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संसद में शीतकालीन सत्र के 19 दिनों के कार्यकाल में शायद ही कोई दिन ऐसा निकला हो, जहां हंगामा नहीं हुआ हो. फिर नेता प्रतिपक्ष बन राहुल गांधी ने सत्र के पहले ही दिन भगवान शिव की फोटो दिखाना हो या फिर एकलव्य की कहानी सुनाना या फिर गुरुवार को कथित तौर पर राहुल गांधी द्वारा बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को धक्का मारना, सभी में विरोध और हंगामे का जिक्र है. कुल मिलाकर संसद में जनता के सर्वोधार से जुड़े किसी मुद्दे पर चर्चा न हो सकी. इसकी वजह कांग्रेस ने बतायी है और इसे अडाणी मुद्दे से भटकाने के लिए बीजेपी की स्ट्रैटजी बताया है.

दरअसल, सांसद की शपथ लेने के पहले दिन से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सदन में अडाणी का मुद्दा उठा रहे हैं. उनकी ओर से दो सवाल किए गए हैं. पहला – देश में अधिकांश योजनाओं के टैंडर अडाणी एंड ग्रुप्स को क्यों दिए जा रहे हैं? दूसरा – हाल में एक मैग्जिन द्वारा अडाणी ग्रुप्स को भ्रष्टाचारी बचाए जाने के बाद उन पर कोई कार्रवाई क्यों नही ंकी गयी? हालांकि सदन का यह नियम है कि जो व्यक्ति सदन में मौजूद न हो, उन पर बहस नहीं की जा सकी. इसके बावजूद राहुल गांधी जनमानस के तौर पर इन सवालों के जवाब मांग रहे हैं. वहीं बीजेपी इस मुद्दों से हटते हुए कांग्रेस को उन्हीं के बयानों में गोल मोल करके फंसा रही है. नया मुद्दा अंबेडकर से जुड़ा हुआ है.

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मौजूदा सत्र में कांग्रेस संविधान को लेकर सत्ताधारी पक्ष पर हावी हो रही है. इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने ये कहकर हंगामे को आग दे दी कि अंबेडकर की जगह भगवान का नाम लेते हुए स्वर्ग मिल जाता. बस कांग्रेस ने इसे लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस मुद्दे पर करीब करीब हर विपक्ष ने उनका साथ दिया. इसी कड़ी में संसद भवन में एनडीए और विपक्ष के कुछ सांसदों के बीच धक्का मुक्की हो गयी. इसी धक्का मुक्की में राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को धक्का मार दिया जिससे वे गिर गए और उनके सिर पर चोट आयी है. पार्टी के एक अन्य सांसद मुकेश राजपूत ने भी राहुल पर यही आरोप लगाए.

इस घटनाक्रम के बाद एक ओर बीजेपी के नेता राहुल गांधी को खलनायक बनाने पर तुले हैं. बीजेपी ने तो राहुल गांधी पर न केवल हत्या का मामला दर्ज कराया. वहीं एक महिला सांसद ने राहुल गांधी पर नजदीक आने और धमकाने का आरोप जड़ जड़ दिया. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर स्वयं के खिलाफ मसल पावर दिखलाने का आरोप जड़ा है. राहुल ने बीजेपी सांसदों द्वारा उन्हें संसद में जाने से रोकने और धमकाने के आरोप लगाए. इस पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने राहुल गांधी एवं कांग्रेस को अहंकारी कहकर संबोधित किया है. उन्होनंे कहा कि कांग्रेस ने गुंडे.पहलवान संसद में भेजे हैं.

खैर जो होना था, वो तो हो चुका. शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है और हंगामे के बीच सत्र की कार्रवाई रद्द करना निश्चित है. ऐसे में जनता के सरोकार से जुड़े मुद्दों का चर्चा विहीन रहना भी निश्चत है. अब देखना ये होगा आने वाले सदन के अगामी सत्र में पक्ष और विपक्ष के बीच किस तरह का माहौल कायम रहता है.

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