महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में सबकी नजर अगले मुख्यमंत्री पर टिकी है. प्रदेश और महायुति की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया गया है. साथ ही देवेंद्र फडणवीस को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है. अब लगता है कि पूर्व सीएम एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को ये बात रास नहीं आ रही है. हालांकि उन्होंने पद से इस्तीफा जरूर दे दिया है, लेकिन सीएम बनने की लालसा को अब तक दबा नहीं पाएं हैं. शायद यही वजह रही कि सरकार का दावा पेश करने राज्यपाल भवन पहुंचे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे गैर मौजूदगी रहे.
यह भी पढ़ें: ’32 सालों का साथ कोई ऐसे नहीं छोड़ देता..’ बीजेपी से आए अनिल झा का करारा वार
सीएम की राह इतनी भी आसान नहीं
महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर एकनाथ शिंदे की नाराजगी के बाद राह इतनी आसान नहीं है. शिंदे सीएम न बनाए जाने को लेकर नाराज चल रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी नाराजगी में जाहिर कर दी है. हालांकि कहा यही जा रहा है कि अमित शाह के कहने के बाद शिंदे ने उनकी बात मान ली है लेकिन ऐसा नहीं है. राज्य में संभावित ढाई ढाई साल के सीएम का फॉर्मूला भी फेल हो गया है. वैसे इस बार बीजेपी के पास शिवसेना के रूप में एक आखिरी रास्ता नहीं है. इस बार बीजेपी चाहे तो अजित पवार के साथ मिलकर भी सरकार बना सकती है, लेकिन शिवसेना को अपने साथ बनाए रखना चाहेगी. वहीं शिवसेना के नेता अभी भी एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने को लेकर अड़े हुए हैं.
क्यों नाराज हैं एकनाथ शिंदे
शिंदे की पार्टी के नेता भले ही यह कह रहे हों कि एकनाथ शिंदे वही करेंगे जो मोदी और शाह कहेंगे. लेकिन इस बयान के पीछे भी कई मायने छिपे हैं. दरअसल एकनाथ शिंदे अभी भी खुद को सीएम पद का दावेदार मान रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने इस मुद्दे पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं से बातचीत की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि वह जल्द ही दिल्ली का रुख कर सकते हैं और एक बार फिर पीएम मोदी व शाह से बात कर सकते हैं.
अब भी बरकरार सीएम का सस्पेंस
चुनाव के नतीजे आने के चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सीएम पद के नाम पर सस्सपेंस बना हुआ है. इसकी बड़ी वजह एकनाथ शिंदे को ही माना जा रहा है. दरअसल बीजेपी फिलहाल महायुति में किसी तरह का टेंशन नहीं चाहती है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि शिंदे को भी खुश रखा जाए और बाकी स्थितियों से भी बखूबी निपटा जाए. इसके लिए किसी नए फॉर्मूले को लाने पर मंथन हो रहा है.
क्या बोल गए रामदास आठवले
इस बीच एनडीए के सहयोगी दल के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के एक बयान ने महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई कर दिया है. एकनाथ शिंदे ने भले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि अब वह मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं. मोदी सरकार में मंत्री आठवले ने उन्हें केंद्र में जाने की नसीहत दे डाली है. मीडिया से बातचीत में रामदास आठवले ने कहा है कि शिंदे को केंद्र का रुख कर लेना चाहिए. वहीं अजित पवार की एनसीपी को बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहिए. अब देखना ये होगा कि अब महाराष्ट्र में बीजेपी एकनाथ शिंदे को खुश करने के लिए कौनसा नया मार्ग अपनाती है.