मायावती सरकार के समय करोडों की लागत से पार्कों में हाथियों की प्रतिमाएं बनवाई गईं थीं जबकि हाथी बसपा का चुनाव चिन्ह है. 2012 में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों की मांगों के बीच चुनाव आयोग ने लखनऊ तथा गौतमबुद्धनगर जिलों सहित जगह-जगह लगी मायावती और हाथियों की मूर्तियों को ढकने का आदेश दिया था.

लखनऊ में डाक्टर भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल तथा स्मृति उपवन में जहां हाथियों की मूर्तियों को पीली पॉलीथीन और कपड़े से ढका गया, वहीं मायावती के बुतों को लकड़ी के ढांचे से पोशीदा किया गया था. इसके साथ ही नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर भी बसपा के प्रतीक चिन्‍ह रूपी मूर्तियों को ढका गया था. वहीं मायावती और हाथी की मूर्तियों को ढकने का काम मायावती के पैतृक गांव बादलपुर तथा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में बने पार्को समेत अनेक स्थानों पर किया गया था.

ऐसे में दिल्ली विधानसभा के चुनावों में आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह झाडू को लेकर राजनीकि हलकों में जबर्दस्त चर्चा बनी हुई है. क्योंकि झाड़ू तो दिल्ली के हर घर से लेकर दिल्ली की सभी सड़कों पर आज भी नजर आएगी और कल चुनाव शुरू होने के पहले से पूरे दिन भर जब जब गंदगी होगी निकाली ही जाएगी. आप पार्टी के चुनाव चिन्ह झाडू को लेकर निर्वाचन आयोग के पास भी ऐसा कोई फार्मूला नहीं है, जिस पर किसी तह का संज्ञान लिया जा सके. यानि आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह झाडू का हर घर में उपयोग होना लाजमी भी है और जरूरी भी, जिसे रोका नहीं जा सकता.

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आप के नेता अपने चुनाव चिन्ह पर गर्व करते हैं, जनता के बीच दिए भाषणों में कहते रहे हैं कि झाड़ू से अपने घर की गंदगी को साफ कीजिए, मतदान जरूर कीजिए. यह भाषा संकेतों की है लेकिन इसमें सच्चाई है कि आप नेताओं को झाडू चुनाव चिन्ह का अतिरिक्त लाभ मिल रहा है. खैर, दिल्ली चुनाव के लिए चुनाव प्रचार थमने के साथ ही अब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रत्याशियों ने अब मतदाताओं के देवरे ढोकने का काम शुरू कर दिया है. दिल्ली में कल यानी 8 फरवरी को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी, जिसके नतीजे 11 फरवरी को आएंगे.

पॉलिटॉक्स की विनती: पॉलिटॉक्स न्यूज़ अपने दिल्ली के दर्शकों और पाठकों से अपील करता है कि 5 साल में एक बार आने वाले लोकतंत्र के इस महापर्व को सब मिलकर मनाएं, हर मतदाता अपने मत का प्रयोग कर दिल्ली में विकासोन्मुखी सरकार बनाएं, जय हिंद🙏🙏

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