कर्नल बैंसला को याद कर CM गहलोत ने साधा BJP पर निशाना- इस अपराध से कभी मुक्त नहीं होगी भाजपा

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के मजबूत इरादों को पाकिस्तानी सेना भी नहीं डिगा सकी, कृतसंकल्पित होने के कारण वे अपने साथियों के बीच जाने 'रॉक ऑफ जिब्राल्टर' के नाम से, मुझे प्रसन्नता है कि कर्नल बैंसला द्वारा किसी भी आंदोलन में मेरी सरकार द्वारा नहीं किया गया किसी भी प्रकार का बल प्रयोग- अशोक गहलोत

सीएम गहलोत ने किया कर्नल बैंसला को नमन
सीएम गहलोत ने किया कर्नल बैंसला को नमन

Politalks.News/AshokGehlot. स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला की अगुवाई में 17 अगस्त को झुंझुनूं के खेतड़ी से शुरू हुई कर्नल बैंसला की अस्थि विसर्जन यात्रा सोमवार को 26वें दिन पुष्कर में खत्म हुई. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों का विसर्जन पुष्कर के 52 घाटों पर सोमवार शाम करीब चार बजे हुआ. कर्नल की अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के साथ साथ एक सभा का भी आयोजन किया गया. गुर्जर समाज के साथ रेबारी, राइका, देवासी, गड़रिया, बंजारा, गाडरी, गायरी, गाड़िया-लुहार समाज के लोग भी भारी संख्या में जुटे. इसके साथ ही कई सियासी चहेरे भी इस रैली में नजर आए. तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नल बैसला को उनकी जयंती पर नमन किया. इस दौरान सीएम गहलोत ने भाजपा सरकार के दौरान की गई गोलीबारी में जान गंवाने वाले गुर्जर भाइयों को याद करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि, ‘भाजपा इस अपराध से कभी मुक्त नहीं हो सकती.’

आज अजमेर के पुष्कर में शाम चार बजे कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला की अस्थियों का विसर्जन किया गया. इस दौरान आयोजित सभा में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय सिंह बैंसला को मंच पर समाज के सामने साफा पहनाकर उनकी विरासत सौंपी गई. वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला की जयंती पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उन्हें नमन किया. सीएम गहलोत ने एक प्रेसनोट जारी करते हुए कहा कि, ‘कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने हिंडौन के मूंडिया गांव से लेकर देश-दुनिया में नाम कमाने के सफर में कर्नल बैंसला ने तमाम मुश्किलों का सामना किया. एक सैन्य अधिकारी के रूप में कर्नल बैंसला ने 1962, 1965 एवं 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया. 1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्हें युद्धबंदी तक बनाया गया परन्तु पाकिस्तानी सेना भी उनके मजबूत इरादों को डिगा नहीं सकी. कृतसंकल्पित होने के कारण अपने साथियों के बीच वो ‘रॉक ऑफ जिब्राल्टर’ के नाम से जाने जाते थे.

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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद कर्नल बैंसला समाजसेवा एवं सामाजिक चेतना के कार्य में लग गए. सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े गुर्जर समाज के उत्थान के लिए कर्नल बैंसला ने समाज के लिए आरक्षण की मांग की एवं इसके लिए कई दफा आंदोलन किए. आरक्षण आंदोलन के दौरान मेरी कई बार उनसे मुलाकात एवं वार्ता हुई. मैंने देखा कि वो एक बेहद सुलझे हुए इंसान थे जो हमेशा अपने समाज को आगे रखकर चलते थे. उनके मजबूत इरादों का एक उदाहरण ये है कि इस बार जब उन्होंने कुछ मांगों को लेकर आंदोलन किया तब वो कोविड से संक्रमित थे परन्तु समाज के लिए वो शारीरिक कष्ट सहकर भी अपनी मांगों पर अडिग रहे.’

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गुर्जर आंदोलन का जिक्र करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘मुझे प्रसन्नता है कि कर्नल बैंसला द्वारा समाज के लिए की गई मांग को मेरी सरकार के कार्यकाल में पूरा किया गया एवं मेरे कार्यकाल में उनके नेतृत्व में किए गए किसी भी आंदोलन में मेरी सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया गया. कर्नल बैंसला जब अस्वस्थ हुए तब मेरी उनसे व उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले डॉक्टरों से लगातार बात होती रहती थी. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का आज जन्मदिवस एवं अस्थि विसर्जन है. यह दुखद है कि वो आज हमारे बीच नहीं हैं परन्तु गुर्जर समाज के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा. मैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूँ. भाजपा सरकार के दौरान की गई गोलीबारी में जान गंवाने वाले 72 गुर्जर भाइयों के परिवारों के लिए आज भी हमारे मन में पीड़ा है. भाजपा इस अपराध से कभी मुक्त नहीं हो सकती.

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