राजस्थान में मौजूदा वक्त में कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन सियासी पारा है कि नीचे आने का नाम तक नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी की हालिया जयपुर दौरा और उसके बाद प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की प्रधानमंत्री से दिल्ली में मुलाकात से सियासी हलचल तेज है. हालांकि इस मुलाकात को हफ्ता भर गुजर चुका है लेकिन राजस्थान के सियासी गलियारों में जो हलचल मची है, उसकी वजह से कई तरह के कयास लगने भी शुरू हो गए हैं. कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ तो वसुंधरा राजे की ताजपोशी की आशंका भी जता चुके हैं.
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दरअसल, पीएम मोदी बीते 17 दिसंबर को ईआरसीपी के कार्यक्रम में शामिल होने जयपुर के दादिया गांव में पधारे थे. यहां उनकी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मंच पर मुलाकात हुई. कहने को ये मुलाकात महज चंद मिनट की थी लेकिन इसके मायने काफी ज्यादा थे. पीएम ने अपने भाषण में भी वसुंधरा राजे की पूर्ववर्ती सरकार की जमकर तारीफ की थी. सियासी अटकलों ने जोर तब पकड़ा, जब पीएम मोदी सभा खत्म होने के बाद लौट रहे थे. तब उन्हें विदाई देते समय वसुंधरा राजे भी मंच पर थी. पीएम मोदी ने वसुंधरा राजे का अभिवादन स्वीकार किया और दोनों के बीच लगभग दो से तीन मिनट की बातचीत हुई.
पीएम दौरे के तुरंत बाद दिल्ली पहुंची राजे
पीएम के जयपुर दौरे के महज दो दिन बाद ही वसुंधरा राजे दिल्ली पहुंचीं. संसद के कक्ष में वसुंधरा राजे और पीएम मोदी के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी. जैसे ही अगले दिन पीएम के साथ वसुंधरा राजे की मुलाकात की तस्वीर सामने आई तो राजस्थान में सियासी भूचाल आ गया. नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता तक इस मुलाकात को वसुंधरा राजे के सियासी पुनर्वास से जोड़ा जाने लगा.
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राजस्थान के सियासी पारे ने तो गति तब पकड़ी, जब पीएम मोदी से वसुंधरा की मुलाकात के अगले कुछ दिनों में राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी दिल्ली गए और वहां वे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिले. सीएम भजन लाल की मुलाकात को भी वसुंधरा राजे और पीएम की मुलाकात से जोड़कर देखा जाने लगा और अटकलों का बाजार गर्म हो गया.
क्या राजे फिर बनेंगी प्रदेश की सीएम?
इन मुलाकातों से उपजी सियासी हलचल पर ध्यान दें तो इससे यह बात निकलकर सामने आ रही है कि क्या वसुंधरा राजे फिर से राजस्थान की सीएम बन सकती है? इसका जवाब सीधा और बिल्कुल साफ है नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बात पीएम मोदी ने अभी जयपुर में ख़ुद सीएम भजनलाल शर्मा और उनकी टीम की जमकर तारीफ कर चुके हैं. दूसरी बात, सीएम भजनलाल शर्मा ने हाल में उपचुनाव में सात में से पांच सीट जीती हैं और तीसरी और सबसे अहम बात कि राजस्थान में अभी सीएम बदलने की कोई वजह नहीं दिखती. ऐसे में वसुंधरा राजे को सीएम बनाने की संभावना नहीं दिखती.
वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने की करें तो यह बेहद दूर की कौड़ी लगती है. वजह है कि पार्टी अध्यक्ष के लिए बीजेपी और संघ साझा नाम तय करेगा और वो नाम ऐसा तो जरूर होगा जिसकी वजह से आने वाले समय में उन राज्यों में पार्टी को फायदा मिले, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हो. राजे इस कसौटी पर खरी नहीं उतरती दिख रहीं.
मंत्रिमंडल फेरबदल में उलटफेर की संभावना
अब चर्चा एक अन्य कयास की करें तो वसुंधरा राजे से पीएम ने राजस्थान की राजनीति का और सरकार के कामकाज का फीड बैक लिया. ये कयास काफ़ी हद तक सही साबित हो सकता है. इसकी वजह ये है कि भजनलाल सरकार का एक साल पूरा हो चुका है. सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड गड़बड़ है इसलिए मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा है. सीएम भजनलाल शर्मा की दिल्ली में पीएम और गृह मंत्री से मुलाकात इसी अनुमान की एक कड़ी हो सकती है. ऐसे में आगामी वक्त में मंत्रिमंडल फेरबदल में वसुंधरा समर्थक अगर मंत्री पद हासिल कर लें तो कोई आश्चर्य नहीं. हालांकि पीएम मोदी से वसुंधरा राजे की मुलाकात से कोई बड़ा बदलाव या फैसला होगा, फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं नजर आती.